निजीकरण के विरोध में डिस्कॉमकर्मियों
का उग्र आंदोलन की चेतावनी
कहा, निजी
ठेकेदारों
को
देने
से
रोजगार
के
अवसर
समाप्त
होंगे
पूर्वांचल एवं
दक्षिणांचल
के
जूनियर
इंजीनियर
एवं
विद्युत
कर्मियों
की
नौकरी
जाना
तय,
समायोजन
की
स्थिती
भयावाह
: गोपाल
वल्लभ
पटेल
1016 अभियंता, 2154 जूनियर इंजीनियर
और
23816 टेक्नीशियन
लिपिक
एवं
अन्य
कर्मचारियों
का
अन्यत्र
समायोजन
करना
होगा
कार्रवाई के
विरोध
में
प्रबंध
निदेशक
से
मिले
कर्मचारी
नेता
मुख्यमंत्री एवं
ऊर्जा
मंत्री
से
निजीकरण
के
प्रस्ताव
को
निरस्त
करने
की
मांग
सुरेश गांधी
वाराणसी। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत
वितरण निगम के निजीकरण
के बाद अधिकारियों, कर्मचारियों
की सेवा पर संशय
की स्थिति बनी है। निगम
की ओर से जहां
समायोजन की बात की
जा रही है, वहीं
राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन ने समायोजन संबंधी
प्रस्ताव सच्चाई से परे बताया।
जनपदीय सचिव इंजी. प्रमोद कुमार ने बताया कि जूनियर इंजीनियर और प्रोन्नत अभियंताओं की छंटनी और पदावनति की कार्रवाई तय है। विद्युत मजदूर पंचायत यूपी प्रतिनिधिमंडल प्रबंध निदेशक शंभू कुमार और निदेशक कार्मिक आरके जैन से मिला। बिजली कर्मचारी नेताओं ने संविदा कर्मियों पर हुई कार्रवाई पर आपत्ति जताई।
मीडिया प्रभारी अंकुर पांडेय ने बताया कि 30 नवंबर को भिखारीपुर के हनुमान मंदिर पर मजदूर पंचायत की आपात बैठक बुलाई थी। प्रबंधन ने उसे धरना समझा। इसे आधार बनाकर ही संविदा कर्मचारियों पर कार्रवाई की।
अंकुर पांडेय ने बताया कि
दोनों अधिकारी ने कार्रवाई समाप्त
करने का आश्वासन दिया।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि
निजीकरण के विरोध में
पांच दिसंबर को वाराणसी में
पंचायत, छह दिसंबर को
राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन होगा। प्रांतीय कार्यवाहक महामंत्री डॉ. आरबी सिंह,
प्रांतीय अतिरिक्त महामंत्री ओपी सिंह, प्रांतीय
उपाध्यक्ष आरके वाही सहित
अन्य मौजूद रहे। राज्य विद्युत
परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन जनपद शाखा वाराणसी
ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ एवं ऊर्जा मंत्री
एके शर्मा से अपील की
है कि विद्युत उपभोक्ताओं,
आम जनमानस तथा विद्युत कर्मियों
के व्यापक हित में पूर्वांचल
एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के
निजीकरण के प्रस्ताव को
निरस्त किया जाए तथा
ऊर्जा निगमो में सुधार के
व्यापक कार्यक्रम तत्काल शुरू किये जाए।
जनपद सचिव ने कहा
कि ऊर्जा निगम के प्रबंध
द्वारा कॉर्पोरेशन की व्यवस्था में
लागू किए जाने वाले
समस्त सुधार कार्यक्रमों में पूर्ण सहयोग
के लिए संगठन का
एक-एक सदस्य दृढ़
संकल्पित है।
किसी भी कीमत पर निजीकरण स्वीकार नहीं : अंकुर पांडेय
अंकुर पांडेय बताया कि किसी भी हाल में
निजीकरण नहीं होने देंगे.निजीकरण को लेकर पावर
काॅरपोरेशन प्रबंधन झूठ फैला रहा
है. प्रबंधन निजी कंपनियों के
प्रवक्ता की तरह काम
कर रहा है. पूर्वांचल
और दक्षिणांचल विद्युत वितरण कंपनियां उन्हें सौंपने की तैयारी है.
भारत सरकार ने सितंबर 2020 में
वितरण कंपनियों के निजीकरण का
ड्राफ्ट मीटिंग डॉक्यूमेंट जारी किया था,
जिसे अभी तक अंतिम
रूप नहीं दिया गया
तो निजीकरण कैसे कर दिया
जाएगा. यह किसी कीमत
पर स्वीकार नहीं है.
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