उजड़े सिंदूर का बदला है ‘ऑपरेशन सिंदूर’, मिट्टी में मिले दुश्मन
कल्पना से परे... चुन-चुनकर बदला... और देश जैसा चाहता था वैसा ही हुआ... जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जैसा कहा था ठीक वैसा ही हुआ. पाकिस्तान के वो 9 आतंकी ठिकाने.. जहां भारतीय सेना ने मिसाइलें बरसाकर उन्हें मिट्टी में मिला दिया है। पीएम मोदी की निगरानी में हुई आतंकियों पर ये स्ट्राइक इतनी भयानक थी कि 100 से अधिक आतंकियों की मौत हुई है. लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आशियानों या यूं कहे ट्रेनिंग सेंटरों को भारी नुकसान पहुंचा है. भाई, बहन व पत्नी की मौत के गम में डूबा भारत का मोस्ट वांटेड मसूद अजहर खुद अपनी बर्बादी का दास्ता चीख-चीख कर बता रहा है. ऑपरेशन सिंदूर पहलागाम हमले में मारी गई उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पति की हत्या उनकी आंखों के सामने ही आतंकवादियों ने की थी. “ऑपरेशन सिंदूर“ ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को स्पष्ट कर दिया कि अब जवाब ‘सर्जिकल’ या ‘एयरस्ट्राइक’ तक सीमित नहीं, बल्कि व्यापक और निर्णायक होगा
सुरेश गांधी
जिस दिन पहलगाम में आतंकी हमला हुआ उसी दिन से दुनिया को अंदाजा था कि भारत आतंकियों को ठिकाने लगाएगा. उस दिन से हर सख्स के जुबान पर एक ही सवाल था, भारत बदला कब लेगा. अब लोग कह रहे हैं देश के नेताओं ने जैसा कहा था ठीक वैसा ही हुआ... भला क्यों नहीं. इस हमले के ठीक 15 दिन बाद भारत ने 7 मई की रात करीब डेढ़ बजे ’ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर उन्हें मिट्टी में मिली दी. जैसा भारतीय सेना से उम्मीद थी, उन्होंने वैसा ही कर दिखाया. पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हमारी सेना ने जो किया, वह देश के हर नागरिक के दिल की आवाज थी. पहलगाम में जिन बहनों का सिंदूर उजड़ा, उनके बदले का नाम ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है.’ इस तरह के साहसी कदमों से ही आतंकवाद का खात्मा संभव है और भारत सुरक्षित रहेगा.
इस तबाही में पाकिस्तान की वो मरकज व ट्रेनिंग सेंटर भी शामिल है, जहां भारत के हमले का मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद व मसूद अजहर का अड्डा था। हाल यह है कि पाकिस्तान अब खुद कह रहा है ’ऑपरेशन सिंदूर रोकिए, अब हम कुछ नहीं करने वाले’. पाकिस्तान में इस वक्त अफरा तफरी का माहौल है. पूरे पाकिस्तान में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और आतंकी संगठनों में खलबली मच गई है.
हालांकि भारतीय सेना ने साफ किया है कि निशाना सिर्फ आतंकी अड्डों पर था किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं हुआ. ये हमले आतंकी ठेकाने बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, बाघ, कोटली और मुजफ्फराबाद क्षेत्रों में किए गए. भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में 80 से 90 आतंकवादी मारे गए, जिनमें बहावलपुर और मुरीदके के शिविरों में सबसे अधिक 25-30 दहशतगर्द ढेर हुए हैं।
आतंकवाद के खिलाफ भारत
की सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान के
टॉप आतंकी व जैश-ए-मोहम्मद के मसूद अजहर
का कुनबा उजड़ गया. भारत
की एयरस्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अजहर
के परिवार के 10 सदस्य मारे गए हैं
जबकि उसके चार गुर्गे
भी ढेर हो गए
हैं. बता दें, 22 अप्रैल
को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में
हुए बर्बर आतंकी हमले में 26 निर्दोष
पर्यटकों की हत्या ने
पूरे देश को झकझोर
दिया था। इस दुर्दांत
हमले में आतंकियों ने
पर्यटकों की धर्म पूछकर
हत्या की थी। इस
हमले में सिर्फ पुरुषों
को निशाना बनाया था। आतंकियो ने
महिलाओं छोड़ दिया था।
बैसरन घाटी का वह
दर्दनाक मंजर आज भी
लोगों के जहन में
ताजा है, जहां एक
नवविवाहिता, जिसकी शादी 6 दिन पहले हुई
थी, वह अपने पति
के शव के पास
बिलखती बैठी थी। उसने
रोते हुए बताया था
कि आतंकियों ने उसके पति
से पहले धर्म पूछा,
फिर गोली मार दी।
जब उसने कहा कि
मुझे भी मार दो
तो आतंकियों ने कहा तुम्हें
नहीं मारेंगे। तुम्हे इसलिए छोड़ रहे हैं
कि जाकर पीएम मोदी
को बता देना...।
उसी का परिणाम है
कि अब भारत ने
‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के हवाले से
इस हमले जवाब दिया
है। इसके नाम से
ही संकेत दिया गया है
कि यह उस सिंदूर
का बदला है जो
नई नवेली महिलाओं के माथे से
पोंछ दिया गया था।
ये उसी सिंदूर का
बदला है, जिसे आतंक
ने उजाड़ दिया था।
देखा जाएं तो
पहलगाम में आतंकी हमले
का ये तरीका जम्मू-कश्मीर और पूरे देश
में दंगे भड़काने का
प्रयास था। लेकिन हिन्दुस्तानियों
की सूझबूझ से ऐसा हो
नहीं पाया। इससे सिर्फ एक
तबका नहीं, हर वर्ग इस
जीत को भारतीयता की
जीत मान रहा है।
मोदी सरकार भारत और उसके
लोगों पर किसी भी
हमले का मुंहतोड़ जवाब
देने के लिए प्रतिबद्ध
है। भारत आतंकवाद को
जड़ से खत्म करने
के लिए पूरी तरह
से प्रतिबद्ध है। यह अलग
बात है कि भारत
की इस कार्रवाई से
पूरे पाकिस्तान में तहलका मचा
हुआ है। भारत की
कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया
हुआ है और एलओसी
पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर
रहा है। पाकिस्तान की
ओर से एलओेसी पर
की गई गोलाबारी में
7 लोगों की मौत हो
गई है और 38 लोग
घायल हैं. जहां तक
पाकिस्तानी हुकमरानों के घड़ियाली आंसू
का सवाल है तो
आतंकियों के पनाहगार के
रूप में पहचान बना
चुका पाकिस्तान हर आंतकी घटना
के बाद इस मुद्दे
पर वैश्विक मंचों को गुमराह करता
रहा है। साजिद मीर
केस में पाकिस्तान ने
इस आतंकी को मृत घोषित
कर दिया था लेकिन
वह जिंदा पाया गया। खुद
सेना की कर्नल सोफिया
कुरैशी और वायु सेना
की विंग कमांडर व्योमिका
सिंह ने बताया कि
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि
1 बजकर 5 मिनट से 1.30 बजे
के बीच ऑपरेशन सिंदूर
को अंजाम दिया गया है।
ये ऑपरेशन पहलगाम के पीड़ितों को
न्याय देने के लिए
लॉन्च किया गया। पाकिस्तान
के 9 टेरर कैंप को
पूरी तरह से तबाह
कर दिया गया है।
पाकिस्तान में 3 दशकों से टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर
का निर्माण हो रहा है।
ये पाकिस्तान और पाकिस्तान के
कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर
में फैले हैं। इन
लक्ष्यों का चयन एजेंसियों
के सटीक इनपुट के
आधार पर हुआ और
इस बात का ध्यान
रखा गया आम नागरिकों
के जीवन को खतरा
न हो।
ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम हमले में मारे
गए उन 26 निर्दोष लोगों को सच्ची श्रद्धांजलि
है. हमें अपने सशस्त्र
बलों पर गर्व है।
भारत द्वारा ’ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान
के आतंकी ठिकानों पर की गई
एयर स्ट्राइक के बाद पूरे
देश में राष्ट्रभक्ति का
माहौल है. भारत हर
हिस्से में आमजनमानस हाथों
में तिरंगा लेकर सड़कों पर
उतर आए. लोगों ने
पटाखे फोड़े, मिठाइयां बांटीं और भारत माता
की जय के नारे
लगाए. लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी और भारतीय सेना
के इस साहसिक कदम
को सलाम किया और
कहा कि भारत
सरकार ने आतंकवादियों को
उनके घर में घुसकर
सबक सिखाया है. लोगों ने
कहा कि मोदी सरकार
ने एक बार फिर
दिखा दिया कि यह
‘नया भारत’ है, जो बात
कम और कार्रवाई ज्यादा
करता है. भारतीय सेना
ने जो किया है,
वो सराहनीय है. इस हमले
के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने एक बैठक
में सिंधु जल संधि को
रद्द कर दिया था।
लगातार मीटिंगों चल रही थी।
भारत हर स्थितियों से
निटपटने के के लिए
तैयारी में जुट गया
था। पाकिस्तान को भी हमले
का देखकर डर सताने लगा
था। पाकिस्तानी नेता बयान देने
लगे थे कि भारत
हमला कर सकता है।
आतंकी हमले के 15 दिन
बाद ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च हुआ। ऑपरेशन सिंदूर
केवल एक जवाबी कर्रवाई
नहीं, बल्कि यह चेतावनी है
कि जो सिंदूर मिटाने
की कोशिश करेगा, उसे करारा जवाब
मिलेगा।
भारत के रक्षा
मंत्रालय ने बयान जारी
कर कहा कि ऑपरेशन
सिंदूर “सटीक, संयमित और गैर-वृद्धिकारी”
था, जिसका उद्देश्य केवल आतंकी बुनियादी
ढांचे को नष्ट करना
था। मंत्रालय ने स्पष्ट किया
कि कोई भी पाकिस्तानी
सैन्य सुविधा निशाना नहीं बनी। रक्षा
मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य
नेताओं ने इस कार्रवाई
को पहलगाम हमले का जवाब
बताते हुए इसे “न्याय”
करार दिया। इस एअर स्ट्राइक
के बाद जापान, रुस
और अमेरिका जैसे देशों का
साथ खड़े होना भी
भारत के लिए बड़ी
कूटनीतिक उपलब्धि है. सभी ने
प्रधानमंत्री मोदी को फोन
कर पहलगाम हमले की कड़ी
निंदा करते हुए आतंकवाद
के खिलाफ लड़ाई में भारत
को पूरा समर्थन देने
की बात भी कही.
पुतिन ने इस बात
पर भी जोर दिया
कि इस जघन्य हमले
के दोषियों और मददगारों को
न्याय के कठघरे में
लाया जाना चाहिए. भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव
के दौरान जब वैश्विक स्तर
पर कूटनीतिक समर्थन बहुत मायने रखता
है, तब पुतिन और
मोदी की यह प्रतिबद्धता
बहुत आश्वस्त करती है कि
रूस और भारत के
संबंध बाहरी प्रभाव से प्रभावित नहीं
हैं और लगातार विकसित
होते रहेंगे. विपक्ष ने भी इस
मुद्दे पर सरकार के
रुख को सही ठहराया.
सोशल मीडिया पर “जय हिन्द“,
“बदला पूरा हुआ“ जैसे
ट्रेंड्स कर रहे हैं।
मतलब साफ है यदि
पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करता है, तो
संघर्ष और गंभीर हो
सकता है. ऑपरेशन सिंदूर
भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा
नीति में एक नया
अध्याय है। यह सिर्फ
एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश
है कि अब भारत
चुप नहीं बैठेगा। आतंकवाद
को जड़ से मिटाने
का यह संकल्प, न
केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से
आवश्यक है, बल्कि भारत
की वैश्विक छवि को भी
सुदृढ़ करता है।
सिंदूर का महत्व
सनातन में सिंदूर का विशेष महत्व
है। इसका धार्मिक और
सांस्कृतिक आधार है। सिंदूर
सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक ही
नहीं, बल्कि इसके पीछे कई
मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सिंदूर
को विवाहित महिलाओं के सौभाग्य और
समर्पण का प्रतीक माना
जाता है। मांग में
सिंदूर भरना यह दर्शाता
है कि महिला विवाहित
है और अपने पति
की दीर्घायु और खुशहाल जीवन
की कामना करती है। मान्यता
है कि यह परंपरा
माता पार्वती और भगवान शिव
के विवाह से चली आ
रही है। सिंदूर को
देवी लक्ष्मी और दुर्गा से
भी जोड़ा जाता है।
इसे शक्ति और समृद्धि का
प्रतीक माना जाता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सिंदूर
लगाने से महिलाओं के
जीवन में सकारात्मक ऊर्जा
और संतुलन बना रहता है।
सिंदूर का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए
तो सिंदूर मुख्य रूप से पारा
(मर्करी), हल्दी, और चूने का
मिश्रण होता है। पारा
मानसिक तनाव को कम
करने और तंत्रिका तंत्र
को शांत करने में
सहायक होता है। सिंदूर
मांग के जिस स्थान
पर लगाया जाता है। वह
स्थान महिला के मस्तिष्क के
सामने वाले हिस्से से
जुड़ा होता है, जो
मानसिक शांति और स्थिरता बनाए
रखने में मदद करता
है।
कहां कौन बना निशाना
सरजल, तेहराकलां-जैश ए मोहम्मद
मरकज सुभान अल्लाह-जैश ए मोहम्मद
मरकज अब्बास कोटली-जैश ए मोहम्मद
मरकज तैयबा, मुरीदके-
लश्कर ए तैयबा
मरकज अहले हदीस,
बरनाला- लश्कर ए तैयबा
शावई नाला कैंप,
मुजफ्फराबादञलश्कर ए तैयबा
महमूना जोया, सियालकोट- हिजबुल मुजाहिदीन
मस्कर राहील शाहिद, कोटली- हिजबुल मुजाहिदीन
उरी सर्जिकल स्ट्राइक
पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक
भारतीय सेना ने पुलवामा
हमले के बाद भी
एक ऑपरेशन किया था. इसमें
एयर स्ट्राइक करके पाक अधिकृत
कश्मीर के बालाकोट में
आतंकी ठिकाने नष्ट किए थे.
14 फरवरी 2019 को आतंकवादियों ने
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में
सीआरपीएफ के काफिले पर
आत्मघाती हमला किया था.
आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद
ने इसकी जिम्मेदारी ली
थी. इस हमले में
सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए
थे. इस हमले के
12 दिन बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना
ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बालाकोट में
आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक
की थी. इस एयर
स्ट्राइक में 200 से अधिक आतंकियों
के मारे जाने की
सूचना थी.
पाकिस्तान नहीं ले रहा सबक
पाकिस्तान ने अपनी गलतियों
से कभी सबक नहीं
लिया, अगर वह अपनी
गलतियों से सबक लेता,
तो वह इतना बदहाल
और बेबस ना होता.
पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी
मुल्क भारत से हमेशा
बैर किया, जबकि पाकिस्तानियों के
रग में हिंदुस्तान का
ही खून दौड़ता है.
उनकी सभ्यता-संस्कृति सबकुछ भारत की ही
देन है. धर्म के
नाम पर देश के
दो टुकड़े करने वाला पाकिस्तान
अगर यह समझ गया
होता कि उसने बंटवारा
करके बहुत बड़ी गलती
की है, तो वह
भारत की ओर दोस्ती
का हाथ बढ़ाता, लेकिन
उसने भारत की ओर
बम और गोले फेंके.
भारत के अभिन्न अंग
कश्मीर पर नजर गड़ाकर
वह हमेशा मुंह की खाता
रहा है, फिर भी
कश्मीर को लेकर उसकी
जो वासना है वह कम
होने का नाम ही
नहीं लेती है.
1965 में पाकिस्तान ने फिर की कश्मीर में घुसपैठ
पाकिस्तान एक ऐसा देश
है, जिसकी गिद्ध दृष्टि कश्मीर पर हमेशा लगी
रहती है. उसकी कोशिश
यह रहती है कि
वह किसी तरह कश्मीर
पर अपना हक जमा
ले. अपनी इस नापाक
कोशिश में पाकिस्तान कई
बार मुंह की खा
चुका है, लेकिन पाकिस्तान
की निर्लज्जता जाती नहीं और
वह लगातार इस कोशिश में
रहता है कि वह
किसी तरह कश्मीर में
अपनी घुसपैठ कर ले. बंटवारे
के बाद से अबतक
पाकिस्तान ने कश्मीर को
लेकर भारत के साथ
कई युद्ध किए हैं और
जब उसे युद्ध में
सफलता नहीं मिली तो
उसने आतंकवाद को बढ़ावा देकर
कश्मीर को अशांत किया
है.
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