अजीत सिंह
बग्गा
के
नेतृत्व
में
एडीएम
व
एसीपी
से
मिला
व्यापारियों
का
प्रतिनिधिमंडल
बैन के बाद भी चाइनीज मांझा
की बिक्री पर भड़के व्यापारी
पत्रक में
वाराणसी
मे
चाइनीज
मांझे
पर
पूर्ण
रूप
से
प्रतिबंध
लगाने
की
मांग
पतंग के
शौकीनों
से
जनहित
में
मानवता
को
देखते
हुए
पतंग
उड़ाने
का परित्याग कर
मानवता
का
परिचय
देने
की
अपील
चाइनीज मांझे
से
किसी
की
मृत्यु
होने
पर
हत्या
और
घायल
होने
पर
हत्या
के
प्रयास
जैसे
धाराओं
मे
मुकदमा
चलाया
पंजीकृत
किया
जाये
: अजीत
सिंह
बग्गा
कहा, आएं
दिन
हो
रही
पंतगबाजी
से
मौतें,
राहगिरों
का
सड़क
पर
चलना
हुआ
जानलेवा
सुरेश गांधी
वाराणसी। चाइनीज मांझा प्रतिबंध के बावजूद शहर
में बिक रहा है.
इस मांझे की वजह से
आएं दिन लोगों की
जान जा रही है.
हाल यह है कि
इस मांझा वाली पतंगबाजी से
राहगीरों का सड़क पर
चलना दुभर हो गया
है। जानलेवा बन चुका चाइनीज
मांझा वाली पतंगबाजी के
चलते ताबड़तोड़ हो रही दुघर्टनाओं
से आक्रोशित वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत
सिंह “बग्गा“ के नेतृत्व मे
व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल एडीएम
सीटी व ज्वाइंट सीपी
से मिला। इस दौरान सौंपे
गए पत्र में वाराणसी
मे चाइनीज मांझे पर पूर्ण रूप
से प्रतिबंध लगाने की मांग की
गयी।
अजीत सिंह बग्गा
ने कहा कि पतंग
उड़ाने के शौक से
किसी की जान नही
जानी चाहिए। मगर वही शौक
जब जानलेवा बन जाए तो
इसको बंद कर देना
ही जनहितकारी हैं। किसी के
शौक के कारण इंसान
तो इंसान बेजुबान निरीह पशु-पक्षी भी
इसके मकड़जाल में फंसकर अपनी
प्राण को त्यागते हैं।
यह पूरी तरही से
अपराध की श्रेणी में
आता है। शासन वक्त-वक्त पर इसके
खिलाफ कार्रवाई करती तो है
लेकिन कुछ प्रसाशनिक अफसरो
की मिलीभगत से चाइनीज माझा
बेचने वालों की चांदी कट
रही है। बाजार में
खुलेआम धड़ल्ले से प्रतिबंधित चाइनीज
मांझा बिक रहा है।
इसके हत्यारे कारोबारी कमाने के चक्क्र में
लोगों के जान के
दुश्मन बन गए है।
ऐसे में पतंग के
शौकीनों से विनम्र अपील
है कि जनहित में
मानवता को देखते हुए
पतंग उड़ाने का परित्याग
कर मानवता का परिचय दे।
व्यापारियों का कहना है
कि न्यायालय द्वारा रोक के आदेश
के बावजूद धड़ल्ले से यह प्रतिबंधित
मांझा बिक रहा है।
इससे इंसानों के साथ बेजुबान
पशु-पक्षियों पर भी बारहों
महीने खतरा मंडराता रहता
है। इससे रोजना दर्जनोंघटनाएं
हो चुकी है, जिसमें
मासूम बच्चे, युवक व वृद्ध
की मौतें भी शामिल हैं।
जबकि घायलों की अनगिनत घटनाएं
हो चुकी है। मीडिया
और सोशल मीडिया के
माध्यम से ताजा उदाहरण
रोज देखने और सुनने को
मिल रहे हैं। इस
जानलेवा मांझे से इतने लोगों
की मृत्यु हो चुकी है,
जिसका वर्णन नहीं किया जा
सकता। ज्ञात और अज्ञात रूप
में कई लोग गंभीर
रूप से इसके शिकार
हो चुके हैं और
हो रहे हैं। इस
तरह की घटनाओं से
हम सब बहुत ही
दुखी हो गये हैं।
व्यापारियों की मांग है
कि ऐसी घटनाओं को
हत्या के श्रेणी मे
लेते हुए कठोर कार्यवाही
किया जाएं और चाइनीज
मांझे से किसी की
मृत्यु होने पर हत्या
और घायल होने पर
हत्या के प्रयास जैसे
धाराओं मे मुकदमा चलाया
पंजीकृत किया जाये। हत्या
मे उपयोग होने वाली चाइनीज
मांझे बेचने या रखने वाले
जब पकड़े जाये तो
उनपर भी कठोर कारवाई
हो। वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत
सिंह“बग्गा“ ने कहा कि
आगे की रणनीति तैयार
हैं। चाइनीज मांझे की रोक के
साथ ही पतंग उडांने
पर ही रोक लगाने
की अब जरुरत हैं।
इस मौके पर वाराणसी
व्यापार मंडल की शाखा
युवा व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय
गुप्ता, राजीव वर्मा, मनीष गुप्ता, प्रिया अग्रवाल, जय प्रकाश राजभर, दिप्तिमान देव,
शरद गुप्ता, एस.के. बहल, अनुभव जायसवाल, शरद श्रीवास्तव, अमन जायसवाल, अंबे सिंह आदि
भी मौजूद रहे।
पशु-पक्षियों के लिए भी बना खतरा
मकर संक्रांति का
पर्व मध्य प्रदेश में
बड़े उत्साह और धूमधाम से
मनाया जाता है. पतंगबाजी
इस पर्व का एक
अहम हिस्सा है, लेकिन इसके
साथ जुड़ी कुछ खतरनाक
घटनाओं के कारण जिला
प्रशासन और पुलिस ने
चाइना मांझे पर पूरी तरह
से प्रतिबंध लगा दिया है.
वाराणसी के अपर पुलिस
आयुक्त एस. चिनप्पा ने
चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाते
हुए सख्त कार्रवाई की
चेतावनी दी है। उन्होंने
कहा है कि जो
भी व्यक्ति चाइनीज मांझे के साथ पकड़ा
जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी
कार्रवाई होगी। इसके बावजूद, शहर
के दालमंडी और अन्य इलाकों
में इस प्रतिबंधित मांझे
की बिक्री खुलेआम जारी है। सूत्रों
के मुताबिक, बाजार में 10 करोड़ रुपये से
अधिक मूल्य का चाइनीज मांझा
स्टॉक किया जा चुका
है।
अवैध कारोबार का बढ़ता जाल
शहर के दालमंडी,
लोहता, चेतगंज, आदमपुर और शिवपुर जैसे
क्षेत्रों में चाइनीज मांझा
थोक और फुटकर दोनों
रूपों में बिक रहा
है। प्रशासन के छापों में
बड़ी मात्रा में मांझा बरामद
होने के बावजूद, कठोर
कार्रवाई की कमी के
चलते यह अवैध कारोबार
थमने का नाम नहीं
ले रहा।
हर साल चली है सकड़ों जाने
चाइनीज मांझा प्रतिबंध के बावजूद पूरे
देश में बिक रहा
है. हर साल इस
मांझे की वजह से
बहुत से लोगों को
जान जाती है. नेशनल
क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पास इसके
आंकड़े अलग से नहीं
हैं, लेकिन ये मौतें हर
साल, हर उस शहर
में होती हैं, जहां
पतंग के शौकीन रहते
हैं. घायल होने वालों
का तो हिसाब लगाना
मुश्किल है. कई बार
बिजली के तार से
सटा हुआ मांझा अगर
किसी इंसान के शरीर को
छूता है तो इससे
मौके पर ही मौत
हो जाती है. दोपहिया
वाहन सवार सर्वाधिक इसके
शिकार हो रहे हैं.
मकर संक्रांति पर पतंग के
शौकीन बड़ी संख्या में
पतंग उड़ाते हुए देखे जाते
हैं. आपस में इनकी
प्रतियोगिताएं भी होती हैं.
जिसने जितनी ज्यादा पतंग काटी, वह
उतना बड़ा विजेता. पतंग
काटने की प्रैक्टिस करने
के इरादे से लोग इस
प्रतिबंधित चाइनीज की खरीदारी करते
है. पतंग काटने में
कला के साथ ही
इस मांझे की बड़ी भूमिका
है.
क्या है चाइनीज मांझा
साधारण डोर धागे से
बनती है और चाइनीज
मांझा नाइलान, शीशा समेत कई
अन्य केमिकल से बना होता
है. नतीजतन इसकी जद में
आने वाले का घायल
होना तय है. पतंग
लोग ऊंचाई वाले इलाके से
उड़ाते हैं और जब
भी कोई पतंग कटती
है या गिरती है
तो दोपहिया सवार इसकी चपेट
में आते हैं. चलती
बाइक पर अगर यह
मांझा गर्दन पर आ गया
तो घायल होने के
साथ कई बार मौत
भी हो जाती है.
नहीं है कोई कानून
आधिकारिक तौर पर चाइनीच
मांझे को लेकर केंद्र
एवं राज्य सरकारे एडवाइजरी तो जारी करती
रही हैं, लेकिन इसकी
बिक्री न हो पर
इसके लिए कोई अलग
से कानून नहीं बना है.
एनजीटी और दिल्ली हाईकोर्ट
ने जरूर इस पर
सख्ती करने के इरादे
से निर्देश दिए हैं. वहीं
पुलिस जब कार्रवाई करना
चाहती है तो मौजूदा
कानूनों के तहत ही
कठोर कार्रवाई कर देती है.
स्थानीय प्रशासन ने अपने-अपने
स्तर पर बड़े पैमाने
पर इसकी बिक्री पर
प्रतिबंध लगा रखा है.
इसलिए बिक रहा मांझा
पतंग का सामान्य
धागा और चाइनीज मांझा
की कीमतों में अंतर होता
है. यह सामान्य धागे
से थोड़ा मंहगा होता
है. यह पतंगबाजों के
लिए काटने का मजबूत साधन
है तो व्यापारियों के
लिए ज्यादा आय का स्रोत.
खतरनाक प्रभाव
चाइना मांझा प्लास्टिक और धातु की
कोटिंग के कारण बेहद
धारदार होता है. पतंग
उड़ाने के दौरान यह
मांझा अक्सर बिजली की तारों में
फंसकर शॉर्ट सर्किट का कारण बनता
है. इसके अलावा, यह
राहगीरों, खासकर बाइक सवारों के
गले पर गंभीर चोट
पहुंचा सकता है.
बग्गा की लोगों से अपील
अजीत सिंह बग्गा
ने लोगों से चाइना मांझा
न खरीदने और न ही
इस्तेमाल करने की अपील
की है. उन्होंने कहा
कि मकर संक्रांति का
पर्व हर्षोल्लास का प्रतीक है.
इसे सुरक्षित और खुशहाल तरीके
से मनाना चाहिए. अगर आप अपने
बच्चों को मांझा खरीदने
भेज रहे हैं, तो
सुनिश्चित करें कि वे
चाइना मांझा न खरीदें. इसके
बजाय, साधारण और सुरक्षित डोर
का इस्तेमाल करें.