काशी में पहली बार “मेरी काशी क्रियेटर्स पाठशाला“,
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चमकेगी धरोहर
स्टोरी टेलिंग
और
कंटेंट
क्रिएशन
सीखेंगे
यूट्यूबर्स,
ब्लॉगर्स
और
छात्र
सुरेश गांधी
वाराणसी। काशी की धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक विरासत को नई पहचान दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने अनोखी पहल की है। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, वाराणसी टूरिज्म गिल्ड, आईएटीओ, एडीटीओआई और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में 03 सितम्बर, बुधवार को आयुक्त कार्यालय परिसर स्थित ऑडिटोरियम में “मेरी काशी क्रियेटर्स पाठशाला“ का आयोजन किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में वाराणसी के यूट्यूबर्स, ब्लॉगर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स के साथ काशी हिंदू विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ और डीएवी कॉलेज के पर्यटन प्रबंधन एवं हेरिटेज मैनेजमेंट के विद्यार्थी शामिल होंगे।
प्रतिभागियों को स्टोरी टेलिंग
और कंटेंट क्रिएशन की तकनीक सिखाई
जाएगी, ताकि वे डिजिटल
माध्यमों से काशी की
महत्ता को और व्यापक
स्तर पर प्रचारित कर
सकें।
इसके साथ ही 04 सितम्बर को सारनाथ और वाराणसी के टूर ऑपरेटर्स एवं ट्रैवल एजेंट्स की एक वर्कशॉप भी आयोजित होगी। इस वर्कशॉप में 250 से अधिक टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेंट्स और गाइड शामिल होंगे।
कार्यक्रम के दौरान वाराणसी
पर्यटन विभाग नई यात्रा योजनाएं
(आइटनरीज) प्रस्तुत करेगा, जबकि “वाराणसी गुरु“ और “एक्सपीरियंस वाराणसी“
की ओर से नई
टूरिस्ट वॉक्स लॉन्च की जाएंगी। जिला
प्रशासन इस मौके पर
अब तक सारनाथ और
वाराणसी को वर्ल्ड क्लास
टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए किए
गए प्रयासों का भी प्रस्तुतिकरण
करेगा। इस पहल से
उम्मीद है कि स्थानीय
युवाओं और डिजिटल क्रिएटर्स
की भागीदारी से काशी की
छवि वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और मजबूत
होगी।
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