Monday, 8 September 2025

निजीकरण का करार जनता के हितों के खिलाफ, आगरा फ्रेंचाइजी घोटाले पर सीएजी रिपोर्ट दबाने का आरोप

पावर कारपोरेशन को अब तक 3432 करोड़ का घाटा हो चुका है  

निजीकरण का करार जनता के हितों के खिलाफ, आगरा फ्रेंचाइजी घोटाले पर सीएजी रिपोर्ट दबाने का आरोप 

बिजलीकर्मियों का 285वां दिन आंदोलन

सुरेश गांधी

वाराणसी. पूर्वांचल दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मियों का संघर्ष लगातार 285वें दिन भी जारी रहा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले वाराणसी में जुटे कर्मचारियों ने आगरा फ्रेंचाइजी बिडिंग घोटाले पर सीएजी की रिपोर्ट दबाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह करार प्रदेश और उपभोक्ताओं दोनों के साथ विश्वासघात है।

कर्मचारियों ने बताया कि सीएजी ने वर्ष 2015 में आगरा फ्रेंचाइजी की पूरी प्रक्रिया को ही गलत ठहराते हुए निरस्त करने की सिफारिश की थी, लेकिन रिपोर्ट दबा दी गई। टी एंड डी हानियां 28.22 फीसदी के स्थान पर 44.85 फीसदी दर्शाई गईं। संग्रहण क्षमता 82.34 फीसदी की जगह 74.77 फीसदी बताई गई। नतीजतन टोरेंट पावर को सस्ती दरों पर बिजली दी गई और पावर कारपोरेशन को अब तक 3432 करोड़ का घाटा हो चुका है। सी जी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बीड मूल्यांकन प्रक्रिया में भारी अनियमितता होने के कारण अनुबंध के 18 वर्षों में पावर कारपोरेशन को 4601 करोड़  रुपए  की हानि होगी। संघर्ष समिति ने कहा कि टोरेंट पावर कंपनी को लागत से कम मूल्य पर बिजली देने में पावर कारपोरेशन को 14 वर्षों में 3432 करोड रुपए की हानि हो चुकी है। इससे स्पष्ट होता है कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में गलत अनुबंध के करण घाटे का सही मूल्यांकन किया था।

निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल रोकी जाए

संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन कथित घाटे का हवाला देते हुए पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की कार्यवाही कर रहा है। संघर्ष से समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन का प्रबंध घाटे को लेकर इतना संवेदनशील है तो उसे सबसे पहले आगरा का फ्रेंचाइजी करार  तत्काल रद्द कर देना चाहिए जिसके चलते पावर कारपोरेशन को प्रति वर्ष 1000 करोड रुपए का नुकसान हो रहा है। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि आगरा फ्रेंचाइजी करार तत्काल रद्द किया जाए। बिडिंग घोटाले और सीएजी रिपोर्ट दबाने की उच्च स्तरीय जांच हो। जब आगरा ग्रेटर नोएडा में निजीकरण घोटाले उजागर हो चुके हैं तो पूर्वांचल दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण भी तुरंत निरस्त किया जाए।

नुकसान का असली कारण निजीकरण करार

नेताओं ने कहा कि पावर कारपोरेशन घाटे का हवाला देकर निजीकरण कर रहा है, जबकि वास्तविक घाटे का बड़ा कारण आगरा फ्रेंचाइजी करार है। यदि इसे खत्म नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र होगा। सभा को . मायाशंकर तिवारी, . एस.के. सिंह, दीपक गुप्ता, नेहा कुमारी, लोकनाथ कुशवाहा, संजय गौतम, रमाकांत पटेल, बंशीलाल, सुशांत गौतम, कृपाल सिंह, उमेश सिंह, नन्हे लाल, योगेंद्र कुमार, सरोज भूषण, पंकज यादव, बृजेश यादव, सूरज रावत, रामाशीष कुमार, प्रवीण कुमार, बृज कुमार देवेंद्र सिंह आदि ने संबोधित किया।

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निजीकरण का करार जनता के हितों के खिलाफ, आगरा फ्रेंचाइजी घोटाले पर सीएजी रिपोर्ट दबाने का आरोप

पावर कारपोरेशन को अब तक 3432 करोड़ का घाटा हो चुका है   निजीकरण का करार जनता के हितों के खिलाफ , आगरा फ्रेंचाइजी घोटाले...