Sunday, 7 July 2024

ढोंगी बाबा के काले साम्राज्य पर चलेगा योगी बाबा का हंटर?

ढोंगी बाबा के काले साम्राज्य पर चलेगा योगी बाबा का हंटर?

हाथरस के भगदड़कांड के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर सहित अब तक नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। तमाम बयानों साक्ष्यों के बाद ढोंगी बाबा सूरजपाल उर्फनारायण साकार हरिउर्फ भोले बाबा की भी उल्टी गिनता शुरु हो गयी है। पुलिस अब उसे भी तलाश रही है। संभवतः ढोंगी बाबा के 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति दर्जन भर से अधिक शहरों में आश्रम के नाम पर हथियाई गयी अवैध जमीन का ब्योरा भी खंगाला जा रहा है। दावा है कि एफआईआर में नाम भले ही नहीं हैं, लेकिन बयानों साक्ष्यों के आधार पर सिर्फ नाम जुट सकता है, बल्कि पकड़े जाने के बाद ईडी कार्रवाई भी तेज होगी। यह अलग बात है विपक्ष अब तक की पुलिसिया कार्रवाई को सिर्फ और सिर्फ जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने की तरकीब बता रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है क्या ढोंगी बाबा के काले साम्राज्य पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हंटर चलेगा? बता दें, हाथरस के फुलरई गांव में दो जुलाई कोभोले बाबाके सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 123 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर बाबा सूरजपाल को भी समन भेजा जा सकता है। समन के ज़रिए बाबा को जांच में शामिल होने के लिए पुलिस बोल सकती है। सूरजपाल हादसे के बाद से फरार है। खासकर फंड इकट्ठा करने के संबंध में गहनता से जांच की जा रही है कि कहीं किसी तरह के कार्यक्रम में इनके संसाधन किसी राजनीतिक पार्टी के द्वारा पोषित तो नहीं किए जा रहे हैं। अब तक की पूछताछ से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने राजनीतिक और निजी स्वार्थ के लिए इनसे जुड़ रहा है

सुरेश गांधी

देखा जाएं तो हाथरस भगदड़कांड में दर्ज प्राथमिकी में नामजद आरोपी के तौर पर सिर्फ मुख्य सेवादार मधुकर का नाम है। इसके अलावा कई अज्ञात आयोजकों को भी आरोपी बनाया गया है। मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के मुताबिक राजनीतिक दल द्वारा सत्संग सभा के अलावा कई अन्य कार्यो के लिए की गई फंडिंग की भी जांच की जा रही हैं. इसमें जगह-जगह बने आश्रमों सहित पूरे पापर्टी की भी जांच शामिल है। दरअसल, बाबा के पास एक-दो नहीं बल्कि 24 आश्रम हैं, जबकि इसका 100 करोड़ रुपये का विशाल साम्राज्य है. या यूं कहे बाबा सूरज पाल जाटव ने अपने लाखों भक्तों के भरोसे को सहारा बनाकर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया है। भक्तों की मानें तो बाबा एक रुपया भी दान नहीं लेते थे. फिर भी भक्तों की आस्था और विश्वास के बूते बाबा सूरज पाल ने देशभर में अपना धंधा फैला रखा था. इसमें ज्यादातर अचल संपत्ति शामिल है, जिसे बड़े ही शातिर तरीके से कई ट्रस्ट बनाकर उनके नाम से जायदाद खरीदी गयी है. इस अवैध दान से पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में बाबा ने महलनुमा आश्रम भी खड़े कर दिए.

खास यह है कि सूरज पाल सिंह जाटव ने 24 मई 2023 को अपनी सारी संपत्ति नारायण विश्व हरि ट्रस्ट के नामकर दी थी और इस ट्रस्ट को बाबा के सबसे भरोसेमंद सेवादार ही संचालित करते हैं. सूरज पाल उर्फ भोले बाबा खुद को दान से अलग रखते हैं, लेकिन ट्रस्ट के जरिए बेशुमार दान जुटाया जाता है. मैनपुरी आश्रम में लगे एक बोर्ड को देखें, तो इसमें तमाम दानदाताओं के बारे में जानकारी दी गई है और इसमें 10,000 रुपये से लेकर 2.5 लाख रुपये तक का दान देने वाले दानकर्ताओं का जिक्र है. भक्तों के इस दान के जरिए बाबा ने आलीशान महलनुमा आश्रम खड़े किए हैं, जिनमें से हर की कीमत करोड़ों में है. हालांकि ये आश्रम सीधे बाबा के नाम पर नहीं है. राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से इसका निर्माण कराया गया है. आश्रम में महंगे झूमर, बाबा का राजशाही सिंहासन देखते ही बनता है. कानपुर के अलावा बाबा के मैनपुरी, बिधनू, इटावा, कासगंज और नोएडा में महल के जैसे आश्रम मौजूद हैं. अनुमानित 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक भोले बाबा के सुरक्षा घेरे की बात करें, तो सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि ने एक पिंक आर्मी बनाई, जिसमें कम से कम 5000 जवान थे. ये पिंक आर्मी बाबा के हर सत्संग में सुरक्षा तीन लेयर में बनाती थी. करीब 5,000 ज्यादा पिंक जवानों वाली इस आर्मी में बाबा के.सुरक्षा घेरे में 25 से 30 लोगों का खास हरिवाहक दस्ता भी शामिल था. केवल बाबा का सुरक्षा घेरा बड़ा था, बल्कि उनकी गाड़ियों का काफिला भी अपने आप में चर्चा बना रहता है. इस काफिले में एक से बढ़कर लग्जरी कारें शामिल हैं.

बताया जाता है कि काफिले में 25 से 30 गाड़ियां हर वक्त होती थीं, जिनमें शामिल फॉर्च्यूनर गाड़ी से खुद बाबा चलते थे। दरअसल, बाबा के भक्तों का एक ही मूल मंत्र था कि पूरे देश दुनिया नहीं... बल्कि पूरे ब्रह्मांड में बाबा नारायण साकार हरि की जय जयकार हो. लेकिन बाबा सूरज पाल जाटव ने इन्हीं भक्तों के भरोसे करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर दिया. वो भी इतनी शातिर तरीके से कभी सरकार या प्रशासन की निगाहों में आए तो कानूनी लिहाज से उसका बाल बांका नहीं हो पाए. बता दें, औलाद नहीं होने की वजह से सूरज पाल सिंह जाटव ने 24 मई 2023 को अपनी सारी संपत्ति नारायण विश्व हरि ट्रस्ट के नाम  कर दी थी, और इस ट्रस्ट को सेवादार चलाते हैं, जो बाबा के सबसे भरोसे होते, उसे सेवादार नियुक्त किया जाता था. सेवादार बनने के लिए एक औपचारिक आवेदन क्रिया होती है, जिसके बाद सिलेक्शन किया जाता है. फिर उन्हें पेमेंट, भोजन और आश्रम में ही रहने की सुविधा मिलती है. मैनपुरी में भोले बाबा का आलीशान आश्रम है. यहां पर 6 कमरे भोले बाबा और उसकी पत्नी के लिए रिजर्व हैं. मैनपुरी का बिछुआ आश्रम तीन साल पहले ही बना है. करोड़ों की लागत से ये आश्रम बना है.हाथरस हादसे के बाद राजस्थान के दौसा स्थित आश्रम को कवर कर दिया गया है. अंदर की झलक तक नहीं पा सकते. यहां बाबा आता तो पूरे इलाके में उसका डर फैल जाता. उसकी प्राइवेट आर्मी लोगों के आईकार्ड चेक करके ही उनके घरों तक जाने देती. आसपास की सड़कों पर उसकी प्राइवेट आर्मी का कब्जा होता. लेकिन अब बाबा की पोल खुल रही है तो उसके खिलाफ आवाज भी उठने लगी है. दूसरे संत भी बाबा सूरज पाल को लेकर सवाल कर रहे हैं.

जहां पर यह घटना घटी औऱ 123 लोगों की जान चली गई, वहां से कई अहम दस्तावेज मिले हैं। उन लोगों की लिस्ट मिली है जो बाबा की पिंक आर्मी में थे। उनके आईकार्ड भी मिले हैं। पिंक आर्मी के सदस्यों का बकायदा नाम, पता, फोन नंबर इत्यादि चीजें मिली है। बता दें कि बाबा की प्लाटून में कई महिला सुरक्षा कर्मी भी तैनात की गई थीं। घटनास्थल से उनके आईकार्ड भी बरामद हुए हैं। इन सब में सबसे बड़ी बात ये है कि बाबा का अगला प्रोग्राम 6-8 जुलाई 2024 को होना था। उसके लिए टेंट की बुकिंग की जो जानकारी दी गई थी, वो सब लिखी गई है। इसमें सबसे अहम बात है जो टेंट लगाने की प्लानिंग थी, उसमें एक गेट और एक एग्जिट गेट की बात हो रही है। जहां मौजूदा टैंक लगा है, वहां पर 60 हजार की क्षमता का 300’300 मीटर का टेंट लगाया गया था। 80 हजार की क्षमता के लिए अनुमति मांगी गई थी। लेकिन टेंट 25 फीसदी कम था। यहां पर 60 हजार की क्षमता के आधार पर टेंट लगाया गया था। बाबा के अगले प्रोग्राम की डिटेल इशारा कर रही है कि अगले वाले प्रोग्राम में भी इसी तरह का टेंट लगाया जाना था। जो दिखाता है कि सिर्फ एक एंट्री प्वाइंट और एग्जिट प्वाइंट था। 

श्री राम जन्मभूमि तीर्थि क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि हादसे के इतने दिनों के बाद सूरज पाल अपने वकील के माध्यम से कह रहा है कि वह इस घटना से दुखी है। सारी जिम्मेदारी उसी की है। सूरज पाल को सरकार के सामने यह बात साफ-साफ कहनी चाहिए। उसे अपना अपराध स्वीकार करना चाहिए। जांच में दोषी पाया गया है। इसलिए उसे जेल जाना चाहिए और वहां बंद कर देना चाहिए। देवप्रकाश मधुकर इस संगठन में काफी दिनों से जुड़े होने के कारण संगठन का फंड रेजर बन गया था और संगठन को संचालित करने तथा सत्संग इत्यादि कराने के लिए पैसे इकट्ठा कर रहा था।

गौरतलब है कि हाथरस की हृदयविदारक त्रासदी में ज्यादातर लोग समाज के हाशिए पर स्थित वंचित और गरीब तबके से आए थे। फर्जी बाबा, तांत्रिक और स्वामी गणों की अपने देश में आज भी एक लम्बी सूची है। यह घटना भी नई नहीं है, बल्कि पहले की घटनाओं की पुनरावृत्ति मात्र है। अंध-विश्वास और अवैज्ञानिक सोच आदि की गठरी सिर पर लिए हम सब विकसित भारत की यात्रा पर चल रहे हैं। भीड़ में भेड़-चाल चलते, लाचार और दुखियारे लोग इस तरह की घटनाओं के शिकार होते हैं। उनकी एक ही चाहत होती है कि उनको कष्टों से मुक्ति मिल जाए। ज्यादातर लाचार और बदहाल लोग ही हाथरस में हादसे के शिकार हुए हैं। समानता, समता, समाजवाद, भाई-चारा, धर्म-निरपेक्षता, महिला सशक्तीकरण, गरीबी उन्मूलन आदि का नारा देश में पिछले कई दशकों से लगाया जा रहा है पर यह त्रासदी मंथन के लिए मजबूर कर रही है कि हम बहुत कुछ सतही स्तर पर ही करते रहे हैं। यह हादसा समाज और सरकार सबके लिए चेतावनी है। समाज में शिक्षा का विस्तार हो, विवेक बुद्धि का विकास हो और व्यवस्था चाक चौबंद हो, तभी ऐसे हादसे रुक सकते हैं। जबकि बाबा के अनुयायियों का अब भी कहना है कि बाबा भगवान है, बस अभी थोड़ी संकट में हैं। उनका मानना है कि बाबा में शक्ति बहुत है। उनके परिवार में काफी लोग परेशान थे, लेकिन बाबा की कृपा से ठीक हो गए। बाबा हमेशा चमत्कार दिखाते रहते हैं। एक भक्त हरि सिंह का कहना है कि उसने मंच पर ही बाबा को रंग बदलते हुए देखा है। बाबा कभी काले रंग के हो जाते हैं तो कभी पीले रंग के हो जाते हैं 

हाथरस पुलिस के अनुसार, पूछताछ में यह भी बात सामने आई है कि बाबा के सेवादरों ने उन्हें गाड़ी को भीड़ के बीच से निकाला गया, जबकि इनको इस तथ्य की जानकारी थी कि भीड़ से गाड़ी निकालने के समय चरणरज के लिए भगदड़ मचने से भयानक दुर्घटना हो सकती थी। इसके अतिरिक्त इस तथ्य की भी गहराई से जांच की जा रही है कि यह घटना आयोजक सेवादारों के किसी के कहने या दुष्प्रेरित करने से तो नहीं कराई गई है। पुलिस के अनुसार, आवश्यकतानुसार गिरफ्तार सेवादार, आयोजकों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ की जाएगी। घटनास्थल पर किसी भी व्यक्ति को वीडियोग्राफी अथवा फोटोग्राफी करने से रोका जाता था। प्रशासन द्वारा निर्गत अनुमति पत्र में वर्णित अनेक शर्तों का उल्लंघन करते हुए यातायात व्यवस्था इत्यादि को प्रभावित किया गया। पूछताछ से यह भी स्पष्ट हुआ है कि इनके द्वारा भीड़ को सम्भालने का कोई प्रयास नही किया गया तथा सभी मौके से फरार हो गए। यह अलग बात है कि अब बाबा की तरफ से भी इस घटना को साजिश बताया जा रहा है।

कहा जा रहा है कि हो सकता है कुछ लोग जहरीला पदार्थ लाए हों या छिड़का हो। लेकिन पीड़ितों का कहना है कि ऐसा होता तो वहां सभी मरते, वहां पिंक आर्मी वाले लोग भी घायल हुए थे। बाबा के नाम पर कुछ लोग करोड़ों रुपये कमाते थे, सप्ताह के पहले मंगलवार को भक्तों की लाइन लगती थी कि 5 लॉकेट खरीदो। एक लॉकेट नहीं बेचते थे, मंदिर खरीदो 500 रुपए का, लॉकेट, पेन खरीदने की भी लंबी लाइन लगती थी। कई लोग इससे लाखों-करोड़ों रुपये कमाते होंगे। जितेंद्र ने कहा कि, जब बाबा का प्रवचन होता था, वहां पैसा बाबा का नहीं लगता था, इनके खातों में अनाप शनाप पैसे होंगे। इस पूरे हादसे की जांच हो और बाबा पर एक्शन हो। बाबा जब मंच पर बैठते थे तो कहते थे तुम्हारे सामने खुद नारायण हरि बाबा हैं, जो शृष्टि चलाता है, दुनिया में आना, दुनिया से जाना, हम ही तय करते हैं। अब इनकी शक्ति क्या है, पता नहीं। जितेंद्र ने एक और खुलासा किया और बताया कि एपी सिंह खुद बाबा को भगवान बताते थे। सत्संग में आते थे, कहते थे कि कायनात ला सकते है बाबा, इनके माथे पर चंद्रमा देखा हमने, इनकी पत्नी में लक्ष्मी हैं, कुछ भी कर सकते हैं बाबा।

No comments:

Post a Comment

फूलों से दमका महामना की बगिया, मालवीय के लेखों और मेडल की लगी प्रदर्शनी

फूलों से दमका महामना की बगिया , मालवीय के लेखों और मेडल की लगी प्रदर्शनी  विश्वविद्यालय मुख्य द्वार का प्रारूप , पुष्पों ...