खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में बिक्री 3 करोड़ के पार
उद्यमियों को अपने उत्पादों को बेचने का उचित प्लेटफार्म है ग्रामोद्योग प्रदर्शनी : रवीन्द्र जायसवाल
मंत्री ने
मंडल
स्तरीय
पुरस्कार
का
भी
वितरण
किया
सुरेश गांधी
वाराणसी। अर्बन हॉट चौकाघाट परिसर में 15 दिवसीय मंडलीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का शुक्रवार को समापन हो गया। इन 15 दिनों में विभिन्न उद्यमियों के उत्पादों की बिक्री तीन करोड़ से अधिक रही। इस मौके पर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने मंडल स्तरीय पुरस्कार का वितरण भी किया।
जिसमें अशोक कुमार जायसवाल को प्रथम पुरस्कार स्वरूप रु. 15000.00 का चेक, मो आफताब अहमद गाजीपुर को द्वितीय पुरस्कार स्वरूप रू. 12000.00 का चेक एवं ऊषा सिंह गाजीपुर को तृतीय पुरस्कार स्वरूप रु. 10000.00 का चेक पुरुस्कार स्वरूप उपलब्ध कराए।
मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहां कि इस प्रकार की मेलों से निश्चित रूप से कुटीर उद्योगों, विशेष कर खादी के सामानों के प्रति लोगों का झुकाव होता है। ऐसे मेलों से कुटीर उद्योग के क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपने सामानों की बिक्री करने के लिए एक उचित प्लेटफार्म एवं बाजार मिलता है। प्रधानमंत्री भी लोकल फॉर वोकल पर विशेष जोर देते हैं। बता दें, प्रदर्शनी में कुल 113 स्टॉल लगे थे, जिसमें 25 खादी के स्टॉल एवं 88 स्टॉल ग्रामोद्योग के थे,
जिसमें
सीतापुर की चादर, प्रतापगढ़
का मुरब्बा, सोनभद्र की दरी, भदोही
की कारपेट, बनारस की साड़ी, लकड़ी
के खिलौने, आचार मुरब्बा, पंजाब
की फुलकारी, उत्तराखंड के सदरी एवं
उ० प्र० के अन्य
जनपदों के साथ गुजरात,
मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, जम्मू कश्मीर, दिल्ली के भी स्टाल
लगे थे।
कार्यक्रम में मां मुंडेश्वरी म्यूजिक ग्रुप द्वारा सांस्कृतिक एवं देशभक्ति गीत की प्रस्तुति दिया गया। इस अवसर पर परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी यू.पी.सिंह ने मंत्री का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूनम मौर्या, अध्यक्ष जिला पंचायत, धर्मेंद्र राय, सदस्य विधान परिषद उप्र, उमेश कुमार सिंह, संयुक्त आयुक्त उद्योग वाराणसी मंडल, अरुण कुमार कुरील, उप निदेशक हथकरघा, एसएन पाल,
सहायक निदेशक सूचना, गिरजा प्रसाद, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी
चंदौली, अमिता श्रीवास्तव, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी
गाजीपुर, अमितेश कुमार सिंह, जिला परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग
अधिकारी विंध्याचल मंडल मीरजापुर, किरण
श्रीवास्तव, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी
सोनभद्र, खादी संस्थाओं के
प्रतिनिधि, उद्यमी एवं अधिकारी कर्मचारी
उपस्थित रहे।
परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी यूपी सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य प्रदेश दूरस्थ स्थानों के कामगारों द्वारा उत्पादित खादी ग्रामोद्योग सामानों की अधिक से अधिक बिक्री हो, ताकि उनकी आजीविका में सुधार हो सकें और महात्मा गाँधी जी का सपना साकार हो। प्रदर्शनी में कुल 113 स्टाल लगाये गये है, जिसमें 25 स्टाल खादी उद्योग एवं 88 स्टाल ग्रामोद्योगी उत्पाद के लगे है। प्रदर्शनी में खादी के आधुनिक वस्त्र, खादी के बने कटिया, मूंगा और सूती वस्त्र, कुर्ता, पैजामा, शर्ट, गमछा, धोती, रूमाल, लूंगी, रजाई गददे, डिजाईनर साड़ियाँ, बनारसी साड़ियाँ काटन की साड़ियाँ और काश्मीरी शाल, सूट स्टाल, स्वेटर जैकेट एवं
उत्तराखण्ड की ऊनी जैकेट एवं सहारनपुर के बने कम्बल, नक्काशीदार सोफा, बेड, दिवान झूला एवं लकडी के बने आधुनिक सामान,प्रतापगढ एवं वाराणसी के ऑवला से निर्मितं खाद्य सामग्री जैसे लडडू, बर्फी, कैंडी, सिरका एवं अचार जैसे आम का अचार नीबू का अचार, लहसून का आचार एवं अदरक आचार, कानपुर के बने चमडे के सामान जैसे जूता, चप्पल, बेल्ट, पर्स एवं आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनी दवायें एवं चन्दन, चन्दन फेस पैक एवं रूदाक्ष, अंगूठी और दर्द नाशक तेल प्रदर्शनी में भारी छूट के साथ उपलब्ध है।
प्रदर्शनी में आये हुए
सभी लोगो से अनुरोध
है कि स्वदेशी सामान
खरीद कर इस देश
को मजबूत बनाइये। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य
ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमियों को
बाजार उपलब्ध कराना एवं विपणन में
सहायता व बिक्री के
लिये प्रोत्साहित किया जाना है।
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