बिजली कर्मियों ने फिनटेक कंपनी को कैश काउंटर देने का किया विरोध सुरेश गांधी
वाराणसी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले
शुक्रवार को बनारस के
बिजली कर्मियों ने एक बार
फिर निजीकरण के विरुद्ध जोरदार
प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने पूर्वांचल विद्युत
वितरण निगम द्वारा बनारस
शहर के कैश काउंटरों
को फिनटेक एजेंसी को सौंपने के
निर्णय का कड़ा विरोध
जताया।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने
आरोप लगाया कि विभाग मात्र
20 हजार रुपये में संचालित होने
वाले कैश काउंटरों को
फिनटेक कंपनी से चलवाने के
लिए 1.50 लाख रुपये प्रतिमाह
देने की योजना बना
रहा है। यह न
केवल घाटे का सौदा
है, बल्कि हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर
भी संकट खड़ा करेगा।
कर्मचारियों ने कहा कि
बिना टेंडर प्रक्रिया के फिनटेक को
जिम्मेदारी सौंपना पूर्वांचल निगम को हर
माह करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाएगा।
वक्ताओं ने बताया कि
पूर्व में चंदौली सहित
कई जिलों में फिनटेक को
राजस्व वसूली का कार्य सौंपा
गया था, जिसके परिणामस्वरूप
वसूली में गिरावट दर्ज
की गई और विभाग
को पुनः अपने कर्मचारियों
को लगाना पड़ा। इसके बावजूद निगम
प्रबंधन बनारस में उसी गलती
को दोहराना चाहता है।
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी
कि यदि फिनटेक को
कैश काउंटर सौंपे गए या निजीकरण
का प्रयास जारी रहा, तो
3 नवंबर को मुंबई में
होने वाली राष्ट्रीय समन्वय
समिति की बैठक में
प्रदेश के बिजली कर्मी
देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय
करेंगे। उन्होंने कहा कि बिजली
संविधान की समवर्ती सूची
में है, ऐसे में
केंद्र और राज्य दोनों
की समान भागीदारी है—किसी एकतरफा निजीकरण
का फैसला स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सभा को अंकुर पांडेय, अरुण कुमार, रमेश
कुमार, अनुराग मौर्य सहित कई वक्ताओं
ने संबोधित किया।

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