Friday, 31 October 2025

बिजली कर्मियों ने फिनटेक कंपनी को कैश काउंटर देने का किया विरोध

 बिजली कर्मियों ने फिनटेक कंपनी को कैश काउंटर देने का किया विरोध सुरेश गांधी 

वाराणसी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले शुक्रवार को बनारस के बिजली कर्मियों ने एक बार फिर निजीकरण के विरुद्ध जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा बनारस शहर के कैश काउंटरों को फिनटेक एजेंसी को सौंपने के निर्णय का कड़ा विरोध जताया।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि विभाग मात्र 20 हजार रुपये में संचालित होने वाले कैश काउंटरों को फिनटेक कंपनी से चलवाने के लिए 1.50 लाख रुपये प्रतिमाह देने की योजना बना रहा है। यह केवल घाटे का सौदा है, बल्कि हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर भी संकट खड़ा करेगा। कर्मचारियों ने कहा कि बिना टेंडर प्रक्रिया के फिनटेक को जिम्मेदारी सौंपना पूर्वांचल निगम को हर माह करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाएगा।

वक्ताओं ने बताया कि पूर्व में चंदौली सहित कई जिलों में फिनटेक को राजस्व वसूली का कार्य सौंपा गया था, जिसके परिणामस्वरूप वसूली में गिरावट दर्ज की गई और विभाग को पुनः अपने कर्मचारियों को लगाना पड़ा। इसके बावजूद निगम प्रबंधन बनारस में उसी गलती को दोहराना चाहता है।

संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि यदि फिनटेक को कैश काउंटर सौंपे गए या निजीकरण का प्रयास जारी रहा, तो 3 नवंबर को मुंबई में होने वाली राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक में प्रदेश के बिजली कर्मी देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। उन्होंने कहा कि बिजली संविधान की समवर्ती सूची में है, ऐसे में केंद्र और राज्य दोनों की समान भागीदारी हैकिसी एकतरफा निजीकरण का फैसला स्वीकार नहीं किया जाएगा। सभा को अंकुर पांडेय, अरुण कुमार, रमेश कुमार, अनुराग मौर्य सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया।

 

उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी में ‘नाटकोट क्षेत्रम धर्मशाला’ का किया लोकार्पण

उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी मेंनाटकोट क्षेत्रम धर्मशालाका किया लोकार्पण  

विश्वनाथ धाम के समीप दक्षिण भारत की भक्ति परंपरा से जुड़ा नया अध्यायसांस्कृतिक एकता और श्रद्धा का संगम बना उद्घाटन समारोह

उपराष्ट्रपति अपनी धर्मपत्नी के साथ श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन किए और देश की समृद्धि एवं जनकल्याण की कामना की

सुरेश गांधी

वाराणसी. काशी नगरी शुक्रवार की शाम एक बार फिर राष्ट्र और धर्म की एकता के स्वर से गूंज उठी, जब देश के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संयुक्त रूप से श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्रम प्रबंधन सोसाइटी द्वारा निर्मित नया सत्रम (धर्मशाला) भवन का शुभारंभ किया। सिगरा क्षेत्र स्थित नाटकोट क्षेत्रम परिसर दीपों की रौशनी और तालियों की गूंज से झिलमिला उठा।

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से फीता काटकर भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान पूरा परिसर श्रद्धालु नागरिकों और दक्षिण भारतीय समाज के सदस्यों से खचाखच भरा रहा। उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि वाराणसी भारत की आत्मा हैयहां हर ईंट में संस्कृति, हर घाट में अध्यात्म और हर हृदय में भारत का सनातन भाव प्रवाहित होता है। उन्होंने दक्षिण भारत के श्रद्धालु समुदाय द्वारा काशी में सेवा और भक्ति के इस अद्भुत प्रतीकनाटकोट क्षेत्रम धर्मशालाके निर्माण को देश कीएक भारत श्रेष्ठ भारतभावना का जीवंत उदाहरण बताया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी केवल तीर्थ नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र है। यहां दक्षिण भारत के भक्तों द्वारा निर्मित यह सत्रम उत्तर और दक्षिण की भक्ति परंपराओं को एक सूत्र में बांधने वाला है। उन्होंने इस अवसर पर उपराष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मेंनया काशी स्वरूपदेश-विदेश के तीर्थयात्रियों के लिए प्रेरणा का केंद्र बन गया है। कार्यक्रम के समापन के बाद उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन अपनी धर्मपत्नी के साथ श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन किए और देश की समृद्धि एवं जनकल्याण की कामना की।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, बाबतपुर पर स्वयं उपस्थित होकर महामहिम उपराष्ट्रपति का आत्मीय स्वागत किया। उपराष्ट्रपति की यात्रा को देखते हुए पूरे शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस-प्रशासन, एसपीजी और खुफिया एजेंसियों ने साझा निगरानी व्यवस्था के तहत सभी स्थलों पर चाक-चौबंद सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की।

लौह पुरुष की जयंती पर दौड़ी काशी, बीएचयू से लेकर मलदहिया तक गूंजा एकता का संदेश

लौह पुरुष की जयंती पर दौड़ी काशी, बीएचयू से लेकर मलदहिया तक गूंजा एकता का संदेश 

एकता के लौह स्तंभ को नमनरन फॉर यूनिटीमें उमड़ी जनएकता की दौड़

सरदार पटेल ने जिस दृष्टि से राष्ट्र को जोड़ा, वह आज भी भारत की आत्मा में स्पंदित है : रविन्द्र जायसवाल

लौह पुरुष सरदार पटेल स्मृति द्वारका लोकार्पण

जनपद भर में हुआ देशभक्ति से ओतप्रोत आयोजन, गूंजे नारे, भारत माता की जय, सरदार पटेल अमर रहें

सुरेश गांधी

वाराणसी. लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर शुक्रवार की सुबह में जब सूरज की किरणें मलदहिया चौराहे की लौह प्रतिमा पर पड़ीं, तो मानो देश की एकता का तेज वहां झिलमिला उठा। या यूं कहे पूरी काशीएकताकी भावना से सराबोर हो उठी। राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर शहर के हर कोने में देशभक्ति का उल्लास उमड़ पड़ा। सुबह से ही बीएचयू से लेकर मलदहिया, सिगरा, लंका और शिवपुर, जिलाधिकारी कार्यालय, रेलवे स्टेशन, विद्यालयों और कॉलेजों तकरन फॉर यूनिटीके जयघोष गूंजते रहे। इस दौरान जगह-जगह एकता दौड़ और प्रतिज्ञा कार्यक्रम आयोजित किए गए। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड और शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने हाथों में तिरंगा लेकरराष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षाकी शपथ ली।

बीएचयू ट्रामा सेंटर से सुबह 6 बजे रन फॉर यूनिटी मार्च निकाला गया। इसमें बड़ी संख्या में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हुए। नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से भी शहर के प्रमुख चौराहों पर एकता प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें सरदार पटेल के जीवन और उनके देशनिर्माण के योगदान को प्रदर्शित किया गया। प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने मलदहिया चौराहा स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने स्वयं रन फॉर यूनिटी में भाग लिया। उनके साथ महापौर अशोक तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. अवधेश सिंह, टी. राम, डॉ. नीलकंठ तिवारी समेत कई जनप्रतिनिधि दौड़ में शामिल हुए।

रवीन्द्र जायसल ने कहा, सरदार पटेल ने जिस अदम्य इच्छाशक्ति और राष्ट्रनिष्ठा से भारत की रियासतों को एक सूत्र में जोड़ा, वही आज हमारी एकता की रीढ़ है। उनका जीवन हमें बताता है कि जब संकल्प दृढ़ हो, तो बिखराव भी समरसता में बदल जाता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 से 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, ताकि हर पीढ़ी यह स्मरण रखे कि भारत की शक्ति उसकी विविधता में निहित है। इस वर्ष दिवस की थीमएक भारत, आत्मनिर्भर भारतरखी गई है। 

कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने विधायक निधि से ₹9 लाख 62 हजार की लागत से निर्मितलौह पुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल स्मृति द्वारका लोकार्पण किया। इस अवसर पर मौजूद जनसमूह नेभारत माता की जयऔरसरदार पटेल अमर रहेंके नारे लगाकर माहौल को राष्ट्रभक्ति से भर दिया। बीएचयू ट्रामा सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी प्रोफेसर सौरभ सिंह ने डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य कर्मचारियों को राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखने की दिशा में कार्य करते रहने की शपथ दिलाई। कहा कि जिस तरह से राष्ट्र निर्माण में एकता और अनुशासन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उसी तरह स्वास्थ्य सेवाओं में भी इन मूल्यों का पालन करना जरूरी होता है.

हम सब एक हैं, हमारा भारत एक है

सरदार वल्लभभाई पटेल केवल स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री नहीं थे, बल्कि वे राष्ट्र की आत्मा के मूर्तिकार थे। उन्होंने जिस दृढ़ता से रियासतों को जोड़कर अखंड भारत की नींव रखी, वही आज के भारत की एकता का आधार है। उनके विचार बताते हैं कि राष्ट्र का सामर्थ्य केवल उसकी सीमाओं में नहीं, बल्कि उसकी संवेदनशीलता, परस्पर विश्वास और समरसता में निहित है। जब भारत आत्मनिर्भर और संगठित होगा, तभी वह सशक्त भी होगा, यही है सरदार पटेल की विरासत का सार।

एसएसपीजी में पत्रकारों के लिए अलग रजिस्ट्रेशन काउंटर शुरू

एसएसपीजी में पत्रकारों के लिए अलग रजिस्ट्रेशन काउंटर शुरू  भीड़ से मिलेगी राहत , प्रेस क्लब की पहल पर अस्पताल प्रशासन ने...