Tuesday, 12 November 2024

गंगा स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु, लगाई श्रद्धा की डुबकी, किया दीप दान

घर-घर पूजे गए शालिग्राम हुआ तुलसी विवाह

गंगा स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु, लगाई श्रद्धा की डुबकी, किया दीप दान 

हर- हर महादेव के जयकारों से पूरा घाट गूंजता रहा। 

सुरेश गांधी

वाराणसी। देवोत्थानी एकादशी के मौके पर मंगलवार को गंगा स्नान के लिए काशी के घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। हर-हर गंगे, जय शिव शंभू के उदघोषों से पूरा शहर वघाट गुंजायमान हो उठे। गंगा स्नान के बाद लोगों ने घाटों के किनारे तुलसी विवाह भी संपन्न किया। जबकि सायंकाल घरों में भी भगवान शालिग्राम को पूजने के साथ महिलाओं ने तुलसी विवाह कराया। तुलसी विवाह के आयोजन के साथ मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई, जिसमें महिलाओं ने विशेष पूजा अर्चना की.

देवउठनी एकादशीके मौके पर गंगा स्नान के लिए भारी भीड़ जुटी। देवउठनी एकादशी के अवसर पर स्नान दान की परंपरा रही है। इसी परंपरा को निर्वहन करने हेतु श्रद्धालु सुबह से ही गंगा में डुबकी लगाते नजर आए। गंगा में पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालु आचमन कर ब्राह्मणों और भिक्षुकों को चावल-दाल सहित अन्य चीजों का दान भी किया। दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं का भारी भीड़ देखी गयी। पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालु ब्राह्मणों और भिक्षुकों में चावल, दाल और अन्य सामग्रियों का दान करते देखे गए। भोर से ही काशी के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। 

सुबह होने के साथ ही हर - हर महादेव और मां गंगा की जयकारों से सभी घाट गूंज उठे। जहां भी मां तुलसी विराजमान होती हैं, वह घर धरती पर स्वर्ग के समान होता है.शास्त्रों में तुलसी पूजन का विशेष विधान है. मान्यता है कि तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. ज्योतिष शास्त्र में तुलसी विवाह के पर्व को भी महत्वपूर्ण माना गया है.देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु पूरे चार महीने बाद क्षीर सागर में शयन मुद्रा से जग जाते हैं. इस दिन से ही शादी-विवाह, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है.

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