हनुमान जन्मोत्सव
: मंदिरों
में
सुंदरकांड,
हनुमान
चालिसा
के
पाठ,
भजन
रामभक्त केसरीनंदन से बुद्धिमान और बलशाली होने का मांगा वरदान
गली-गली
गूंजे...जय
बजरंग
बली...,
भक्तों
ने
निकाली
गई
ध्वजा
यात्राएं,
21 फीट
की
गदा
बना
श्रद्धालुओं
के
आकर्षण
का
केन्द्र
हनुमज्जयंती पर
संकटमोचन
मंदिर
में
लाखों
भक्तों
ने
टेकें
मत्था
सुरेश गांधी
वाराणसी। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामचरितमानस तथा बजरंग बाण
के दोहे-चौपाई का
जाप करते भक्त। शंखनाद,
घंटे-घड़ियाल की मधुर ध्वनि
के बीच पंचामृत, विभिन्न
औषधीयों के द्रव्य, तीर्थो
के पवित्र जल से मंदिर
में हनुमान जी का अभिषेक
करते पुजारी व महंत।
जी हां, शनिवार
को विशेष योग संयोगों में
केसरी नंदन हनुमान जी
के जन्मोत्सव पर ऐसा ही
नजारा दिखा। इससे पूर्व मध्य
रात्रि में हनुमान जी
का दुग्धाभिषेक कर उन्हें नवीन
पोशाक धारण कराई गई
व मनमोहक श्रृंगार किया गया। श्रद्धालुओं
ने झांकी के दर्शन कर
सुख समृद्धि की कामना की।
हनुमान मंदिरों में विशेष सजावट
के साथ ही रोशनी
की गई। शाम को
विभिन्न मंदिरों में फूल-मालों
से तैयार किए गए फूल
बंगले में हनुमान जी
को विराजमान किया गया। जबकि
दोपहर में कई जगहों
पर शोभायात्राएं निकाली गई। संकट मोचन
मंदिर, बड़े महाबीर मंदिर
अर्दलीबाजार, प्राचीन हनुमान मंदिर पांडेयपुर में भक्तों का
सैलाब उमड पडा। इस
दौरान पूरा परिसर बजरंगबली
के जयकारे से गुंजायमान रहा।
इन मंदिरों को भव्य एवं
दिव्य आकर्षक लाइटों से सजाया गया।
सुबह से देर
रात तक हनुमान जयंती
का उत्साह का चरम पर
दिखाई दिया। हाथों में ध्वज लेकर
भक्त सड़क पर उतरे
और जय बजरंगी जय
हनुमान का जयकारा लगाया।
ध्वजा यात्रा निकाली गई। रविंद्रपुरी और
सुंदरपुर क्षेत्र से भक्तों का
जत्था निकला और संकट मोचन
मंदिर पर पहुंचकर यात्रा
का समापन हुआ। भिखारीपुर तिराहे
से जब शुरुवात हुई
तो संख्या कम रही,
लेकिन
जैसे-
जैसे ध्वजा यात्रा
आगे बढ़ती गयी,
लंबाई
हनुमान जी की पूंछ
की तरह बढ़ती गई.
3
किमी से ज्यादा
लंबी इस यात्रा में
हजारों भक्त शामिल हुए.
इतना ही नहीं यात्रा
में 21
फीट का गदा
खासा आकर्षण का केंद्र बना.
इस दौरान 40
फीट के रथ
पर सजा राम दरबार
भक्तों की आस्था का
केंद्र रहा. “
जय श्री राम”
और “
जय हनुमान”
के
नारों के बीच भक्त
नंगे पांव इस पदयात्रा
में चलते रहे.
इस
दौरान जगह-
जगह पुष्प
वर्षा से उनका स्वागत
किया गया.
पदयात्रा में
100
से ज्यादा डमरुओं की “
डम-
डम”
की आवाज गूंजती रही
और 5100
से ज्यादा लाल
और केसरिया ध्वज लहराते रहे.
इस
हनुमान ध्वजा यात्रा में 7
राज्यों के अलावा पूर्वांचल
भर के 20,000
से अधिक श्रद्धालु
शामिल हुए.
मांस-मदिरा मुक्त हो काशी
यात्रा की शुरुआत से
पहले ही हनुमान भक्तों
ने काशी के अंतर्गृही
क्षेत्र में मांस-
मदिरा
पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.
भक्तों का मानना है
कि इस पवित्र स्थली
में मांस-
मदिरा पूरी
तरह बंद हो जानी
चाहिए.
इस अभियान को
आगे बढ़ाने के लिए सभी
भक्तों ने शपथ भी
ली. “
पवित्र काशी”
की मांग के
समर्थन में श्री हनुमान
ध्वजा यात्रा में विशेष झांकी
भी शामिल रही,
जो चर्चा
का केंद्र बनी रही.
मान्यता
है कि इस दिन
बजरंगबली की आराधना से
अष्ट सिद्धी नव निधि का
आशीर्वाद मिलता है। भक्त हाथों
में ध्वज लेकर यात्रा
निकालते हैं और जयकारा
लगाते हैं। वाराणसी के
विभिन्न क्षेत्रों से निकली यात्रा
का समापन संकट मोचन मंदिर
पर होता है और
सर्वसिद्धि की मनोकामना पूरी
होती है।
हनुमज्जयंती पर संकटमोचन मंदिर
में लाखों भक्तों ने टेकें मत्था
पवनपुत्र की
आरती
के
साथ
ही
2500 किलो
लड्डू
का
भोग
आकर्षण
का
केंद्र
रहा
हनुमज्जयंती के अवसर पर
संकट मोचन मंदिर में
भक्तों का सैलाब उमड
पडा। इस दौरान पूरा
परिसर बजरंगबली के जयकारे से
गुंजायमान रहा। इस अवसर
पर श्री संकट मोचन
मंदिर में महंत प्रो.
विश्वम्भरनाथ मिश्र ने भक्तों में
प्रसाद वितरण किया। प्रांगण में स्वर्ण प्रताप
चतुर्वेदी के आचार्यत्व में
रामार्चा पूजन एवं रुद्राभिषेक
किया गया। वाल्मिकी रामायण
के सुंदर कांड का पाठ
राघवेंद्र पांडेय ने किया। अखंड
रामचरित मानस का चैती
में गायन रामकृष्ण मिशन
एवं अन्य कीर्तन मंडलियों
द्वारा किया गया। वहीं
हनुमान बैठकी में राजेश दीक्षित
द्वारा हनुमान जी का श्रृंगार
किया गया। मंदिर के
कीर्तन मंडलियों द्वारा अखंड सीताराम कीर्तन
का पाठ हुआ। इस
अवसर पर शहनाई वादन
वाराणसी के कलाकारों द्वारा
किया गया। संकट मोचन
मंदिर में तीन बजे
भोर से ही हजारों
लोग जुट गये थे।
मंदिर में पवनपुत्र की
आरती के साथ ही
2500
किलो लड्डू का भोग आकर्षण
का केंद्र रहा। इस अवसर
पर मंदिर परिसर में हनुमान चालीसा,
बजरंगबाण,
हनुमानष्टक एवं सुंदरकांड का
सस्वर पाठ किया गया।
13
अप्रैल से 15
अप्रैल तक सायं पांच
से रात्रि 10
ः00
बजे तक
मंदिर प्रांगण में सार्वभौम रामायण
सम्मेलन आयोजित है। जिसमें काशी
तथा देश के अनेक
सुप्रसिद्ध मानस वक्ताओं की
कथा होगी। इस अवसर पर
सुरक्षा के चाक चौबंद
व्यवस्था की गयी थी। हनुमज्जयंती पर महाराष्ट्र, गुजरात,
बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश समेत
सात राज्यों के श्रद्धालु शिरकत
किए। मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, चंदौली और गोरखपुर जैसे
पूर्वांचल के जिलों से
भी भारी संख्या में
भक्त पहुंचे।
संकट मोचन मंदिर में संजीवनी
बूटी लड्डू की सजेगी झांकी
संकट मोचन मंदिर
में 16
अप्रैल से शुरू होने
वाले संगीत समारोह की तैयारियां अंतिम
दौर में हैं। मंदिर
परिसर में बनने वाली
कला दीर्घा हर बार की
तुलना में इस बार
कई मायने में खास होगी। जहां पेड़ पर बैठे
राम-सीता (कटआउट बनाया जाएगा) श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते
नजर आएंगे, वहीं गोस्वामी तुलसीदास
ने जिस मंदिर में
पहली बार हनुमान जी
की जिस मूर्ति का
दर्शन किया था, उसकी
झांकी भी लगाई जाएगी।
इस बार पेंटिंग में
अयोध्या में बने राममंदिर
की आकर्षक छवि भी दर्शकों
को देखने को मिलेगी। संकट
मोचन संगीत समारोह का 102वां वर्ष मनाया
जा रहा है। इसमें
संगीत के साथ ही
लगने वाली कला दीर्घा
में चित्रकला, मूर्तिकला, फोटोग्राफी को शामिल किया
जा रहा है। मंदिर
परिसर में 16 से 21 अप्रैल तक जाने माने
कलाकार हनुमत दरबार में गायन, वादन
से हाजिरी लगाएंगे। इस बीच मंदिर
परिसर में कला दीर्घा
बनाने का काम भी
शुरू हो गया है।
इस दीर्घा में स्थानीय कलाकारों
के साथ ही देश-विदेश के कलाकारों की
कला भी देखने को
मिलेगी।
प्रो. विजयनाथ मिश्रा ने बताया कि
गोस्वामी तुलसीदास ने पहली बार
जिस हनुमान जी की प्रतिमा
का मंदिर में दर्शन किया
था, उसकी झांकी आकर्षण
का केंद्र रहेगी।
कला प्रदर्शनी के
संयोजन में अंतरराष्ट्रीय कलाकार
अनिल शर्मा की अहम भूमिका
है। प्रो.
मिश्रा ने बताया कि
गोस्वामी तुलसीदास के हनुमानजी के
दर्शन वाली झांकी सोनारपुरा
में बनाई जा रही
है। कला दीर्घा में
हनुमान जी की 100
चित्रों
की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। प्रो.
विजयनाथ मिश्रा का कहना है
कि कला दीर्घा में
100
से अधिक कलाकार अपनी
अपनी कला का प्रदर्शन
करेंगे। इसमें हनुमान जी की छोटी
से बड़ी कलाकृतियां लगाई
जाएंगी। इसमें कई कलाकार ऑन
द स्पॉट पेंटिंग बनाते नजर आएंगे। स्थानीय
स्तर से लेकर देश,
विदेश के कलाकारों की
कलाकृतियां आने भी लगी
हैं। कलाकारों के चयन आदि
की प्रक्रिया भी शुरू हो
गई है।
लगेंगी विदेशी कलाकारों की कलाकृतियां
छह दिन तक
चलने वाली प्रदर्शनी में
झारखंड, पंजाब, उड़ीसा, पुणे, कोलकाता आदि राज्यों के
अलावा नेपाल, स्पेन, कोरिया, इटली, फ्रांस आदि देशों के
20 से अधिक कलाकार भी
आएंगे। विदेशी कलाकारों की कलाकृतियां अंतरराष्ट्रीय
गैलरी में लगी रहेंगी।
इसमें बहुत से कलाकार
खुद समारोह में मौजूद भी
रहेंगे।
No comments:
Post a Comment