Saturday, 14 September 2024

पिंड्रा तहसीलकर्मियों द्वारा की गयी धांधली की पुलिस भी करेगी जांच

पिंड्रा तहसीलकर्मियों द्वारा की गयी धांधली की पुलिस भी करेगी जांच 

अपर मुख्य सचिव गृह, गोपन, वीजा एवं सतर्कता ने भी पुलिस आयुक्त, मंडलायुक्त डीएम से भी जांच रिपोर्ट

मामला : तहसीलकर्मियों द्वारा भूमाफियाओं से अवैध वसूली के चक्कर में परंपरागत चकरोड़ की जगह को बदलने का 

पीड़ित की तहरीर पर मुख्यमंत्री पहले दे चुके है जांच का निर्देश

सुरेश गांधी

वाराणसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पिंड्रा तहसील अफसरों द्वारा अभिलेखों में हेरफेर कर परंपरागत चकरोड को बदलकर अन्य किसानों के खेत में नयी चकरोड बनाएं जाने का मामला अब तुल पकड़ता जा रहा है। आरोप है पिंडरा तहसील के अफसरों ने भूमाफियाओं के दबाव में 2011 में निर्मित चकरोड़ की जगह ही बदल दी है। तहसील अफसरों के इस रवैये से इस चकरोड़ का इस्तेमाल करने वाले ग्रामीणों का पारा अब सातवे आसमान पर पहुंच गया है। पीड़ितों ने मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र में कहा है कि यदि निष्पक्ष जांच नहीं किया तो जिला प्रशासन कार्यालय का घेराव करने के साथ सामूहिक धरना दिया जायेगा। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रकरण की जांच करने के आदेश पहले ही दे चुके है। चूकि मामला भूमाफियाओं से जुड़ा है तो प्रमुख सचिव ने पुलिस आयुक्त वाराणसी सहित मंडलायुक्त जिलाधिकारी को भी संलग्नक पत्र भेजकर न्यायोचित कार्रवाई का आदेश दिया है।

पीड़ित रमेश पाल पुत्र स्वर्गीय अलगू पाल निवासी ग्राम बाबतपुर, का कहना है कि पिंडरा तहसील में तैनात वर्तमान अधिकारी भूमाफियाओं के धन बल के दबाव में है, इसलिए निष्पक्ष जांच संभव ही नहीं है। प्रकरण की जांच अन्य जांच एजेंसियों से कराएं जाने की जरुरत है। बता दें, पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है। मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि प्रकरण की जांच कराकर पीड़ित को न्याय दिलाया जाएं। प्रमुख सचिव ने प्राथी के तहरीर को मंडलायुक्त जिलाधिकारी वाराणसी को जांच का निर्देश देते हुए यथोचित कार्रवाई की अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्र में रमेश पाल का आरोप है कि वाराणसी के तहसील पिंडरा स्थित ग्रामसभा बाबतपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे सरकारी चकरोड का स्थान परिवर्तन कर तहसील कर्मियों द्वारा भू माफियाओं को लाभ पहुंचाने अवैध कराने की नियत से पुराने अभिलेखों नक्शे में हेरफेर किया है।

आरोप है कि तहसील अफसरों ने भूमाफियाओं की मिलीभगत से ग्रामसभा बाबतपुर के आराजी संख्या 614, रकबा 0.045 हेक्टेयर की पक्की पैमाइश वर्ष 2011 में दर्ज चकरोड को 20 मीटर दूर खिसकाकर बदल दिया है। जबकि तत्कालीन जिलाधिकारी वाराणसी के आदेश के उपरांत ग्रामसभावासियों के आने-जाने हेतु राजस्व की टीम द्वारा इस चकरोड़ का निर्माण कराया गया था। खास यह है कि मनरेगा योजना के तहत इस चकरोड का दो दो बार मरम्मत भी कराया गया है। बावजूद इसके वर्तमान तहसील अफसरों द्वारा स्थानीय भूमाफियाओं प्रॉपर्टी डीलरों से लेनदेन करके सालों पुरानी चकरोड की जमीन को हड़पने अवैध कब्जे की नीयत से चकरोड का स्थान परिवर्तन किया जा रहा है। 

आरोप है कि पूर्व में जौनपुर वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के अंतर्गत चकरोड़ के किनारे के खातेदारों को केंद्र सरकार द्वारा उनके रकबे के हिसाब से मुआवजा भी दिया गया है। जिसमें नक्शा सहित चकरोड सभी खातेदारों का रकबा स्पष्ट किया जा चुका है। वर्तमान समय में तहसील कर्मियों द्वारा उच्च अधिकारियों को गलत भ्रामक सूचना देकर अवैध तरीके से रुपए लेकर पुनः मापी कराई गई और चकरोड का स्थान बदलकर दूसरे खातेदारों के जमीन में चकरोड का हिस्सा बढ़ा दिया गया है। 

आरोप है कि यह सब भूमाफियाओं प्रापर्टी डीलरों को लाभ पहुंचाने के लिए जा रहा है। आरोप है कि अफसरों के साथ क्षेत्रीय प्रधान की भी इस मामले में भूमिका संदिग्ध है। 15 वर्ष पुराने चकरोड की दशा एवं दिशा को बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ग्रामसभावासियों एवं खातेदारों में रोष व्याप्त है। रमेश पाल ने प्रकरण की जांच कराकर मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाया है।   

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