Saturday, 14 December 2024

मिले मेडल तो खुशियों को लगे पंख

मिले मेडल तो खुशियों को लगे पंख 

कुल 544 छात्रों को पदक पुरस्कार के बीच 30 विद्यार्थियों को स्वतंत्रता भवन में मुख्य अतिथि द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय का 104वां दीक्षांत समारोह संपन्न

आधे से ज्यादा मेडल और उपाधियां कला-विज्ञान संकाय के नाम

सुरेश गांधी

वाराणसी। चेहरे पर सफलता की चमक तो आंखों में सुनहरे भविष्य का सपना। मंच पर पहुंच रहे हर मेधावी का उत्साह उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था। ऐसा होता भी क्यो नहीं, आखिर सालों की मेहनत रंग लाई थी। मौका था स्वतंत्रता भवन, बीएचयू में 104वें दीक्षांत समारोह का। शनिवार को मंच पर 30 उपाधियां दी गईं। खास यह है कि इस बार दीक्षांत में दिए जाने वाले आधे से ज्यादा मेडल और उपाधियां कला-विज्ञान संकाय के नाम हैं। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 930 बजे मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन और कुलगीत की प्रस्तुति से हुई। इस समारोह में विभिन्न संस्थानों और संकायों के कुल 544 छात्रों को पदक पुरस्कार दिए गए, जिनमें से 30 विद्यार्थियों को स्वतंत्रता भवन में मुख्य अतिथि द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।

समारोह की शुरुआत जेड स्केलर के सीईओ अरबपति जय चौधरी द्वारा दीक्षांत भाषण से हुई। वे 43 साल के बाद बीएचयू कैंपस में आए। इससे पहले 2021 में आईआईटी-बीएचयू के दीक्षांत समारोह को वर्चुअल पोडियम के माध्यम से संबोधित किया था। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के 1980 बैच के छात्र रहे थे। बीएचयू में अगले तीन दिन तक कुल 13779 छात्र और छात्राओं को उपाधियां और 544 मेडल दिए जाएंगे। 30 मेधावियों को स्वतंत्रता भवन सभागार के मेडल मंच से ही दिए गए। इस मौके पर जब मेधावियों को मुख्य अतिथि के हाथों उपाधियां मिली तो चेहरे दमक उठे। पदक पाने के बाद मेधावियों ने शिक्षकों, माता-पिता का आशीर्वाद और भविष्य के सपने को साकार करने का संकल्प लिया। परिसर के सभी संकायों, संस्थानों में उत्सव जैसा माहौल दिखा।

मुख्य अतिथि ज़ेड स्केलर के सीईओ और बीएचयू के पूर्व छात्र जय चौधरी ने अपने प्रेरणादायक अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि हाई स्कूल के बाद उन्हें आईआईटी जैसी संस्थाओं के बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन बीएचयू में दाखिले के बाद उनकी सोच में बड़ा बदलाव आया। उन्होंने बताया कि गणित और रसायन विज्ञान के अध्ययन ने केवल उनके ज्ञान को गहरा किया, बल्कि उनकी अंग्रेजी में भी सुधार किया। बीएचयू में शिक्षा ने उन्हें अमेरिका में करियर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने विद्यार्थियों को डिग्री से अधिक सीखने और जीवन में बुनियादी मदद के महत्व पर जोर दिया। बीएचयू के कुलपति सुधीर जैन ने दीक्षांत समारोह को विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण और यादगार अवसर बताया। उन्होंने इसे एक उत्सव के रूप में वर्णित किया, जो छात्रों के लिए नई शुरुआत का प्रतीक है। दीक्षांत समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। 

गोल्ड मेडल पाने वाले छात्रों में दिखा उत्साह

आचार्य वेदांत दर्शन में वैदिक दर्शन विषय लेकर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले रामकृष्ण मिश्र से बातचीत की और इन्होंने अपनी खुशी को जाहिर किया। गोंडा जिले के रामकृष्ण अपने माता पिता के साथ इस समारोह में पहुचे थे पिता किसान हैं और मां घर संभालती हैं। इन्होने कहा कि स्वप्न पूरा हो गया। इसके अलावा दिल्ली की रहने वाली अवनीत ने भी गोल्ड मेडल प्राप्त कर उत्साह प्रकट किया।

इन्हें मिली उपाधियां

बीएचयू में आधे से ज्यादा उपाधियां और मेडल कला संकाय और विज्ञान संकाय को मिल रहे हैं। 544 में से 247 मेडल और 13 हजार में 6300 से ज्यादा उपाधियां इन्हीं दोनों संकायों को मिला। 747 में से 404 पीएचडी उपाधियां भी कला और विज्ञान संकाय के स्कॉलर्स को दी गयी। जबकि 226 पीएचडी उपाधि कला संकाय और 180 विज्ञान के नाम हैं। सबसे ज्यादा मेडल 139 मेडल कला संकाय को दिए गए। इसके बाद विज्ञान संस्थान को 108, आईएमएस को 66, सामाजिक विज्ञान को 45 और मंच कला संकाय के मेधावियों को 43 मेडल दिए गए। सबसे कम यूजी और पीजी की उपाधियां डेंटल संकाय के नाम हैं। यहां पर यूजी के 39 और पीजी के 23 छात्रों को डिग्री दी गईं। वहीं, विजुअल आर्ट में 12 पीएचडी और डेंटल में सिर्फ 3 पीएचडी कराई गई। इसके अलावा बीएचयू की सभी 20 एमफिल डिग्री सामाजिक विज्ञान संकाय के नाम हैं।

कॉलेजों में आर्य महिला को सबसे ज्यादा 1054 उपाधियां

तीन दिन के समारोह के दौरान संबद्ध कॉलेजों में सबसे ज्यादा 1054 उपाधियां आर्य महिला पीजी कॉलेज में दी जाएंगी। यहां यूजी में 838 और पीजी में 216 उपाधि वितरित होंगी। इसके बाद 1042 उपाधियां डीएवी में, जिसमें यूजी की 817 और पीजी की 225 उपाधियां शामिल हैं। तीसरे स्थान पर वसंत कन्या राजघाट की 956 छात्राओं को डिग्री मिलेगी। इसमें यूजी की 684 और पीजी की 272 उपाधि शामिल है। अंत में वसंत कन्या महाविद्यालय में कुल 732 उपाधियां बटेंगी। यूजी की 508 और पीजी की 224 डिग्री शामिल है।

उपाधियों का विवरण

कुल पीएचडी - 747

एमफिल - 20

पीजी - 4903

यूजी- 8103

मेडल का विवरण

कला संकाय - 139

विज्ञान संकाय - 108

आईएमएस - 66

सामाजिक विज्ञान - 45

मंच कला - 43

शिक्षा संकाय में भी बंटी डिग्रियां

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शिक्षा संकाय का 104वां दीक्षांत समारोह भव्यता और गरिमा के साथ आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रो. प्रणति पंडा, एनआईईपीए (नई दिल्ली) की प्रोफेसर और ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद्, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षा संकाय की अधिष्ठाता प्रो. अंजलि बाजपेयी ने की। कुलगीत के बाद संकायाध्यक्ष प्रो. अंजलि बाजपेयी ने कार्यक्रम के औपचारिक शुभारम्भ की घोषणा की ।तत्पश्चात मुख्य अतिथि प्रो. प्रणति पंडा, संकायप्रमुख, आर्य महिला पी जी कॉलेज की प्राचार्या एवं शैक्षिक परिषद के सदस्यों के द्वारा दीक्षांत समारोह में शिक्षा संकाय, एम.एम.वी., एवं आर्य महिला पी जी कॉलेज  के विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इसमें पी.एच.डी. (शिक्षाशास्त्र), एम. (शिक्षाशास्त्र), एम.एड., एम.एड. (विशेष शिक्षा), बीएड और बीएड (विशेष शिक्षा) के छात्रों को डिग्रियाँ प्रदान की गईं। जिसमें 07 छात्रों  सुचित्रा त्रिपाठी, कु. दिव्या सिंह, सत्यपाल प्रजापति, राजश्री ज्योति पटेल, तान्या सचदेवा और अंकिता प्रज्ञाश्री ने  पदक प्राप्त किया। मुख्य अतिथि प्रो. प्रणति पंडा ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020  को सन्दर्भित करते हुए शिक्षा के बदलते परिदृश्य और नवाचारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों से शिक्षा को समाज की सेवा और सशक्तिकरण का माध्यम बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “शिक्षा केवल ज्ञान का अर्जन नहीं, बल्कि मानवता के लिए समाधान का माध्यम बननी चाहिए।

No comments:

Post a Comment

’कल्कि’ रुप में होगा भगवान विष्णु का दशावतार

’ कल्कि ’ रुप में होगा भगवान विष्णु का दशावतार  भगवान कल्कि को भगवान विष्णु का 10 वां अवतार माना जाता है . दरअसल , कल्कि ...