अवैध स्टैंड बना वाहनों से खुलेआम वसूली जा रही रंगदारी
शिकायत के
बावजूद
कोई
कार्रवाई
नहीं
की
जा
रही
है
आरोप : माफियाओं
द्वारा
चौराहों
से
गुजरने
वाले
आटो
सहित
सभी
वाहनों
से
सत्तर
से
अस्सी
रुपए
तक
की
रंगदारी
खुलेआम
वसूली
जा
रही
हैं।
जब कोई
आटो
वाला
वसूली
देने
से
मना
करता
है
तो
उसकी
पिटाई
करने
के
साथ
ही
अभद्र,
अश्लील
गाली
बकते
हैं
सुरेश गांधी
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त मनाही के बावजूद शहर के गोलगडडा सहित लगभग चौराहा पर मनमाने तरीके से अवैध स्टैंड बनाकर खुलेआम रंगदारी वसूली की जा रही है। क्षेत्रीय नागरिकों द्वारा क्षेत्रीय प्रशासनिक अफसरों से लगातार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आरोप है कि माफियाओं द्वारा इन चौराहों से गुजरने वाले आटो सहित सभी वाहनों से सत्तर से अस्सी रुपए तक की रंगदारी खुलेआम वसूली जा रही हैं। खास यह है कि जब कोई आटो वाला वसूली देने से मना करता है तो उसकी पिटाई करने के साथ ही अभद्र, अश्लील गाली बकते हैं।
क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है
कि मनमाने तरीके से अवैध स्टैंड
बनाकर खुलेआम अवैध वसूली की
जा रही है, जिसे
देखने वाला कोई नहीं
है. आलम यह है
कि हर चौराहों से
प्रति माह करीब 40 से
50 हजार रुपये की अवैध वसूली
खुलेआम की जा रही
है, लेकिन इस मामले में
प्रशासन अंजान बना हुआ है.
उनका कहना है कि
सभी ऑटो व इ-रिक्शा से वसूली की
जाती है. मजबूरी में
इ-रिक्शा व आटो चालक
अवैध वसूली देने को मजबूर
है.
चालकों का कहना है
कि स्टैंड के नाम पर
80 रुपये प्रतिदिन सभी ऑटो व
इ-रिक्शा से लिया जाता
है. इसके अलावा नगर
नगम द्वारा भी लिया जाता
है. वो जानना चाहते
है कि आखिर किसकी
अनुमति व किनके द्वारा
अवैध स्टैंड बना पैसा की
वसूली की जा रही
है, जो जांच का
विषय है. मजे की
बात यह है कि
इसकी जानकारी नगर निगम को
भी नहीं है. जिस
सड़क से प्रतिदिन अफसर
से लेकर नगर के
अधिकारी गुजरते हैं, लेकिन खुलेआम
हो रही अवैध वसूली
से अधिकारी भी अंजान हैं.
उनका कहना है
कि कमाई हो, न
हो रंगबाजों के दबंगई व
शोहदों की मनमानी के
आगे झुकना ही पड़ता है।
छोटे वाहनों का भी निकाय
शुल्क के नाम पर
50 से सौ रुपये तक
देना पड़ रहा है।
वसूली का कोई अड्डा
न शुल्क निर्धारित है। जहां मन
में आए वहीं हरी
या पीली पर्ची थमाकर
रकम ऐंठ ली जा
रही है। नगर निगम
अफसरों का कहना है
कि इसकी उन्हें जानकारी
नहीं है। शिकायत मिलने
पर जांच कराकर कार्रवाई
की जायेगी।
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