Saturday, 5 July 2025

सावन में काशी: श्रद्धा, भीड़ और प्रशासनिक परीक्षा का संगम

सावन में दिखेगा बाबा के दरबार में भक्तों का सैलाब

सावन में काशी: श्रद्धा, भीड़ और प्रशासनिक परीक्षा का संगम 

काशी का यह सावन श्रद्धा, सेवा और संतुलन का बने उदाहरण

इस बार एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु

वीआईपी दर्शन पूरी तरह प्रतिबंधित

पांच मेडिकल सेंटर, छह खोया-पाया केंद्र

नि:शुल्क -रिक्शा सुविधा

सुरेश गांधी

वाराणसी. सावन के महीने में काशी विश्वनाथ धाम का दृश्य अद्भुत होता है। बाबा विश्वनाथ के प्रति अटूट श्रद्धा से खिंचे चले आते लाखों शिवभक्त, कांवड़ियों  की आस्था और प्रशासन की कड़ी परीक्षायह तीनों इस माहौल को एक विशेष महत्व देते हैं। इस बार प्रशासन का वीआईपी दर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध का निर्णय केवल स्वागत योग्य है, बल्कि एक लोकतांत्रिक और जनभावनाओं के अनुरूप कदम भी है। इससे आम श्रद्धालु यह महसूस करेंगे कि बाबा के दरबार में सभी समान हैं।

डिजिटल दर्शन और नि:शुल्क -रिक्शा सेवाएं इस ओर संकेत करती हैं कि काशी विश्वनाथ धाम अब परंपरा और आधुनिकता का संतुलित मेल बन रहा है। साथ ही, खोया-पाया केंद्र, हेल्थ डेस्क और जलपान जैसी व्यवस्थाएं प्रशासन की संवेदनशीलता और व्यापक सोच को दर्शाती हैं। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का प्रबंधन अपने आप में एक चुनौती होगी। यदि व्यवस्था में थोड़ी सी भी चूक हुई तो भीड़ प्रबंधन और यातायात नियंत्रण बड़ी समस्या बन सकते हैं। सावन के पहले सोमवार और नागपंचमी के दौरान विशेष सतर्कता अत्यंत आवश्यक होगी।

सावन में कांवड़ मार्गों को आरक्षित करना, पार्किंग व्यवस्था और कांवड़ियों की सहूलियतों पर दिया गया विशेष ध्यान इस बार की योजना की ताकत है। प्रशासन को चाहिए कि दलालों और फर्जी दर्शन कराने वालों के खिलाफ विशेष सतर्कता बरते ताकि श्रद्धालु ठगी का शिकार हों। संपूर्ण व्यवस्था को ईमानदारी, सजगता और पारदर्शिता से लागू किया गया तो इस बार का सावन, बाबा की नगरी में एक ऐतिहासिक आयोजन के रूप में याद किया जाएगा। काशी प्रशासन इस बार सावन को एक अनुशासित, सुगठित और सुरक्षित शिवभक्ति पर्व के रूप में सम्पन्न कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। जहां एक ओर काशी विश्वनाथ धाम में डिजिटल और आधुनिक सुविधाओं के साथ दर्शन की व्यवस्था बनाई जा रही है, वहीं कांवड़ियों के लिए विशेष रूट और विश्राम स्थलों को भी सुसज्जित किया जा रहा है। अब श्रद्धालुओं से भी अपेक्षा है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, संयम रखें और किसी भी अफवाह या दलाली से बचें। बाबा विश्वनाथ की नगरी में इस सावन का अनुभव हर किसी के लिए यादगार हो, यही प्रयास है।

कांवड़ यात्रा की प्रशासनिक तैयारियां पूरी

सावन की शुरुआत से पहले काशी नगरी में प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं। बाबा विश्वनाथ के दरबार में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ और कांवड़ यात्रा के दौरान काशी की सड़कों पर शिवभक्तों का रेला संभालने के लिए पुलिस, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और अन्य प्रशासनिक इकाइयों ने अपनी कमर कस ली है। सावन में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना के मद्देनजर मंदिर प्रबंधन से लेकर यातायात नियंत्रण तक हर स्तर पर विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। इस बार वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। हर भक्त को सामान्य कतार में लगकर ही बाबा के दर्शन करने होंगे।

मंदिर में प्रवेश के लिए अलग-अलग रास्तों का निर्धारण

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस बार मंदिर में प्रवेश के लिए गेट नंबर 4, नंदू फारिया, सिल्को गली, ढुंढिराज और सरस्वती फाटक से प्रवेश दिया जाएगा। गंगा में संभावित बाढ़ को देखते हुए ललिता घाट से श्रद्धालुओं का प्रवेश फिलहाल प्रतिबंधित रखा जा सकता है। गोदौलिया से मैदागिन तक नि:शुल्क ई-रिक्शा सेवा खास तौर से वृद्ध, दिव्यांग और बच्चों के लिए शुरू की जाएगी ताकि वे आसानी से मंदिर तक पहुंच सकें।

भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था के लिए विशेष रूट प्लान

सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान मोहनसराय से मुड़ैला तिराहे तक सात किलोमीटर लंबी सड़क की बाईं लेन और सर्विस लेन पूरी तरह कांवड़ियों के लिए आरक्षित रहेगी। सामान्य राहगीरों के लिए दायीं लेन और वैकल्पिक रास्तों का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा। डीएम सत्येंद्र कुमार और एसीपी शिवहरि मीणा ने मौके पर पहुंचकर कांवड़ यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। प्रशासन ने सड़कों की मरम्मत, बैरिकेडिंग, पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

कांवड़ यात्रा के विश्राम स्थल और पार्किंग का विशेष प्रबंध

भास्कर पोखरा इस बार भी कांवड़ियों का प्रमुख पड़ाव रहेगा, जहां श्रद्धालु स्नान और विश्राम करते हैं। यहां सफाई, प्रकाश व्यवस्था और बैरिकेडिंग के विशेष निर्देश दिए गए हैं। कांवड़ियों और श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए मातादीन सुकुल इंटर कॉलेज में पार्किंग और जगतपुर इंटर कॉलेज को वैकल्पिक पार्किंग के रूप में तैयार किया जा रहा है।

स्वास्थ्य और सुरक्षा के विशेष प्रबंध

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में पांच मेडिकल टीम, छह खोया-पाया केंद्र, दो एंबुलेंस (एक एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ) की व्यवस्था रहेगी। ग्लूकोज, ओआरएस घोल, पेयजल, बिस्किट और टॉफी का मुफ्त वितरण भी समय-समय पर किया जाएगा ताकि वृद्ध और बच्चों को राहत मिल सके। डिजिटल सूचना प्रणाली के तहत धाम में लोक सूचना प्रसारण और जगह-जगह डिजिटल स्क्रीन लगाई जा रही हैं, जहां बाबा विश्वनाथ की आरती और शृंगार के सीधे प्रसारण श्रद्धालु देख सकेंगे।

दलालों से सावधान रहें

मंडलायुक्त ने स्पष्ट किया है कि कोई भी श्रद्धालु दलालों के झांसे में न आए। कोई भी व्यक्ति अगर पैसे लेकर विशेष दर्शन कराने की बात करता है, तो वह ठगी कर रहा है। ऐसी किसी भी घटना की तत्काल सूचना नजदीकी पुलिसकर्मी या मंदिर प्रबंधन को दें।

सावन में बाबा के होंगे विशेष शृंगार

इस सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं, जिनमें बाबा विश्वनाथ के अलग-अलग शृंगार होंगे :

14 जुलाई: चल प्रतिमा शृंगार

21 जुलाई: गौरी-शंकर शृंगार  

28 जुलाई: अर्धनारीश्वर शृंगार  

4 अगस्त: रुद्राक्ष शृंगार

9 अगस्त: झूला शृंगार (पूर्णिमा)

 

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