कृषकों की समस्याओं का तत्काल निस्तारण किएं जाएं : सीडीओं
जनपद में
पर्याप्त
मात्रा
में
सभी
समितियों
पर
डीएपी
एवं
एनपीके
पर्याप्त
मात्रा
में
उपलब्ध
प्राइवेट डीएपी
का
30 प्रतिशत
वितरण
भी
समितियों
द्वारा
किया
जा
रहा
है
कृषको से
नैनो
यूरिया
एवं
नैनो
डीएपी
का
प्रयोग
करने
हेतु
अनुरोध
2000 कुं गेहूं की
मांग
के
सापेक्ष
700 कुं0
गेहूॅॅ
का
बीज
प्राप्त
सुरेश गांधी
वाराणसी। मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन, सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर सीडीओं हिमांशु नागपाल ने संबंधित अधिकारियों को चेताया है कि किसान दिवस में आएं किसानों की समस्याओं का तत्काल निस्तारण किया जाएं। साथ ही सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने-अपने विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी देते हेतु अधिक से अधिक कृषकों को योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया गया।
सहकारिता विभाग द्वारा बताया गया कि जनपद
में पर्याप्त मात्रा में सभी समितियों
पर डीएपी एवं एनपीके पर्याप्त
मात्रा में उपलब्ध है।
समितियॉं रोस्टर के अनुसार खुल
रही है। समितियों पर
सचिव का नाम व
मोबाइल नम्बर अंकित है। प्राइवेट डीएपी
का 30 प्रतिशत वितरण भी समितियों द्वारा
किया जा रहा है।
कृषको से नैनो यूरिया
एवं नैनो डीएपी का
प्रयोग करने हेतु अनुरोध
किया जा रहा है।
जिला कृषि अधिकारी द्वारा
बताया गया कि गेहॅू
बीज वितरण हेतु प्राप्त लक्ष्य
के सापेक्ष वितरित किया जा चुका
है। जनपद में गेहॅूं
की मांग को देखते
हुए 2000 कुं गेहूं की
मांग की गयी है।
जिसमें से 700 कुं0 गेहूॅॅ का
बीज प्राप्त हो चुका है।
यह बीज गोदामों के
माध्यम से तत्काल सब्सिडी
देय अनुदान पर नियमानुसर वितरण
कराया जा रहा है।
शेष गेहूॅ का बीज जल्द
ही प्राप्त हो जाएगा।
जिला कृषि रक्षा
अधिकारी वाराणसी द्वारा बताया गया कि गेहूॅ
की बुवाई करने से पहले
बीज शोधन करना अनिवार्य
है। बीज शोधन दो
प्रकार से किया जा
सकता है, रसायन एवं
जैविक विधि से किया
जा सकता है। ट्राईकोडर्मा
एवं ब्यूवेरिया वैसियाना कृषि रक्षा भण्डारों
पर 75 प्रतिशत एवं, सल्फोसल्फ्यूरान कार्बेन्डाजिम,
मैन्क्रोजेब एवं पेंडीमेथिलीन मूल्य
का 50 प्रतिशत अनुदान पर देय है।
उपरोक्त रसायनां का फसलों में
नियमानुसार प्रयोग करके किसी भी
प्रकार नुकसान से बचा जा
सकता है।
पशुपालन विभाग द्वारा बताया गया कि पशुपालन
विभाग द्वारा जिले में मिनी
नंदिनी कृषक समृद्धि योजना
चलाई जो रही है
इस योजना के तहत पशुपालाकों
को 10 उन्नत नस्ल यथा गिर,
थारपारकर और साहीवाल जैसी
उच्च गुणवत्ता वाली देशी नस्लों
की गायें शामिल हैं, जो प्रदेश
के बाहर से क्रय
किया जाना है। इकाई
स्थापित करने में 11.80 लाख
रूपये का अनुदान मिलेगा,
योजना की कुल लागत
23.60 लाख रूपये है, जिसमें 50 प्रतिशत
सरकार की तरफ से
अनुदान देय है।
जिला अग्रणी बैंक
प्रबंधक द्वारा बताया गया कि रबी
में फसल बीमा चालू
हो गया है जो
31 दिसम्बर तक चलेगा। साथ
बताया गया कि वर्तमान
समय में प्रधानमंत्री सुरक्षा
बीमा योजना संचालित है, इसके अन्तर्गत
18 से 70 वर्ष की आयु
के लोगों का मात्र रू0
20 वार्षिक प्रीमियम की दर पर
2 लाख का एक्सीडेंटल बीमा
एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा
योजनान्तर्गत 18 से 50 वर्ष आयु के
लोगों का रू0 436 वार्षिक
प्रीमियम की दर पर
रू0 2 लाख का बीमा
सामान्य एवं एक्सीडेंटल मृत्यु
पर बैंकों द्वारा किया जा रहा
है। इसके अतिरिक्त अटल
पेंशन योजनान्तर्गत 18 से 40 वर्ष तक की
आयु हेतु निर्धारित प्रीमियम
दर पर बीमा किया
जाता है, जो 60 वर्ष
की आयु पूर्ण हो
जाने के पश्चात रू0
1 हजार से लेकर रू0
5 हजार की दर पेंशन
के रूप में देय
है।
उप कृषि निदेशक
द्वारा उपस्थित कृषकों से अपेक्षा की
गई कि धान की
पराली किसी भी दशा
में न जलाया जाए
अन्यथा पकड़े जाने पर
दो एकड़ तक रू0
5000, 2 से 5 एकड़ तक रू0
10000 एवं पॉंच एकड़ से
अधिक पराली जलाने पर रू0 15000 का
आर्थिक जुर्मानें का प्राविधान है।
जिन खेतों में धान की
कटाई मशीनों द्वारा करायी गयी है उनमें
सुपर सीडर से गेहूॅं
की बुवाई कराये। मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा कृषकों से अपेक्षा की
गई कि जनपद में
उद्यान विभाग के माध्यम से
कृषको का कलस्टर बनाकर
मखाने की खेती की
जाए, इसके लिए जो
भी तकनीकी/अनुदान देय है उद्यान
विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इसी क्रम में
उद्यान विभाग को निर्देशित किया
गया कि इसका प्रचार-प्रसार क्षेत्रीय कृषको में कराया जाए।
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