दुकाने बंद कर कड़कड़ाती धूप में गुमटी व्यापारियों का जबरदस्त धरना-प्रदर्शन
रेलवे बोर्ड
द्वारा
700 दुकानों
के
किराये
में
हुई
400 गुना
वृद्धि
से
आहत
है
व्यापारी
व्यापारी नेता
अजीत
सिंह
बग्गा
की
चेतावनी
बढ़ा
किराया
वापस
नहीं
लिया
गया
तो
पूरे
शहर
में
होगा
उग्र
आंदोलन
लगातार तीन
घंटे
तक
चले
प्रदर्शन
के
बाद
व्यापारियों
ने
जनसंपर्क
अधिकारी
राजेश
कुमार
को
सौंपा
मातीन
सूत्रीय
मांग
पत्र
आरोप 3 साल
पहले
जिन
दुकानदारों
का
किराया
1200 रुपये
था,
अब
उनसे
32000 रुपये
वसूले
जाने
की
नोटिस
दर
नोटिस
भेजी
जा
रही
है
किराए में
400 फीसदी
वृद्धि
किया
जाना
व्यापारियों
का
उत्पीड़न
है
: योगिता
तिवारी
सुरेश गांधी
वाराणसी। बरेका गुमटी मार्केट की दुकानों के
किराएं में एक झटके
में 400 फीसदी वृद्धि किए जाने से
आहत लगभग 700 दुकानदारों को पारा सोमवार
को इस चिलचिलाती धूप
में सातवे आसमान पर पहुंच गया।
अपनी जान की परवाह
किए बगैर व्यापारियों ने
अपनी दुकाने बंद कर बरेका
प्रशासनिक भवन के सामने
भूखे-प्यासे रहकर वाराणसी व्यापार
मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा
के नेतृत्व में तीन घंटे
तक जबरदस्त धरना-प्रदर्शन किया।
काफी मान-मनौवल के
बाद व्यापारियों ने तीन सूत्रीय
मांगपत्र बरेका महाप्रबंधक द्वारा भेजे गए जनसंपर्क
अधिकारी राजेश कुमार को सौंपा। राजेश
कुमार द्वारा आश्वासन दिया गया कि
उनकी मांगे रेलवे बोर्ड के उच्च अधिकारियों
तक पहुंचा दिया जायेगा। धरना
प्रदर्शन करने वालों में
बड़ी पुरुषों के साथ व्यापारी
महिलाएं भी शामिल रहीं।
वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत
सिंह बग्गा ने बताया कि
अल्टीमेटम देने के बावजूद
बरेका प्रशासन द्वारा गुमटी मार्केट के दुकानदारों की
मांगों की लगातार अनदेखी
की जा रही है।
इससे आक्रोशित होकर आज सुबह
व्यापारियों ने अपनी दुकाने
बंद कर बरेका प्रशासन
के खिलाफ जुलूस निकाला। जुलूस विभिन्न रास्तों से होता हुआ
प्रशासनिक भवन पहुंचा और
धरना-प्रदर्शन किया। तीन घंटे तक
चले धरना-प्रदर्शन के
दौरान वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों
ने महाप्रधंक से मिलाने के
आश्वासन पर उन्हीं की
अगुवाई में बरेका व्यापार
मंडल की संयोजिका योगिता
तिवारी सहित चार व्यापारी
नेता कार्यालय पहुंचे। लेकिन उन्हें उप मंडल प्रबंधक
से मिलाया गया और महाबंधक
मिलने से इनकार दिया।
इससे इससे आक्रोशित व्यापारी
मुख्यद्वार पर जमीन पर
बैठकर ही अपना प्रदर्शन
जारी रखा। बाद में
महाप्रबंधक द्वारा अपने कुछ ही
घंटे के बाद सेवानिवृत
होने का हवाला देते
हुए व्यापारियों से आंदोलन खत्म
करने का आग्रह करते
हुए जनसंपर्क अधिकारी को पत्रक लेने
के लिए भेजा। व्यापारी
नेता अजीत सिंह बग्गा
ने जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार को अपनी तीन
सूत्रीय मांग पत्र सौपा।
योगिता तिवारी ने बताया कि
बरेका के इस फैसले
से वाराणसी व्यापार मंडल से संबंद्ध
बरेका व्यापार मंडल अपना आंदोलन
तेज करेगा। उनका आरोप है
कि बरेका प्रशासन ने दुकानदारों को
लाखों रुपए के बिल
थमा दिए हैं। जबकि
3 साल पहले जिन दुकानदारों
का किराया 1200 रुपये था, अब उनसे
32000 रुपये वसूले जाने की नोटिस
दर नोटिस भेजी जा रही
है। बरेका प्रशासन के इस अड़ियल
एवं तानाशाही रवैये से न सिर्फ
व्यापारियों के लिए दुकानदारी
घाटे का साबित हो
रहा है, बल्कि उनके
घर-परिवार के लोग मानसिक
उत्पीड़न के भी शिकार
हो रहे हैं। धरना
प्रदर्शन में बरेका संरक्षिका
योगिता तिवारी, संरक्षक सदस्य अखिलेश पाठक, बरेका अध्यक्ष रमेश सिंह, राजेश
सिंह महिला मंडल प्रिया अग्रवाल,
मनीष गुप्ता महामंत्री संजय निरंकारी युवा
अध्यक्ष सत्यप्रकाश, राजीव वर्मा, साहेल कुरैशी, चांदनी पूर्वाचल अध्यक्ष सोनी खान, विश्वनाथ
दूबे, रमेश भारद्वाज, रवींद्र
जायसवाल, ओमप्रकाश राजभर, महामंत्री बरेका राजनारायण सिंह, समाजसेवी प्रतिभा सिंह एवं हिमाशु
गुप्ता आदि के साथ
भारी संख्या में महिला एवं
पुरुष दुकानदार शामिल रहे।
अजीत सिंह बग्गा
ने कहा कि देश
की अच्छी चल रही मोदी
योगी की सरकार को
बदनाम करने का कार्य
बरेका के अधिकारी कर
रहे हैं। जबकि सरकार
गरीबों को रोजगार देने
का कार्य कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि
रेलवे बोर्ड की गाइडलाइन में
ऐसा कोई आदेश नहीं
है जिसका हवाला देकर ये एक
साथ किराये में 400 गुना वृद्धि कर
व्यापारियों का उत्पीड़न कर
रहे हैं। इसके चलते
भारी संख्या में महिलाएं आज
कामकाज छोड़कर धरने पर बैठने
को मजबूर हैं। दकानदारों की
इस पीड़ा से आहत
वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत
सिंह बग्गा ने दो टूक
में बरेका प्र्रशासन को चेताया है
कि यदि शीघ्र ही
बढ़ी हुई दर वापस
नहीं लिया गया तो
अफसरों के खिलाफ आर
पार की न सिर्फ
लड़ाई होगी, बल्कि सड़कों पर भी उतरा
जायेगा। इस दौरान जो
भी क्षति होगा, उसके लिए बरेका
प्रशासन जिम्मेदार होगा। बग्गा ने कहा कि
बरेका ने मनमर्जी से
किराए में वृद्धि कर
दी है, जिसे दे
पाना दुकानदारों के वश से
बाहर है। खास यह
है कि कारोबारी बढ़े
हुए किराए को लेकर कई
बरेका प्रशासन से कई बार
शिकायतें कर चुका है,
बावजूद इसके उन्हें आश्वासन
की घुट्टी पिलायी जा रही है।
जबकि बरेका की ओर से
जारी किए बिलों में
कई खामियां भी हैं, जिन्हें
लेकर वे डीआरएम से
भी बात कर चुके
हैं लेकिन वहां से भी
कोई राहत मिलती नजर
नही आ रही है।
मास्टर सुर्कुलर के आधार पर किराए में वृद्धि : राजेश
जनसंपक
अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि
पहले बरेका गुमटी मार्केट दुकानों के किराए की
गणना आधार वर्ष 1986 भूमि
सर्कल दर के अनुसार
की जा रही थी।
वर्तमान में दुकानों के
दर की गणना 2022 में
रेलवे भूमि के प्रबंधन
के लिए जारी मास्टर
सर्क्युलर के दिशानिर्देश अनुसार
किया जाना है। मास्टर
सर्क्युलर के दिशानिर्दशो के
अनुसार दुकानों के दर की
गणना हेतु आधार वर्ष
2019-20 के भूमि
सर्किल रेट के अनुसार
किया जाना है। संशोधन
के बाद भी 104 वर्गफीट
क्षेत्रफल वाली दुकानों का
मासिक दर मात्र 2125 रुपये
प्रति माह है। किराए
की गणना रेलवे बोर्ड
के दिशानिर्देश पर आधारित है
जो पूरे भारतीय रेलवे
पर लागू होता है।
बरेका प्रशासन की तानाशाही क्षम्य नहीं : बग्गा
अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि बरेका अधिकारियों द्वारा दुकानों की पैमाइश भी गलत ढ़ंग से की जा रही है और हर साल दुकानदारों से बढ़ा हुआ किराया लिया जा रहा है। बग्गा ने कहा कि वाराणसी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है और व्यापारी उनके एक आह्वान पर कुछ भी करने के लिए तैयार होते है। इसके बावजूद बनारस रेल कारखाना परिसर में 700 से भी अधिक आवंटित दुकानों के किराए में एक-दो साल में ही 400 फीसदी वृद्धि किया जाना इस बात का संकेत है कि वह व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे है। उनके इस हरकत से व्यापारी परिवारों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। इसकी बड़ी वजह यह है बरेका सिविल विभाग के अधिकारियों द्वारा रेलवे बोर्ड के नाम का गलत इस्तेमाल करके सर्किल रेट एवं आवंटित क्षेत्रफल पर मनमाने ढंग से गणना करना है। इस विषय में सभी साक्ष्यों के साथ पिछले 6 महीने से लगातार व्यापार मंडल स्थानिय जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर बरेका महाप्रबंधक से अनेकों बार वार्ता कर समस्या से अवगत करा चुका हैं। हर बार महाप्रबंधक आश्वास करते हैं की त्रुटियों को सही कराया जाएगा, किंतु गलत बिल की वापसी एवं उचित किराया बिल अभी तक जारी नहीं किया गया है। साथ ही गलत बिल पर ब्याज जोड़कर नोटिस पर नोटिस भेजी जा रही है।
आजीविका का एकमात्र साधन बारेका बाजार
अजीत सिंह बग्गा
ने कहा कि वाराणसी
व्यापार मंडल व्यापारियों के
साथ हमेशा खड़ा रहता है।
आज बरेका का दुकानदार, जिसका
पिछले 20 सालों से आजीविका का
एकमात्र साधन बारेका बाजार
है। इसके सहारे उनके
परिवार का भरण पोषण
होता हैं लेकिन बरेका
के इस हरकत से
उनके परिवार पर आने वाली
भुखमरी के संकट की
आशंका से वो मानसिक
उत्पीड़न झेल रहा है।
हालांकि मोदी योगी शासनकाल
में ऐसा नहीं हो
सकता, पर यदि बरेका
प्रशासन इस प्रकार का
उत्पीड़न कर रहा है
तो यह घोर निंदनीयस
हैं। इसकी जितनी भी
भर्त्सना की जाएं कम
है। यह
प्रधानमंत्री के चुनाव का
समय है। यदि प्रशासन
नहीं चेता तो इन
छोटे दुकानदारों की आवाज ऊपर
तक पहुंचाई जाएगी। बरेका व्यापार मंडल संरक्षिका योगिता
तिवारी ने बताया कि
बाजार में 50 फीसदी महिला दुकानदार हैं, जिनके रोजी-रोटी के प्रति
प्रशासन को संवेदनशील होना
चाहिए। लेकिन प्रशासन उनके उत्पीड़न पर
आमादा है। दुकानदारों के
इस उत्पीड़न से बरेका निवासी
कर्मचारी गृहणियां भी आक्रोश में
है, क्योंकि उनकी रोजगार की
जरूरत को यही बाजार
कम बजट में पूरा
करता है। बरेका व्यापार
मंडल के सुरक्षा अध्यक्ष
रमेश सिंह ने बताया
कि कुछ दुकानदार प्रशासन
के दबाव में रोजगार
का एकमात्र साधन अपनी दुकान
को बचाने के लिए किसी
भी प्रकार किराया जमा करने के
चक्कर में सुदखारों के
चंगुल में भी फंसे
जा रहे हैं, जो
आने वाले भविष्य में
गंभीर समस्या बन सकता है।
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