Tuesday, 27 May 2025

आंदोलनरत बिजलीकर्मियों का 29 मई से पूर्ण कार्यबहिष्कार का ऐलान

आंदोलनरत बिजलीकर्मियों का 29 मई से पूर्ण कार्यबहिष्कार का ऐलान 

निजीकरण के खिलाफ सातवें दिन भी जोरदार धरना-प्रदर्शन

सुरेश गांधी

वाराणसी. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के बैनर तले बनारस में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ लगातार सातवें दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर जुटे सैकड़ों बिजलीकर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन कर ऊर्जा प्रबंधन और सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की।

प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया कि अगर 28 मई तक ऊर्जा प्रबंधन और संघर्ष समिति के बीच कोई सार्थक वार्ता नहीं होती है, तो 29 मई से पूर्ण कार्यबहिष्कार अनिवार्य होगा, जिससे राज्य में बिजली संकट गहराने की आशंका है। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि इस आंदोलन की अनदेखी करना ऊर्जा मंत्री के दावों को खोखला सिद्ध कर देगा। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि एक ओर प्रदेश में भारी बेरोजगारी है और लोग 5 किलो राशन पर निर्भर हैं, वहीं युवा आईटीआई, पॉलिटेक्निक इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर इस आशा में हैं कि बिजली विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती होगी। लेकिन सरकार निजीकरण के जरिये इस आशा को खत्म कर रही है।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले 180 दिनों में बिजली बोर्ड में सुधार को लेकर कई पत्र और प्रजेंटेशन ऊर्जा प्रबंधन को सौंपे गए, परंतु उन पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि निजीकरण से आम जनता को महंगी बिजली और बाउंसरों के जरिये बिल वसूली का सामना करना पड़ेगा। प्रदर्शनकारियों ने ऊर्जा मंत्री पर भी नाराजगी जताई कि दो दिनों में घायल कर्मचारियों का हालचाल लेने तक नहीं आए, जिससे कर्मियों में गहरा रोष है। उन्होंने मंत्री पर कर्मचारियों और उनके परिवारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। सभा की अध्यक्षता . दीपक गुप्ता ने की, जबकि संचालन वेदप्रकाश राय ने किया। सभा को . मायाशंकर तिवारी, . रेनू मौर्य, नेहा कुमारी, मोनिका केशरी, आशा, . विजय सिंह, . रामाशीष, . नरेंद्र वर्मा, मदन श्रीवास्तव, संतोष वर्मा, सुभाष कुमार, मो. हारिश, रविंद्र यादव, रमाशंकर पाल, उदयभान दुबे, पंकज यादव, . विशाल श्रीवास्तव सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया।

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