धार्मिक स्थलों पर सैलानियों की बढ़ती आमद से रोजगार को भी लगे पंख
काशी
में
जीबीसी
- 4.0 में
हुए
एमयूओ
से
अब
तक
449 करोड़
निवेश
कर
चार
नए
होटल
प्रारंभ
हो
गए
है।
838 करोड़
की
लागत
से
शीघ्र
शुरू
होंगे
11 नए
हाईटेक
होटल.
प्रयागराज महाकुंभ -2025 में उमड़ने वाले
लाखों
विदेशी
सैलानियों
व
भारतीय
श्रद्धालुओं
के
अवसर
को
भुनाने
के
लिए
होटल
कारोबारी
तैयार.
बता दें, किसी भी
देश,
प्रदेश
या
जनपद
की
बढ़ती
अर्थव्यवस्था
में
पर्यटन
की
अहम
भूमिका
होती
है।
आंकड़ों
की
माने
तो
भारत
के
पर्यटन
उद्योग
देश
के
सकल
घरेलू
उत्पाद
में
लगभग
9.2 फीसदी
का
योगदान
देता
है।
यह
उद्योग
प्रत्यक्ष
या
अप्रत्यक्ष
रूप
से
अर्थव्यवस्था
व
रोजगार
को
लाभ
पहुंचा
सकता
है
सुरेश गांधी
धार्मिक पर्यटन ने यूपी में सैलानियों को विभिन्न विकल्प उपलब्ध कराएं है। सरकार के प्रयासों से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या, श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा और काशी प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रुप में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। आने वाले दिनों में प्रयागराज का महाकुंभ - 2025 पर्यटकों की संख्या में चार चांद लगायेगा। मतलब साफ है विश्व पटल पर चमक बिखेर रहे काशी, अयोध्या, मथुरा व प्रयागराज सूबे की अर्थव्यवस्था मजबूत तो होगी ही, रोजगार के भी अवसर बढेंगे। पर्यटकों से होने वाली आमदनी या रोजगार का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा, अकेले काशी में मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) में से चार नए अत्याधुनिक होटल, रिसॉर्ट और वेलनेस सेंटर प्रारंभ हो चुके हैं। जबकि 838 करोड़ की लागत से 11 और हाइटेक होटल निर्माण की तैयारी है।
खास तौर से
तब जब प्रयागराज 2025 का
महाकुंभ में भारत ही
नहीं सात समुंदर पार
से भी लाखों की
संख्या में विदेशी सैलानी
पहुंचने वाले हैं। इन्हीं
अवसरों के मद्देनजर काफी
संख्या में होटल इंवेस्टर
भी बनारस, अयोध्या व मथुरा में
आधुनिक होटल खोलने की
योजना बना रहे है।
इनमें से एमओयू के
4 होटल, रिसॉर्ट और वेलनेस सेंटर
का तो शुभारंभ भी
हो चुका हैं। जानकारी
के मुताबिक ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 में हुए एमओयू
से करीब 449 करोड़ के निवेश
से 4 होटल मेहमान नवाजी
के लिए शुरू हो
चुके हैं। इसमें रिसोर्ट
और वेलनेस सेंटर भी हैं, जिससे
लगभग एक हजार से
अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध
हुआ है। वहीं 838 करोड़
की लागत से 11 होटल
जल्द शुरू होंगे। इनमें
कई बड़े और नामचीन
होटल भी हैं। इनके
खुलने से रोजगार के
हजारों अवसर सृजित होने
की संभावना है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री
जयवीर सिंह ने बताया
कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में
बहुत तेजी से विकास
कर रहा है. पर्यटन
स्थलों के साथ-साथ
पर्यटक सुवविधाओं का विकास किया
जा रहा है. अयोध्या
का विश्व की सुंदरतम नगरी
के रूप में विकास
हो रहा है. उन्होंने
बताया कि उत्तर प्रदेश
को इससे ज्यादा फायदा
होगा. वर्ष 2022 में अयोध्या में
कुल 2.39 करोड़ पर्यटक आए थे. इसमें
2.39 करोड़ घरेलू और 1,465 विदेशी थे. अयोध्या में
वर्ष 2023 में 5.7 करोड़ लोगों ने भ्रमण किया.
इसमें 5.7 घरेलू और 8,468 विदेशी पर्यटक थे. पर्यटन मंत्री
ने बताया कि भगवान शिव
की नगरी के रूप
में विश्व विख्यात काशी में वर्ष
2022 में कुल 7.12 12 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे. इसमें 7.11 करोड़
घरेलू और 83,741 विदेश से आने वाले
सैलानी थे. यहां वर्ष
2023 में कुल 8.5 करोड़ पर्यटक पहुंचे, जिसमें 8.52 में 8.52 करोड़ घरेलू और 201,904 विदेश से आने वाले
पर्यटक थे. खास बात
यह है कि घरेलू
पर्यटकों के साथ-साथ
विदेश से आने में
पर्यटकों की संख्या में
तेजी से वृद्धि हो
रही है. काशी में
वर्ष 2022 की तुलना में
2023 में .1.18 लाख से ज्यादा
विदेशी पर्यटक बढ़े हैं. इसी
तरह अयोध्या में वर्ष 2022 में
1,465 जबकि 2023 में 8,468 विदेशी पर्यटक आए थे. इस
हिसाब से सात हजार
पर्यटक बढ़ गए. मंत्री ने
बताया कि 22 जनवरी 2024 को रामलला की
प्राणप्रतिष्ठा के बाद यहां
श्रद्धालुओं और पर्यटकों का
रेला उमड़ रहा है.
काशी विश्वनाथ के
नए स्वरूप को देखकर भक्त
निहाल होते हैं. यहां
श्रद्धालुओं की संख्या में
दिनों दिन वृद्धि देखी
जा रही है. मंदिर
प्रशासन की तरफ से
जारी आंकड़ों के अनुसार बाबा
काशी विश्वनाथ के खजाने में
रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है.
बीते 7 वर्षों के आंकड़ों में
बाबा के खजाने में
चार गुना की बढ़ोतरी
बताई जा रही है.
श्री काशी विश्वनाथ धाम
कॉरिडोर का लोकार्पण दिसंबर
2021 में हुआ था. इसके
बाद से ही न
केवल प्रमुख तिथियों पर बल्कि सामान्य
दिनों में भी रिकॉर्ड
संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना
जारी है. देश के
अलग-अलग हिस्सों से
पहुंचे श्रद्धालुओं का बाबा के
प्रति अपार स्नेह देखा
जाता है. इसी क्रम
में लोग अपनी श्रद्धा
अनुसार बाबा को चढ़ावा
भी अर्पित करते हैं. काशी
विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से
मिली जानकारी के अनुसार 2017 से
2024 के बीच में बाबा
काशी विश्वनाथ के खजाने में
चार गुना की वृद्धि
देखी गई है.
प्राचीनतम और नवीनतम व्यवस्थाओं
से युक्त मंदिर परिसर को देख भक्त
काफी प्रसन्न होते हैं और
सुलभ दर्शन प्राप्त करके उन्हें एक
अच्छी अनुभूति भी होती है.
वहीं दिसंबर 2021 कॉरिडोर निर्माण के बाद से
लेकर जून 2024 तक बाबा काशी
विश्वनाथ मंदिर में आने वाले
श्रद्धालुओं की कुल संख्या
16.22 करोड़ तक पहुंच गई
है. मंदिर प्रशासन की तरफ से
मिली जानकारी के अनुसार बीते
7 वर्ष में बाबा काशी
विश्वनाथ के खजाने में
चार गुना की वृद्धि
हुई है. 2017 की
बात कर ले तो
20.43 करोड़ का चढ़ावा बाबा
को अर्पित किया था, जिस
समय पुराना मंदिर परिसर था. जबकि 2018 में
26.32 करोड़ 2019 में 26 करोड़, 2020 के कोरोना काल
में 10.09 करोड़, 2021 में 20.03 करोड़ , 2022 में, 58.33 करोड़ और 2023 -24 में शिव भक्तों
द्वारा 86 करोड़ चढ़ावा
चढ़ाया गया है. विशेष
तौर पर 2021 दिसंबर के बाद से
मंदिर प्रशासन के चढ़ावे में
जबरदस्त वृद्धि देखी गई है.