Monday, 21 July 2025

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया मंडी निरीक्षक!

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया मंडी निरीक्षक

एंटी करप्शन टीम वाराणसी की बड़ी कार्रवाई, कृषि विभाग में हड़कंप

सुरेश गांधी  

वाराणसी। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रही वाराणसी की एंटी करप्शन टीम ने सोमवार को एक बड़ी सफलता हासिल की। टीम ने कृषि उत्पादन मंडी समिति के एक निरीक्षक को 22,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़कर भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार किया है। यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत भ्रष्टाचार का है, बल्कि यह सरकारी तंत्र के उस स्याह पक्ष को उजागर करता है जो आम नागरिकों की मेहनत की कमाई को अवैध रूप से हथियाने से नहीं चूकता। यदि ऐसे मामलों में समाज सजग होकर आवाज उठाए और शासन त्वरित कठोर कार्रवाई करे, तो "भ्रष्टाचार मुक्त भारत" का सपना दूर नहीं।

वाराणसी के शिवपुर थाना अंतर्गत चांदमारी निवासी अजीत कुमार ओझा ने एंटी करप्शन कार्यालय में 15 जुलाई को एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि वे कछवां रोड स्थित कृषि उत्पादन मंडी मेंरुद्र ट्रेडिंग कम्पनीनाम से व्यापार लाइसेंस लेना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 24 जून को नियमानुसार आवेदन जमा किया। लेकिन नियमानुसार मात्र ₹250 की सरकारी फीस पर मिलने वाला लाइसेंस, मंडी निरीक्षक सत्येन्द्र नाथ ने तब तक रोक कर रखा जब तक शिकायतकर्ता ₹22,000 की अवैध रिश्वत देने को तैयार नहीं हो गया। जब ओझा ने गरीबी और पारिवारिक मजबूरियों का हवाला देकर रिश्वत देने में असमर्थता जताई, तो सत्येन्द्र नाथ ने उनके आवेदन को ठुकराने की धमकी दी और बार-बार कॉल करके धनराशि की मांग करता रहा।

शिकायत की पुष्टि के बाद वाराणसी मंडल की एंटी करप्शन टीम ने 21 जुलाई को जाल बिछाया। तय योजना के अनुसार, जब सत्येन्द्र नाथ ने पहड़िया मंडी के चेक पोस्ट नंबर 2 पर अजीत कुमार से ₹22,000 की रिश्वत ली, उसी वक्त टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से रिश्वत की रकम मौके पर ही बरामद कर ली गई। गिरफ्तारी के बाद सत्येन्द्र नाथ को थाने लाकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। टीम ने आरोपी के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं, जिन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई अहम

कृषि उपज मंडियों में व्यापार करने वाले छोटे-बड़े व्यापारी अक्सर ऐसी मांगों का शिकार होते हैं, लेकिन अधिकांश मामले सामने नहीं पाते। इस मामले में शिकायतकर्ता की साहसिक पहल और एंटी करप्शन टीम की मुस्तैदी ने स्पष्ट कर दिया कि अब भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब सरकार किसान हितैषी योजनाओं के माध्यम से मंडी सुधार और पारदर्शिता की दिशा में कार्य कर रही है। सत्येन्द्र नाथ की गिरफ्तारी उन तमाम ईमानदार अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी एक संदेश है जो व्यवस्था को स्वच्छ और जनकल्याणकारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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