Saturday, 12 October 2024

डोली भूमि गिरा दसकंधर...अहंकार का अंत, दहन देखने उमड़ा हुजूम

सायक एक नाभि सर सोषा, अपर लगे भूज सिर करि रोषा...’

डोली भूमि गिरा दसकंधर...अहंकार का अंत,

दहन देखने उमड़ा हुजूम 

इस पल के गवाह बने हजारों लोगों ने मोबाइल के कैमरे में इन यादगार लमहों को कैद किया

देर तक हुई आतिशबाजी के दौरान आसमां शतरंगी हो उठा

सुरेश गांधी

वाराणसीसायक एक नाभि सर सोषा, अपर लगे भूज सिर करि रोषा। लै सिर बाहु चले नाराचा, सिर भुज हीनरुंड महि नाचा...।।राम रावण युद्ध के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने एक साथ 31 तीर छोड़े इनमें से एक बाण ने रावण की नाभि के अमृतकुंड को सोख लिया और शेष 30 बाणों ने उसके सिर और भुजाओं को काट दिया। पलभर में दशानन का दंभ चकनाचूर हो गया।  नाभि से अमृत सुखने के कारण दशानन वहीं ढेर हो गया।

विजयादशमी पर शनिवार को शिव की नगरी काशी के ऐतिहासिक मैदान बरेका में, यूपी कॉलेज, हुकूलगंज सहित विभिन्न स्थानों पर आयोजित रावण दहन के दौरान भगवान श्रीराम के स्वरुप की ओर से रावण के पुतले पर अग्नि बाण छोड़ने के बाद मानों रामायण का यही दृश्य साकार हो उठा. रावण, मेघनाथ और कुंभकरण की आंखों और मुंह से निकलते शोले व तलवार से निकलती चिंगारियों के बीच जैसे ही दहन हुआ तो प्रभु श्रीराम के जयकारें गूंज उठे। नयनाभिराम आतिशबाजी के बीच पुतले धूं-धूं कर जल उठे। हर तरफ जय सियाराम की आवाज ही सुनाई दे ही थी.

विश्व प्रसिद्ध बीएलडब्ल्यू मैदान में फूंके जाने वाले रावण को देखने के लिए हजारों-लाखों की भीड़ एकत्रित थी। रावण दहन के पूर्व रामलीला का भावपूर्ण मंचन किया गया। भीड़ में महिलाओं और युवाओं की संख्या ज्यादा दिखी। बरेका में इस बार रावण के पुतले की ऊंचाई 75 फुट, कुंभकरण के 65 फुट और मेघनाथ के 55 फुट का पुतला दहन होते ही भीड़ को सुरक्षित रहने का एलान कर दिया गया था। इस दौरान रंग-बिरंगी आतिशबाजी से आसमां शतरंगी हो उठा। इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। 

बरेका महाप्रबंधक एस.के.श्रीवास्तव एवं बरेका महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष श्रीमती गौरी श्रीवास्तव द्वारा प्रभु श्रीराम-जानकी जी की आरती के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर राम चरित मानस पर आधारित रूपक (मोनो एक्टिंग) राम वन गमन से रावण बध तक की लीला की मनमोहक प्रस्तुती की गयी, जिसे दर्शकों द्वारा काफी सराहा गया। संपूर्ण रूपक कार्यक्रम निदेशक एस.डी.सिंह के दिशनिर्देशन में किया गया। रावण दहन के दौरान आकर्षक आतिशवाजी एवं साज-सज्जा देखने को मिली। जिसे देखने हेतु बरेका कर्मचारियों एवं उनके परिजनों के साथ ही आस-पास के गांवों, कस्बों से अपार भीड़ उमरी। भीड़ की सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम जिला प्रशासन एवं रेल सुरक्षा बल द्वारा किए गए थे। बनारस रेल इंजन कारखाना में होने वाली रावण दहन अपने आप में अनुठी है, जो गंगा-जमुना तहजीब का मिसाल है। रावण, कुम्भकरण एवं मेघनाद के पुतले जहां तीन पीढि़यों से काशी के ही रहने वाले शमशाद खान और उनके परिवार द्वारा बनाया जाता है,

इस अवसर पर प्रमुख मुख्य इंजीनियर विनोद शुक्ला, प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेश कुमार, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी जनार्दन सिंह, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर-एस.. नीरज जैन, मुख्य सामग्री प्रबंधक-मुख्यालय एस.के. मिश्रा, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर उत्पादन सुनील कुमार,उप महाप्रबंधक अनुज कटियार, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर-क्यू.एम.एस. रामजन्म चौबे, उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर,स्पेयर एम के सिंह, जन सम्पर्क अधिकारी राजेश कुमार सहित काफी संख्या में बरेका अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से विजयदशमी समिति के महामंत्री अनूप सिंह, आलोक सिंह,  सहायक महामंत्री, वी.डी.दूबे, मुकेश सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, राकेश पांडेय, रितेश सिंह, तारकेश्वकरसिंह, अमित सिंह, धीरज सिंह, पवन यादव, सुनील कुमार, चंद्रमोहन झा, बाबी सिंह सहित अन्य पदाधिकारी का विशेष सहयोग रहा। इस भव्यतापूर्ण आयोजन में बनारस रेल इंजन कारखाना के सिविल, विद्युत्, यांत्रिक, कार्मिक, जन सम्पर्क, सिविल डिफेन्स, स्काउट एवं गाइड, सेंट जांस एम्बुलेंस ब्रिग्रेड का भी विशेष सहयोग रहा। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विजयादशमी समिति के संयोजक एम.पी.सिंह, उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, स्पेयर द्वारा किया गया।

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