काशी पत्रकार संघ एवं प्रेस क्लब के नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने संभाली जिम्मेदारी
पदग्रहण समारोह
में
पत्रकार
हितों
के
लिए
एकजुट
रहने
का
लिया
संकल्प
पत्रकारों पर
हुए
मुकदमे
की
संघ
ने
कड़े
शब्दों
में
निंदा
की,
प्रशासन
से
तत्काल
मुकदमा
वापस
लेने
की
मांग
पत्रकार कल्याण
कोष
के
गठन
को
प्राथमिक
एजेंडा
बनाया
जाएगा
: अरुण
मिश्रा
सुरेश गांधी
वाराणसी। पत्रकारों की आवाज और अधिकारों की रक्षा के लिए काशी पत्रकार संघ और वाराणसी प्रेस क्लब की नई टीम ने रविवार को पराड़कर स्मृति भवन में पदभार संभाल लिया। पराड़कर स्मृति भवन में सादगी और गरिमा के साथ काशी पत्रकार संघ और वाराणसी प्रेस क्लब के नव निर्वाचित पदाधिकारियों का पदग्रहण समारोह सम्पन्न हुआ।
इस दौरान संघ
और क्लब के पदाधिकारियों
ने पत्रकार हितों की रक्षा के
लिए एकजुट होकर संघर्ष करने
का संकल्प लिया। संघ के नवनिर्वाचित
अध्यक्ष अरुण मिश्रा, महामंत्री
जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष डा॰ जयप्रकाश श्रीवास्तव,
प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित
अध्यक्ष चन्दन रूपानी, मंत्री विनय शंकर सिंह
और कोषाध्यक्ष संदीप गुप्ता ने अपनी-अपनी
टीम के साथ पदभार
ग्रहण किया। कार्यक्रम में सभी सदस्यों
ने कहा कि पत्रकारों
की सुरक्षा और अधिकारों की
रक्षा के लिए हर
संभव प्रयास किया जाएगा।
साधारण सभा के दौरान
सभी सदस्यों ने पत्रकारों पर
दर्ज दुर्भावनापूर्ण मुकदमे की कड़ी निन्दा
की। संघ ने प्रशासन
से मुकदमा तत्काल वापस लेने की
मांग की। सदस्यों ने
चेताया कि यदि मुकदमा
वापस नहीं लिया गया
तो संघ चरणबद्ध आंदोलन
करेगा। इस दौरान अध्यक्ष
अरुण मिश्र ने कहा, पत्रकार
कल्याण कोष के गठन
को प्राथमिक एजेंडा बनाया जाएगा। इसके अलावा पत्रकार
समाज की सुरक्षा व
सम्मान के लिए हर
स्तर पर प्रयास किया
जाएगा। महामंत्री जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “मैं
पत्रकारों की आवाज को
मजबूती से शासन-प्रशासन
तक पहुंचाऊंगा। संगठन की एकता मेरी
प्राथमिकता होगी।“ वाराणसी प्रेस क्लब अध्यक्ष चन्दन
रूपानी ने कहा, “हम
सब मिलकर प्रेस क्लब को पत्रकारों
के हितों का सशक्त मंच
बनाएंगे। पत्रकारों की गरिमा को
किसी भी कीमत पर
कमजोर नहीं होने देंगे।“
पत्रकारों के हितों में पूरी निष्ठा
से कार्य करने का संकल्प
पदभार ग्रहण करते हुए नई
कार्यकारिणी ने स्पष्ट किया
कि पत्रकारों के कल्याण, अधिकारों
की सुरक्षा और प्रेस की
स्वतंत्रता के लिए पूरी
निष्ठा से कार्य किया
जाएगा। इस अवसर पर
संघ के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र
नारायण तिवारी, सुनील शुक्ला, पुरुषोत्तम चतुर्वेदी, मंत्री अश्विनी श्रीवास्तव, आलोक मालवीय सहित
कार्यसमिति के सदस्य कैलाश
यादव, विनय कुमार सिंह,
उमेश गुप्ता, सुरेश गांधी, विजय शंकर गुप्ता,
छवि किशोर मिश्र, राकेश सिंह, एमडी जावेद, अरुण
कुमार सिंह एवं आनन्द
कुमार मौर्य ने भी पदभार
संभाला। इसके अलावा प्रेस
क्लब के अन्य नव
निर्वाचित पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष देवकुमार
केशरी, संयुक्त मंत्री अभिषेक सिंह, प्रबंध समिति के सदस्य अरविन्द
कुमार, संजय गुप्ता, मनोज
राय, रौशन जायसवाल और
दिनेश सिंह ने भी
अपनी जिम्मेदारी ग्रहण की।
पूर्व पदाधिकारियों ने दी शुभकामनाएं
इस अवसर पर
संघ के पूर्व अध्यक्ष
डा. अत्रि भारद्वाज, अखिलेश मिश्र, पंकज त्रिपाठी सहित
कई वरिष्ठ पत्रकारों ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों
को शुभकामनाएं दीं और उम्मीद
जताई कि नई टीम
पत्रकार समाज के विश्वास
पर खरा उतरेगी। इस
अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार
पदमपति शर्मा, आशीष बागची, रजनीश
त्रिपाठी, रमेश चंद्र राय,
सुरेश प्रताप, जयनारायण मिश्र, योगेश गुप्ता, अजय राय, नागेन्द्र
पाठक, शैलेश चौरसिया, केबी रावत, रोहित
चतुर्वेदी, संजय सिंह, शंकर
चतुर्वेदी, कमलेश चतुर्वेदी, राजेंद्र यादव, नरेंद्र यादव, मोहम्मद अशफाक सिद्दीकी, चेतन स्वरूप आदि
भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
पत्रकार एकता की नई इबारत, अब
होगा संघर्ष का संगठित आगाज
काशी की पत्रकारिता
एक नये मोड़ पर
खड़ी है। पत्रकारों के
सामने आज सबसे बड़ी
चुनौती न केवल अपने
अधिकारों की रक्षा करने
की है, बल्कि अपनी
गरिमा को भी बचाए
रखने की है। रविवार
को पराड़कर स्मृति भवन में जो
नजारा दिखा, वह इस बात
का संदेश था कि अब
पत्रकार बिखरने नहीं वाले। संघ
और क्लब की नई
टीम ने पदग्रहण के
साथ ही पत्रकार कल्याण
और सुरक्षा को एजेंडा में
शीर्ष पर रखा है।
खास बात यह रही
कि इस बार केवल
औपचारिक शपथ नहीं ली
गई, बल्कि मंच से यह
ऐलान भी हुआ कि
पत्रकार हितों से कोई समझौता
नहीं होगा। हाल के दिनों
में पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे
पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर
चोट हैं। संघ की
स्पष्ट चेतावनी कि “मुकदमा नहीं
हटा तो आंदोलन होगा“,
आने वाले समय में
पत्रकार समाज की एक
नई गोलबंदी का संकेत है।
संघ के कार्यकारिणी सदस्य
अब देखना यह है कि
यह एकता कितनी मजबूत
होती है और क्या
पत्रकार हितों की यह आवाज
सरकार के कानों तक
सही तरीके से पहुंचेगी या
फिर संघर्ष की लहर तेज
होगी। एक बात तय
है कि इस बार
पत्रकारों ने चुप रहने
का मन नहीं बनाया
है। इस दौरान पत्रकारों
ने प्रशासन को चेताया कि
पत्रकारों की गरिमा और
स्वतंत्रता के साथ कोई
भी खिलवाड़ स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बता दें, पदग्रहण समारोह का वातावरण पूरी तरह उत्सवमय और भावनात्मक था। वरिष्ठ पत्रकारों
की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की। मंच पर जब नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को पद
और गोपनीयता की शपथ दिलाई जा रही थी, तब पूरा सभागार तालियों की गूंज से भर उठा। कार्यक्रम
के दौरान वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने अनुभव साझा किए और नई टीम को सलाह दी कि पत्रकारों
के हितों के लिए एकजुटता, संघर्ष और निष्पक्षता ही सबसे बड़ी पूंजी है। शपथ ग्रहण के
बाद सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से ’पत्रकार एकता’ का नारा भी लगाया।
पत्रकार हित सर्वोपरि : कल्याण कोष से लेकर पेंशन-आवास तक दिलाएंगे अधिकार : अरुण मिश्रा
काशी
पत्रकार
संघ
के
अध्यक्ष
अरुण
मिश्रा
से
वरिष्ठ
पत्रकार
सुरेश
गांधी
की
विशेष
बातचीतत
कहा,
पत्रकारों
के
लिए
कल्याण
कोष
की
स्थापना
होगी
प्राथमिकता
पराड़कर
भवन
के
अधूरे
कार्य
होंगे
पूरे,
होगा
जीर्णोद्धार
पत्रकारों
के
लिए
पेंशन,
आवास
व
स्वास्थ्य
बीमा
की
व्यवस्था
कराना
लक्ष्य
प्रेस
क्लब
के
मुकदमे
को
मजबूती
से
लड़ने
का
संकल्प
गंभीर
बीमार
पत्रकारों
को
मुख्यमंत्री
राहत
कोष
से
दिलाएंगे
मदद
पत्रकारों
के
लिए
संजीवनी
बनेगा
कल्याण
कोष
: अरुण
मिश्रा
पत्रकार
हितों
के
लिए
सरकार
और
प्रशासन
से
करेंगे
सीधा
संवाद
सुरेश गांधी
वाराणसी।
काशी पत्रकार संघ के नवनिर्वाचित
अध्यक्ष अरुण मिश्रा पत्रकार
हितों को लेकर पूरी
तरह सजग और गंभीर
दिखे। पत्रकारिता के मौजूदा हालात,
पत्रकारों की चुनौतियां और
भविष्य की योजनाओं को
लेकर वरिष्ठ पत्रकार सुरेश गांधी ने उनसे विस्तार
से बातचीत की। बातचीत के
दौरान अरुण मिश्रा ने
खुले मन से अपनी
प्राथमिकताएं साझा कीं और
पत्रकार समाज के लिए
अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। खास यह
है कि संघर्ष और
समाधान के संकल्प के
साथ अरुण मिश्रा ने
पत्रकारों के लिए नई
उम्मीद की किरण दिखाई
है।
उन्होंने कहा कि “पत्रकारों
का कल्याण मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता
है। हम पत्रकार समाज
के लिए सिर्फ घोषणा
नहीं, ठोस कदम उठाएंगे।“
अरुण मिश्रा ने कहा कि
पत्रकारों के आकस्मिक संकट
और बीमारियों के समय सहायता
के लिए ’पत्रकार कल्याण
कोष’ की स्थापना सबसे
पहली जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा, “हम हर स्तर
पर प्रयास करेंगे कि इस कोष
में पर्याप्त धनराशि हो, जिससे पत्रकार
साथियों को अधिकतम सहयोग
मिल सके।“ अरुण मिश्रा ने
कहा कि जिन पत्रकार
साथियों को गंभीर बीमारी
है, उनके लिए वे
व्यक्तिगत प्रयास कर मुख्यमंत्री विवेकानंद
सहायता कोष से सहयोग
दिलाने का पूरा प्रयास
करेंगे।
उन्होंने कहा कि पराड़कर
भवन पत्रकार समाज की गरिमा
का प्रतीक है। “इस भवन
के अधूरे कार्यों को प्राथमिकता से
पूरा कराया जाएगा और इसके जीर्णोद्धार
के लिए नया मैप
तैयार कराकर फंड की स्वीकृति
हेतु प्रदेश सरकार से प्रयास होंगे।“
अरुण मिश्रा ने कहा कि
पत्रकारों के सामाजिक सुरक्षा
के सवाल को लेकर
वे प्रदेश सरकार के समक्ष पेंशन,
आवास और स्वास्थ्य बीमा
की स्थायी व्यवस्था की मजबूत मांग
करेंगे। उन्होंने कहा, “पत्रकारों को भी सेवानिवृत्ति
के बाद सम्मानजनक जीवन
जीने का अधिकार है।
मैं इस दिशा में
निर्णायक लड़ाई लड़ूंगा।“ उन्होंने
कहा, “प्रेस क्लब के मुकदमे
में पत्रकार समाज की साख
जुड़ी है। हम पूरी
मजबूती से यह मुकदमा
लड़ेंगे और किसी भी
स्तर पर पत्रकार हितों
से समझौता नहीं होगा।“ उन्होंने
कहा कि पत्रकारिता एक
कठिन पेशा है, और
संकट की घड़ी में
पत्रकारों को अकेला नहीं
छोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा, पत्रकारों के हक की
लड़ाई में कभी पीछे
नहीं हटेंगे। कल्याण, सुविधा, सुरक्षा और आवास मसले
को गंभीरता से मुख्यमंत्री के
समक्ष रखा जायेगा। अंत
में उन्होंने कहा कि “मुझे
जिम्मेदारी मिली है, मैं
इसे अवसर नहीं, पत्रकार
समाज की सेवा का
माध्यम मानता हूं। हमारी लड़ाई
सिर्फ आर्थिक सहायताओं की नहीं है,
बल्कि पत्रकारों के सम्मान, सुरक्षा
और भविष्य की है। मैं
वादा करता हूं पत्रकार
हितों की इस लड़ाई
में कभी पीछे नहीं
हटूंगा।“
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