डॉ राजीव द्विवेदी की पुस्तक ‘‘मेरा यार नशा’’ का विमोचन
कहा, साहित्य मनुष्य
की
सृष्टि
है
और
इससे
मनुष्य
को
दृष्टि
मिलती
है।
सुरेश गांधी
वाराणसी। साहित्य मनुष्य की सृष्टि है
और इससे मनुष्य को
दृष्टि मिलती है। किताबें मनुष्य
की सबसे बेहतर मित्र
हैं। यह बातें दुर्गाकुंड
स्थित पिलग्रिम्स पब्लिशिंग हाउस परिसर में
आयोजित एमिटी विश्वविद्यालय, ग्वालियर मैनेजमेंट विभाग के अध्यक्ष और
स्टूडेंट्स वेलफेयर के एसोसिएट डीन
प्रोफेसर राजीव द्विवेदी नेे कहीं। इस
मौके पर उनकी शायरी
किताब मेरा यार नशा
का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते
हुए काशी पत्रकार संघ
के अध्यक्ष डॉ अत्रि भारद्वाज
ने कहा कि राजीव
द्विवेदी की ग़ज़लें और
नज़्में जीवन की राह
दिखाती है। काशी हिन्दू
विश्वविद्यालय में प्रबंध शास्त्र
विभाग के अध्यक्ष और
डीन प्रोफेसर सुजीत दुबे ने कहा
कि साहित्य से हम अपने
जीवन के शास्वत मूल्यों
को समझ सकते हैं।
काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के ट्रस्टी पंडित
दीपक मालवीय ने कि साहित्य
से पहचान, कल्पना और सहानुभूति की
अवधारणा विकसित होती है। कार्यक्रम
का संचालन डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ जेपी मिश्रा
ने किया और धन्यवाद
ज्ञापन पिलग्रिम्स पब्लिशिंग के अधिष्ठाता रामानंद
तिवारी ने किया।
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