Wednesday, 6 August 2025

“भारत छोड़ो“ की तर्ज पर अब “कॉर्पोरेट छोड़ो“, बिजली कर्मियों ने भरी हुंकार

बिजली कर्मियों का निजीकरण पर फूटा गुस्सा, 8 सेपॉवर सेक्टर छोड़ोअभियान

भारत छोड़ोकी तर्ज पर अबकॉर्पोरेट छोड़ो“, बिजली कर्मियों ने भरी हुंकार 

कहा, निजीकरण नहीं, जवाबदेही चाहिए 

बिजली व्यवस्था संकट में या साजिश? कर्मियों ने उठाए सवाल

जब कर्मियों का ही मनोबल टूटा, तो सिस्टम कैसे संभलेगा?

सरकारी सेवा या निजी सौदा? बिजली कर्मियों ने खींची लक्ष्मण रेखा

पॉवर सेक्टर मेंपॉवर प्ले’, कर्मचारी बोले - नहीं चाहिए मुनाफाखोर कंपनी

बिजली बिल से बड़ी चिंता, जवाबदेही का अंत

सुरेश गांधी

वाराणसी. उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बनारस में बिजली कर्मचारियों ने दूसरे दिन भी जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। शाम 5 बजे कार्यालय अवकाश के बाद समस्त कार्यालयों पर एक साथ जुटे विद्युतकर्मियों ने बिजली के निजीकरण और उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों के खिलाफ नारेबाजी की। समिति ने ऐलान किया है कि आंदोलन अब लगातार जारी रहेगा और 8 अगस्त सेकॉर्पोरेट घरानों - पॉवर सेक्टर छोड़ोअभियान शुरू होगा।

संघर्ष समिति के वक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था के बिगड़ने का मुख्य कारण निर्दोष संविदा कर्मियों की बर्खास्तगी, हजारों कर्मचारियों का बेमौसम ट्रांसफर, और निजीकरण का खतरा है, जिससे कर्मचारियों में भारी असंतोष है। उन्होंने कहा कि यदि निजी कंपनियों की व्यवस्था इतनी ही बेहतर होती, तो मध्यप्रदेश, बिहार और हिमाचल जैसी सरकारें बिजली का निजीकरण रद्द क्यों करतीं?

वक्ताओं ने सवाल उठाया कि जब प्रदेश के ऊर्जा मंत्री खुद यह दावा करते हैं कि उत्तर प्रदेश 31000 मेगावाट की सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति कर रहा है, नए ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं, और लाइनों का जाल बिछ रहा है, तो फिर अचानक यह सिस्टम क्यों चरमराया? इसका सीधा उत्तर है दृ कर्मचारियों को हतोत्साहित करने की नीति और निजीकरण की तैयारी। बिजली कर्मचारियों ने स्वतंत्रता संग्राम की भावना को पुनर्जीवित करते हुए घोषणा की कि 8 अगस्त से 15 अगस्त तक प्रतिदिन तिरंगा यात्रा जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा, जिसके माध्यम से आम जनता को निजीकरण के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाएगा।

जनप्रतिनिधियों को सौंपा जाएगा ज्ञापन

संघर्ष समिति ने बताया कि जल्द ही बनारस सहित प्रदेशभर के विधायकों और सांसदों को ज्ञापन सौंपकर निजीकरण प्रस्ताव को मानसून सत्र में निरस्त कराने की मांग की जाएगी। वक्ताओं ने चेताया कि यदि निजी कंपनियां आईं, तो सिर्फ जनप्रतिनिधियों का नियंत्रण समाप्त हो जाएगा, बल्कि उपभोक्ताओं पर मनमाने बिजली बिल, सरचार्ज और महंगाई का बोझ लाद दिया जाएगा।

निधि नारंग के सेवा विस्तार पर भी विरोध

संघर्ष समिति ने पॉवर कारपोरेशन के निदेशक वित्त निधि नारंग पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वे कुछ कॉर्पोरेट समूहों के साथ मिलकर गोपनीय दस्तावेज साझा कर रहे हैं। समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की कि निधि नारंग का सेवा विस्तार किया जाए और उनके कार्यालय को सील कर जांच कराई जाए। आज के प्रदर्शन का नेतृत्व . एस.के. सिंह, विजय सिंह, .पी. सिंह, राजेंद्र सिंह, मीडिया प्रभारीअंकुर पाण्डेय, रमाकांत, हेमंत श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, मनोज जैसवाल, रंजीत पटेल, उदयभान, अनुनय पाण्डेय सहित दर्जनों वरिष्ठ पदाधिकारियों ने किया।

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