रील व बॉलीवुड की पहली पसंद बनती जा रही मोक्ष नगरी काशी
बनारस,
जो
हजारों
साल
से
मोक्ष
का
मार्ग
माना
जाता
था,
अब
बॉलीवुड
की
रचनात्मकता
का
मार्ग
भी
बनता
जा
रहा
है।
जहां
कभी
सिर्फ
भक्ति
और
आध्यात्म
की
गूंज
थी,
वहां
अब
कैमरों
की
रीलें,
क्लैप
बोर्ड
की
आवाजें
और
फिल्मी
संवाद
भी
गूंजने
लगे
हैं।
काशी
अब
रियल
से
रील
तक
की
यात्रा
में
एक
चमकता
सितारा
बन
चुका
है।
मतलब
साफ
है
बनारस,
वह
शहर
जो
आध्यात्म
और
संस्कृति
की
राजधानी
माना
जाता
है,
अब
बॉलीवुड
की
नजरों
में
भी
बसता
जा
रहा
है।
धर्म,
पर्यटन
और
इतिहास
से
सजी
इस
नगरी
की
गलियां,
घाट,
मंदिर
और
यहां
का
जीवंत
जनजीवन
अब
रील
लाइफ
की
नई
पसंद
बन
चुका
है.
वाराणसी
की
खास
बात
यह
है
कि
यहां
कुछ
भी
सेट
बनाने
की
जरूरत
नहीं
पड़ती।
हर
गली,
हर
मकान,
हर
घाट
अपने
आप
में
एक
जीवंत
लोकेशन
है।
गंगा
आरती,
नावों
की
कतार,
मंदिरों
की
घंटियां
और
चाय
की
दुकानें
सब
कुछ
इतना
वास्तविक
है
कि
डायरेक्टर
इसे
वैसा
का
वैसा
ही
अपने
पर्दे
पर
उतारना
चाहते
हैं
सुरेश गांधी
वाराणसी, जिसे काशी और
बनारस के नाम से
भी जाना जाता है,
सदियों से आध्यात्म, मोक्ष
और सनातन संस्कृति का केंद्र रहा
है। हर दिन यहां
लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान, मंदिर
दर्शन और अध्यात्म की
खोज में आते हैं।
लेकिन अब यह नगरी
फिल्मों के डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स
और कलाकारों की भी पहली
पसंद बनती जा रही
है। जहां नोएडा में
उत्तर प्रदेश सरकार एक भव्य फिल्म
सिटी का निर्माण कर
रही है, वहीं बनारस
बिना कृत्रिम सजावट के, अपने आप
में एक प्राकृतिक फिल्म
सिटी साबित हो रहा है।
काशी की संकरी गलियां,
चाय की दुकानों पर
बैठकी, गंगा के घाटों
की जीवंतता, नाव की सैर,
काशी विश्वनाथ मंदिर की आभा और
गंगा आरती का अद्भुत
दृश्य, यह सब कैमरे
के लेंस में अपने
आप जीवंत हो जाते हैं।
डायरेक्टरों के लिए काशी
सिर्फ एक लोकेशन नहीं,
बल्कि एक कहानी है
जो खुद बोलती है।
खास यह है
कि एक दो नहीं
कई फिल्मों ने बनारस को
बड़े पर्दे पर अमर किया,
उनमें रांझणा (2013) : धनुष और सोनम
कपूर की यह फिल्म
बनारस की गलियों और
घाटों में पूरी तरह
रची-बसी थी। फिल्म
में बनारस की आत्मा को
बखूबी दिखाया गया। मसान (2015) की
इस फिल्म ने बनारस के
घाटों, श्मशानों और स्थानीय जीवन
को इतनी गहराई से
दिखाया कि इसे अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर भी सराहा
गया। बत्ती गुल मीटर चालू
(2018) की इस फिल्म में
शाहिद कपूर और श्रद्धा
कपूर की जोड़ी में
भी वाराणसी के रंग और
अंदाज देखने को मिले। मिलन
टॉकीज (2019) की इस फिल्म
में भी तिग्मांशु धूलिया
द्वारा बनारस की गलियों और
घाटों को बड़े ही
सधे अंदाज में दर्शाया गया.
लखनऊ सेंट्रल (2017), भले ही नाम
लखनऊ का हो, लेकिन
इसके कई महत्वपूर्ण दृश्य
वाराणसी में शूट हुए
थे। मिर्जापुर (वेब सीरीज) वाराणसी
और आसपास के क्षेत्रों में
फिल्माई गई यह सीरीज
दुनिया भर में सुपरहिट
हुई, जिसने बनारस के आसपास के
इलाके को भी रील
वर्ल्ड का हिस्सा बना
दिया।
इसकी बड़ी वजह
बॉलीवुड कलाकारों का बनारस से
विशेष लगाव माना जाता
है। हाल के वर्षों
में कई बड़े कलाकार
बनारस आते रहे हैं
: उनमें अक्षय कुमार कई बार काशी
विश्वनाथ में दर्शन कर
चुके हैं, हाल में
’रामसेतु’ के प्रमोशन के
दौरान भी बनारस पहुंचे
थे। आयुष्मान खुराना ’ड्रीमगर्ल 2’ के लिए काशी
में शूटिंग की और बनारसी
लोगों के अपनत्व से
प्रभावित हुए। सारा अली
खान लगातार काशी में दर्शन-पूजन और शूटिंग
के लिए आती रही
हैं। उनका बनारस प्रेम
उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स
में भी झलकता है।
विक्की कौशल और सारा
अली खान अपनी फिल्म
’जरा हटके जरा बचके’
के प्रमोशन के दौरान भी
बनारस पहुंचे थे। अजय देवगन
’भोला’ फिल्म के लिए वाराणसी
के घाटों और मंदिरों में
शूटिंग की थी। उत्तर
प्रदेश सरकार फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने
के लिए वाराणसी को
विशेष रूप से प्रमोट
कर रही है। फिल्मों
की शूटिंग के लिए अनुमति
की प्रक्रिया को सरल किया
गया है और शूटिंग
करने वाले फिल्मकारों को
प्रशासनिक सहायता भी दी जा
रही है।
स्थानीय लोगों का भी फिल्मों
के प्रति सहयोगी रवैया देखने को मिला है,
जिससे शूटिंग टीमों को सहज वातावरण
मिलता है। कहा जा
सकता है बनारस अब
धीरे-धीरे ’यूपी की फिल्म
सिटी’ के रूप में
उभर रहा है। आने
वाले समय में यहां
फिल्मी पर्यटन को भी एक
नई दिशा मिलेगी। गंगा
घाटों पर फिल्म टूर,
शूटिंग लोकेशन वॉक और बॉलीवुड
थीम पर आधारित कैफे
आदि की भी संभावनाएं
बन रही हैं। वाराणसी
व्यापार मंडल के अध्यक्ष
अजीत सिंह बग्गा कहते
है बनारस, जो हजारों साल
से मोक्ष का मार्ग माना
जाता था, अब बॉलीवुड
की रचनात्मकता का मार्ग भी
बनता जा रहा है।
जहां कभी सिर्फ भक्ति
और आध्यात्म की गूंज थी,
वहां अब कैमरों की
रीलें, क्लैप बोर्ड की आवाजें और
फिल्मी संवाद भी गूंजने लगे
हैं। काशी अब रियल
से रील तक की
यात्रा में एक चमकता
सितारा बन चुका है।
इसकी बड़ी वजह यहां
कुछ भी सेट बनाने
की जरूरत नहीं पड़ती। हर
गली, हर मकान, हर
घाट अपने आप में
एक जीवंत लोकेशन है। गंगा आरती,
नावों की कतार, मंदिरों
की घंटियां और चाय की
दुकानें सब कुछ इतना
वास्तविक है कि डायरेक्टर
इसे वैसा का वैसा
ही अपने पर्दे पर
उतारना चाहते हैं।
उनका कहना है
कि नोएडा में भले ही
फिल्म सिटी का ढांचा
खड़ा हो रहा है,
लेकिन काशी बिना किसी
कृत्रिम सेटअप के खुद में
एक भव्य लोकेशन है।
यही कारण है कि
काशी अब ’यूपी की
फिल्म सिटी’ के रूप में
उभर रही है, जहां
नाटकीयता और यथार्थ अपने
आप में समाहित हैं।
या यूं कहे बनारस
अब धीरे-धीरे ’यूपी
की फिल्म सिटी’ के रूप में
उभर रहा है। आने
वाले समय में यहां
फिल्मी पर्यटन को भी एक
नई दिशा मिलेगी। गंगा
घाटों पर फिल्म टूर,
शूटिंग लोकेशन वॉक और बॉलीवुड
थीम पर आधारित कैफे
आदि की भी संभावनाएं
बन रही हैं। हाल
ही में बनारस में
शूट हुई बड़ी फिल्में
और वेब सीरीज इसके
जीवंत उदाहरण है। रांझणा की
सफलता के बाद, आनंद
एल राय और धानुष
की जोड़ी फिर बनारस
लौटी और फिर से
प्रमुख सीन घाटों पर
फिल्माए, इस बार अभिनेत्री
कृति सानून के साथ। यह
फिल्म 28 नवम्बर 2025 को रिलीज़ होगी,
और गाने एआर रहमान
ने तैयार किए हैं। अजय
देवगन की निर्देशित भोला
में अमाला पौल ने बनारसी
औरत का किरदार निभाया।
यह फिल्म 2025 में रिलीज़ होगी,
जिसमें कथित तौर पर
अभिषेक बच्चन भी कैमरों में
नजर आ सकते हैं।
मधोक फिल्म की शूटिंग जनवरी
2024 में शुरू हुई, और
राजकुमार राव व वामिका
गब्बी सहित संजय मिश्रा,
रघुबीर यादव जैसे कलाकार
दिखाई देंगे। मिड-अप्रैल तक
वाराणसी में सांग दृश्य
फिल्माए गए। राजकुमार राव
अभिनीत एक गैंगस्टर थ्रिलर,
जिसका एक हिस्सा 2024 में
वाराणसी में फिल्माया गया
था। यह फिल्म 11 जुलाई
2025 को रिलीज़ हो रही है।
बंगाली प्रोजेक्ट ऐकेन बनारस ऐ
बिभिषिकाय फिल्म 2025 में बनारस के
घाटों, गलियों और संस्कृति को
प्रमुखता देती है। 18 मार्च
को पहला लुक जारी
हुआ, और मई तक
ट्रेलर भी जारी हो
चुका है। बंगाली देशी
रोमांटिक फिल्म दर्द 2023 में वाराणसी में
शूट हुआ यह फिल्म
बांग्लादेशी स्टार ज़रीब खान और
सोनल चौहान अभिनीत है। जहां
तक कलाकारों की हालिया यात्राएं
और अनुभव की बात है
तो विजय वर्मा कहते
है वाराणसी में एक अनटाइटल्ड
परियोजना पर शूटिंग के
बीच घाटों पर आरती, लोक
स्वाद और शहर की
ऊर्जा का अनुभव मिया।
उत्कर्ष शर्मा द्वारा जर्नी नामक फिल्म की
वाराणसी में मुहूर्त पूजा
हुई, इसमें नाना पाटेकर भी
शामिल हैं। उन्हें यहां
की ’दिव्य ऊर्जा’ मिली। इसमें सरकार और स्थानीय लोगों
का खासा सहयोग बताया
जा रहा है। यूपी
सरकार की “फिल्म फ्रेंडली”
नीति : शूटिंग परमिट आसान, प्रशासनिक सहायता तेज़ और स्थानीय
लोगों का सहयोग लगातार
मिलता रहा है। इसी
वजह से बनारस सहज
लोकेशन बनारिस फिल्मेस की प्राथमिकता में
शामिल है। आने वाले
दिनों में कई फिल्में
रिलीज होने वाली है,
जिनमें तेरे इश्क में
28 नवंबर 2025, मालिक 11 जुलाई 2025, भोला 2025, दी एकेन बनारस
विभिषिका प्रमुख है. खास यह
है कि यहां लोकेशन
की अनोखी ताक़त है : बनारस
खुद एक “झूठा फिल्म
सिटी” है, क्योंकि इसे
तैयार करने के लिए
सेट की कोई आवश्यकता
नहीं, सब कुछ यथार्थ
में मौजूद है। घाट, गलियां,
मंदिर, नावें हर दृश्य में
आत्मा है। या यूं
कहे बॉलीवुड लोकेशन वॉक और थीम-आधारित कैफे की स्थापना
हर रास्ते में दिखती है।
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