साहित्य और पत्रकारिता पर मधुकर की समान पकड़ थी
काशी पत्रकार संघ में श्रद्धांजलि सभा
वाराणसी। कमल नयन मधुकर की साहित्य और पत्रकारिता दोनों पर बराबर की पकड़ थी। मानवीय गुणों से ओतप्रोत मधुकर अध्ययनशील और जिज्ञासु प्रवृत्ति के साथ-साथ व्यवहार कुशल भी थे। पत्रकारिता साहित्य को पाठक वर्ग तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम मानते थे मधुकर।
साहित्य पत्रकारिता को अधिक संवेदनशील और प्रभावशाली बनाता है। यह विचार आज काशी पत्रकार संघ की पराड़कर स्मृति भवन में हुई श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने व्यक्त किए।
काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष डा. अत्रि भारद्वाज, महामंत्री अखिलेश मिश्र, कोषाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी, उपाध्यक्ष सुरेंद्र नारायण तिवारी, मंत्री सुनील शुक्ल, वाराणसी प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरुण मिश्र, मंत्री विनय शंकर सिंह, संघ के पूर्व अध्यक्ष योगेश कुमार गुप्त, बीबी यादव, वाराणसी प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष चंदन रूपानी, डा. कवींद्र नारायण, डा. जयप्रकाश श्रीवास्तव, राजेश यादव, हरि बाबू श्रीवास्तव अन्नू, दिलीप कुमार, मुन्ना लाल साहनी, राममिलन लाल श्रीवास्तव, सुरेश गांधी, धर्मेंद्र गुप्त साहिल, पीआईबी के पूर्व निदेशक सूर्यकांत त्रिपाठी, डा. जयशंकर जय, अंतरिक्ष श्रीवास्तव ने शोकोद्गार व्यक्त किए। कमल नयन मधुकर के दोनों पुत्र नीरज नयन और शुभम नयन भी उपस्थित रहे।
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