बिजली कर्मियों ने जलाई तानाशाही
आदेशों की प्रतियां, बर्खास्त हो चेयरमैन
निजीकरण के
खिलाफ
चौथे
दिन
भी
बनारस
में
जबरदस्त
प्रदर्शन
निदेशक वित्त
निधि
नारंग
का
कार्यकाल
दूसरी
बार
बढ़ाया
जाना
घोटाले
से
जुड़ा
मामला
है,
क्योंकि
उन्होंने
विवादित
कंसल्टेंट
ग्रांट
थॉर्टन
को
क्लीन
चिट
दी
है
सुरेश गांधी
वाराणसी. प्रदेश भर में विद्युत कर्मियों के आंदोलन के चौथे दिन शुक्रवार को वाराणसी में भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर हजारों बिजली कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर निजीकरण और बिजली दरों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी के खिलाफ आवाज बुलंद की।
इस दौरान पावर कॉर्पोरेशन द्वारा जारी किए गए असंवैधानिक बर्खास्तगी आदेशों की प्रतियां भी जलाई गईं।
संघर्ष समिति के राजेंद्र सिंह, मनोज यादव, प्रमोद कुमार, ई. माया शंकर तिवारी सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि बिजली कर्मी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें धमकाया जा रहा है और असंवैधानिक आदेश जारी किए जा रहे हैं।
इस दौरान वक्ताओं ने सरकार और प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को धमकी देना निंदनीय है और सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
वक्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप करते हुए चेयरमैन को पद से हटाने और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की। विरोध सभा की अध्यक्षता ई. एस.के. सिंह ने की और संचालन मीडिया सचिव एवं प्रभसारी अंकुर पांडेय ने किया।
सभा
को ई. सियाराम, संदीप
कुमार, अनिल कुमार, संतोष
वर्मा, हेमंत श्रीवास्तव, सतीश बिंद आदि
ने संबोधित किया।
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