पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में योग दिवस का आगाज
मंत्री, विधायक और अधिकारियों ने किया योगसप्ताहभर चलेगा
जागरूक
अभियान,
जगह-जगह
होंगे
विभिन्न
आयोजन
खुद के
अंदर
झांकना
सीखाता
है
योग
: रवीन्द्र
जायसवाल
सुरेश गांधी
वाराणसी। 21
जून को अंतर्राष्ट्रीय योग
दिवस है। 21 जून यानी साल
का सबसे बड़ा दिन।
योग भी मनुष्य को
लंबी आयु देता है।
इसलिए इस दिन योग
दिवस मनाया जाता है। पहला
योग दिवस 1915 को मनाया गया
था, जिसकी पहल भारत के
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितंबर
2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण
से की थी। इस
वर्ष विश्व योग दिवस के
दस साल पूरे हो
रहे है। इसी कड़ी
में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील
पर शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग
दिवस के उपलक्ष्य में
गंगा घाट से लेकर
बीएचयू, काशी विद्यापीठ, संस्कृत
विश्वविद्यालय, आईआईटी बीएचयू समेत सभी शिक्षण
संस्थानों में सात दिवसीय
योग की पाठशाला शुरू
हो गई। नमो घाट
पर जनप्रतिनिधियों और डीएम समेत
अन्य अधिकारियों ने योग किया।
अलग-अलग योग के
आसन कर लोगों को
स्वस्थ रहने के प्रति
जागरूक किया।
10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की
थीम महिला सशक्तीकरण रखी गई है।
यही कारण है कि
नमो घाट से लेकर
अन्य जगहों पर लगे योग
शिविरों में महिलाओं की
संख्या ज्यादा ही देखने को
मिली। महिलाओं ने खुद योगाभ्यास
करने के साथ ही
अन्य लोगों को भी इसके
लिए प्रेरित करने का संकल्प
लिया। मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री रवींद्र
जायसवाल ने कहा कि
योग के मामले में
भारत विश्व गुरु है। भारत
ने ही योग को
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
दिलाई और योग के
जरिए सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा
दिया। विधायक नीलकंठ तिवारी, जिलाधिकारी एस राजलिंगम, मुख्य
विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी
डॉ. सरोज शंकर राम
आदि मौजूद रहे। यहां योग
प्रशिक्षक अभय यादव, रक्षा
कौर, मनीष पांडे ने
सभी को योग कराया।
उधर, काशी विद्यापीठ
में कुलपति प्रो. एके त्यागी ने
विश्वविद्यालय में शिक्षकों, कमचारियों
और छात्रों को योग को
दैनिक जीवन में अपनाने
की शपथ दिलाई। कार्यक्रम
में कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय,
कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह, उपकुलसचिव हरीश चंद आदि
मौजूद रहे। महामना मदन
मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान के निदेशक डॉ.
नागेंद्र कुमार सिंह ने संस्थान
में छात्रों को योग की
शपथ दिलवाई। आईआईटी बीएचयू के जिमखाना में
आईआईटीयंस ने योग किया।
बीएचयू के वैदिक विज्ञान
केंद्र में आयोजित कार्यशाला
में केंद्रीय तिब्बती उच्च अध्ययन संस्थान
सारनाथ की कुलसचिव डॉ.
सुनीता चंद्रा ने विशेष व्याख्यान
दिया। कहा कि योग
की विकासयात्रा का वर्णन विभिन्न
पुस्तकों में प्राप्त होता
है। अध्यक्ष प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि
महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने
के लिए योग एक
समग्र साधन के रूप
में प्रस्तुत किया गया है।
योग महिलाओं की शारीरिक, मानसिक,
भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक जरूरतों
को पूरा करता है।
डॉ. मंगला गौरी वी. राव
ने स्वागत किया। अंजना त्रिपाठी और केशर ने
योगाभ्यास करवाया। राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल चौकाघाट में भी साप्ताहिक
योग शिविर का शुभारंभ हुआ।
इसमें प्राचार्य प्रो. शशि सिंह समेत
अन्य डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों ने योग किया।
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