Tuesday, 22 October 2024

जिंदगी ‘लील’ रहा ‘मच्छर’ स्वास्थ्य व निगम ले रहा खर्राटे

जिंदगीलीलरहामच्छरस्वास्थ्य निगम ले रहा खर्राटे 

तेजी से कम हो रही प्लेटलेट्स, ठीक होने में भी तीन गुना समय

वायरल फीवर का डबल अटैक, अस्पताल में बढ़े मरीज

लोगों के लिवर, किडनी और ब्रेन पर भी असर

अस्पतालों में मौसमी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की भरमार

ठीक होने के 15 दिन बाद भी खत्म नहीं हो रहा जोड़ों में दर्द

सुरेश गांधी

वाराणसी। मौसम में हो रहे बदलाव के कारण शहर से लेकर देहात तक के घर-घर में लोग वायरल फीवर की चपेट में रहे हैं। हाल इस कदर है कि मरीज की एक-दो दिन में ही हालत खराब हो जा रही है। साथ ही प्लेटलेट्स भी तेजी से घट रही है, लेकिन जांच में डेंगू भी निगेटिव पाया जा रहा है। वायरल फीवर का असर लिवर, किडनी और ब्रेन पर भी पड़ रहा है। 

कुछ चिकित्सक इसे वायरल फीवर के ट्रेंड में बदलाव बता रहे हैं, तो कुछ मौसम में कभी गर्मी तो कभी नरमी के चलते डेंगू का भी प्रकोप बता रहे है. जबकि सरकारी गैर सरकारी अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के मरीजों की कतारे टूटने का नाम नहीं ले रही है। चिंता की बात है कि मच्छर जनित ये दोनों बीमारियां स्क्रब टायफस डेंगू लोगों की जिंदगियां भी लील रही है, लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अलावा नगर निगम चैन की नींद की सो रहा है। खास यह है कि स्वास्थ्य विभाग सब ठीक होने का दावा कर रहा है।

अब रात का तापमान भी काफी घट गया है, फिर भी डेंगू मच्छर पहले की तरह लोगों को डंक मार रहा है. डेंगू के केस में कोई कमी नहीं रही है. हालांकि चिकनगुनिया पर कुछ दिनों से ब्रेक लगा है. एक अक्टूबर के बाद से चिकनगुनिया का कोई केस नहीं मिला है. लेकिन डेंगू केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग नगर निगम की तरफ से मरीजों के घरों आसपास के एरिया में फॉगिंग नहीं करायी जा रही है। इस बार गर्मी का सीजन काफी लंबा चला. दिन में तो अभी तक गर्मी रही. सप्ताह भर से ठंड बढ़ने लगी है. लेकिन मच्छरों के आतंक में कोई कमी नहीं है. इससे लोगों को डेंगू तीब्र गति से फैलने का भय सताने लगा है.

गली-मुहल्लों के साथ ग्रामीण इलाके के लोगों का कहना है कि शाम होते ही मच्छरों का आतंक इतना बढ़ जाता है कि घर का दरवाजा और खिड़कियां बंद करने पड़ रहे हैं. मच्छर भगाने हर उपाय करने के बावजूद उनका प्रकोप कम नहीं हो रहा है. लोगों का कहना है कि कई जगहों पर लगे कचरे के अंबार से यह स्थिति बनी है. अभी जो मच्छर उड़ रहे हैं, वे क्यूलेक्स प्रजाति के हैं. ये जन्म स्थान से पांच किमी तक -जा सकते हैं. इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. लेकिन निगम क्षरा नियमित रूप से मच्छर मारने की दवा का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. शहर में पसरी गंदगी और जगह-जगह जलजमाव के कारण इनमें मच्छर तेजी से पनप रहा है. साथ ही लोग डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों की चपेट में रहे हैं.

युवा का खून ज्यादा चूस रहे मच्छर

चिकित्सकों की मानें तो डेंगू फैलाने वाली मादा मच्छर युवाओं का ही ज्यादा खून चूस रही है। इसकी वजह यह है कि युवा अपने रहन-सहन में लापरवाही बरतते हैं। टी शर्ट, हाफ पेंट, कैपरी आदि ज्यादा पहनते हैं। इस कारण मच्छर द्वारा उन्हें काटने की आशंका अधिक रहती है। बारिश के कारण तापमान में गिरावट तो हुई है, वहीं अभी का मौसम मच्छरों के अनुकूल भी हो गया है. इस वजह से मच्छर जनित बीमारियों की आशंका भी बढ़ गयी है. बारिश के बाद मोहल्लों में जलजमाव के कारण डेंगू मलेरिया होने की आशंका है. इसलिए सभी को सतर्क रहना चाहिए.

वायरल फीवर हो तो यू करें बचाव

फुल आस्तीन के कपड़े पहने

ठंडे पर पदार्थ से परहेज करें

एसी कूलर का इस्तेमाल सीमित करें

भीड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करें

हैवी डाइट लें और पर्याप्त पानी पिएं

हरि पत्तेदार सब्जियों का भी सेवन करें

लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें

बिना चिकित्सक परामर्श के कोई दवा ना ले

घर आसपास पानी का जमाव होने दें

साफ सफाई का ध्यान रखें

इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए ताजे फलों का सेवन करें

हर घड़ी सतर्क रहने की जरूरत

पैनिक होने की जरुरत नहीं

चिकित्सकों का कहना है कि आईसीयू में रोज दो-तीन मरीज रहे हैं, उन्हें कमजोरी ज्यादा है, लेकिन दवा लेकर ठीक हो रहे हैं, घबराने की जरूरत नहीं है।

 


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