Saturday, 14 December 2024

निजीकरण के विरोध में सड़कों पर उतरे बिजली कर्मचारी, निकाला जुलूस

निजीकरण के विरोध में सड़कों पर उतरे बिजली कर्मचारी, निकाला जुलूस 

सरकार को चेताया है कि आज का ये विरोध आगे और भी तेज होने वाला है : अंकुर पांडेय

सुरेश गांधी

वाराणसी। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव कर्मचारियों का गुस्सा अब सातवें आसमान पर पहुंच गया है। निजीकरण के खिलाफ बिजली निगम के सामने कर्मचारियों ने सिर्फ जबरदस्त धरना-प्रदर्शन किया, बल्कि शनिवार को कार्यालय के गेट से जुलूस भी निकाला। इस दौरान सरकार को चेताया है कि आज का ये विरोध आगे और भी तेज होने वाला है।

इस दौरान सभा में मीडिया प्रभारी अंकुर पांडेय ने कहा कि कहा कि बिजली कर्मी पूरी मेहनत से कार्य कर रहे हैं और निजीकरण के विरोध में सभी ध्यानाकर्षण कार्यक्रम कार्यालय समय के बाद कर रहे हैं. जिससे बिजली व्यवस्था पर कोई दुष्प्रभाव पड़े और उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत हो. संघर्ष समिति ने कहा कि आगरा के निजीकरण के पहले जारी किए गए आरएफपी डॉक्यूमेंट में एटीएंडसी हानियां बहुत अधिक बढ़ाकर बताई गई थीं, जो फर्जी थी. इसी गलत डॉक्यूमेंट के चलते पॉवर कारपोरेशन को टोरेंट को बिजली देने में ही 2434 करोड़ रुपये की चपत अब तक लग चुकी है. इस बार भी परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किए बिना पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों की अरबों खरबों रुपए की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल बेचने की साजिश है. बिडिंग के पहले अगर आरएफपी डॉक्यूमेंट जारी किया जाए तो पूरा घोटाला सामने जाएगा. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की अरबों रुपए की बेशकीमती जमीन किस आधार पर मात्र एक रुपए में निजी घरानों को सौंप दी जाएंगी?, यह जनता की परिसंपत्ति है. इन सब बातों से बिजली कर्मचारी और उपभोक्ता बहुत अधिक परेशान और उद्वेलित है.

 

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