Monday, 3 February 2025

महाकुंभ भगदड़ के संदिग्धों की खोज तेज, पुलिस के हाथ लगा वीडियों

महाकुंभ भगदड़ के संदिग्धों की खोज तेज, पुलिस के हाथ लगा वीडियों 

दावा : एआई कैमरों में 120 संदिग्ध दिखे, कुछ लोग भीड़ में घुसे और भगदड़ मची

साजिश की आशंका पर एटीएस-एसटीएफ जांच में जुटी

सुरेश गांधी

महाकुंभनगर। पुलिस को भगदड़ के दौरान की फुटेज में कुछ संदिग्धों की गतिविधियां मिली हैं। फुटेज के आधार पर पुलिस संदिग्धों की पहचान और जांच में जुटी है। वहीं, खुफिया एजेंसियों को भी सक्रिय कर दिया गया है। ताकि घटना से जुड़े तार को जोड़ते हुए साजिश का पता लगाया जा सके। सूत्रों की मानें तो 16 हजार से अधिक मोबाइल नंबरों के डेटा का विशश्लेषण किया जा रहा है. अब तक की जांच में कई मोबाइल नंबर घटना के बाद से ही बंद रहे हैं. महाकुंभ मेला एरिया में बने कमांड एंड कंट्रोल रूम के सीसीटीवीसे संदिग्धों को फेस रिकग्निशन ऐप के जरिए चिन्हित किया जा रहा.

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की जांच तेज कर दी है. यूपी एसटीएफ की टीमें साजिश के एंगलपर जांच करने में जुटी हैं. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि महाकुंभ में कहीं साजिश के तहत भगदड़ करवाई तो नहीं गई. अपनी जांच के तहत यूपी एसटीएफ संगम नोज के आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों का डेटा खंगाल रही है. महाकुंभ मेला क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा, ’मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ कहीं साजिश तो नहीं, इस एंगल से भी जांच की जा रही है. क्योंकि कई इनपुट ऐसे आए हैं जो इस ओर इशारा कर रहे हैं.

बता दें, भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई है। जबकि 37 घायल हुए है। जांच एजेंसियां सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही हैं. साथ ही साथ मेले में रेहड़ी और खुमचे लगाने वालों से भी पूछताछ की जा रही है. दरअसल, महाकुंभ भगदड़ के घायलों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि एक युवाओं का समूह लगातार पीछे से धक्के मार रहा था, जिसकी वजह से हादसा हुआ. इसके बाद अब एटीएस और एसटीएफ इस ग्रुप की तलाश कर रही है. एक महिला प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक युवाओ के एक ग्रुप द्वारा धक्का मारा जा रहा था, जिसकी वजह से लोग गिर पड़े और भीड़ उन्हें रौंदते हुए आगे बढ़ गई.  इसी तरह झूंसी इलाके में भी भगदड़ हुई थी. अब साजिश की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच तेज कर दी है. सीसीटीवी के माध्यम से उन युवाओं को चिन्हित करने की कोशिश की जा रही है. बता दें कि योगी सरकार ने भगदड़ की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का भी गठन किया है.

डीजीपी प्रशांत कुमार ने भगदड़ के पीछे साजिश की थ्योरी सामने आने पर कहा कि हर पहलू की सघनता से जांच की जा रही है. तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. भगदड़ की सच्चाई जल्द ही सामने आएगी. सूत्रों के अनुसार, घटना के समय मौजूद 2 लोगों ने बताया कि भगवा झंडा लेकर कुछ लोग अचानक भीड़ में घुस आए थे। जिनकी वजह से भगदड़ की शुरुआत हुई। इन दावों की पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। एसटीएफ को उस समय एक्टिव कुछ मोबाइल फोन लगातार बंद मिल रहे हैं। इससे भी साजिश की आशंका को बल मिल रहा है। एसटीएफ संगम नोज पर एक्टिव 16 हजार से ज्यादा मोबाइल फोन की जांच कर रही है। इनमें 100 से ज्यादा नंबर 24 घंटे सर्विलांस पर हैं। घटनास्थल पर लगे कैमरों की फुटेज की फोरेंसिक जांच कराई जा रही है। सूत्रों की मानें, तो 120 संदिग्ध चेहरों की एआई तकनीक से पहचान की गई है। हालांकि अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है।

इसलिए साजिश की आशंका

महाकुंभ शुरू होने से पहले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने धमकी भरा वीडियो जारी किया था। उसने महाकुंभ मेले में पीलीभीत एनकाउंटर का बदला लेने का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 3 खालिस्तानी आतंकियों के एनकाउंटर के बाद उसने धमकी दी थी। अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महाकुंभ को लेकर धमकी देने का मामला सामने आया था। इसकी जांच भी पुलिस कर रही है। आईबी और लोकल इंटेलिजेंस ने भी अघोरी के रूप में महाकुंभ में आतंकियों के गड़बड़ी की रिपोर्ट दी थी। साधु-संत अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा- भगदड़ की घटना में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता। जब से हम लोग प्रयागराज आए हैं, हमें टारगेट किया जा रहा। यह भी कहा गया कि जो गंगाजी में स्नान करेगा, वो पापी है। यह भी कहा गया कि गंगाजी का जलपान करने वाला बीमार हो जाएगा। हमें लगता है कि जितने भी वामपंथी हैं, जितने भी सनातन विरोधी हैं, उनकी नजर हमारे कुंभ मेले को लग गई है। कुछ क्लिप ऐसे भी आए हैं जिनमें किसी माताजी ने यह भी कहा कि जब वह संगम नोज पर थीं, कुछ कच्छाधारी पहुंचे। करीब 10-11 की संख्या में वो लोग थे। उन्होंने माताओं-बहनों से धक्का-मुक्की की। इससे हमारी कुछ बहनें नीचे गिरीं। जब नीचे गिरीं, तो पीछे की भीड़ उनके ऊपर गई। फिर लोग गिरते गए और लोग ऊपर चढ़ते गए।

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