वाराणसी से बाराबंकी तक
नवाचार और समावेशी विकास की मिसाल
सहकारिता की शक्ति को जमीन पर उतारने वाले
डीएम सत्येन्द्र कुमार को योगी ने किया सम्मानित
युवा सहकार सम्मेलन व यूपी
कोआपरेटिव एक्स्पो : 2025 का आयोजन
सुरेश गांधी
वाराणसी. आज युवा सहकार
सम्मेलन एवं युवा सहकार
सम्मेलन व यूपी कोआपरेटिव
एक्स्पो : 2025 के मंच से
सहकारिता के क्षेत्र में
एक ऐसी प्रशासनिक यात्रा
को सार्वजनिक सम्मान मिला, जिसने यह साबित किया
कि यदि इच्छाशक्ति हो
तो सरकारी तंत्र भी नवाचार और
समावेशी विकास का वाहक बन
सकता है। मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ द्वारा जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार को उनके सेवाकाल
के दौरान वाराणसी, महराजगंज और बाराबंकी में
सहकारिता के क्षेत्र में
किए गए उल्लेखनीय कार्यों
के लिए सम्मानित किया
जाना, केवल एक व्यक्ति
का नहीं बल्कि सहकार
से समृद्धि की सोच का
सम्मान है।
वाराणसी में स्वयं सहायता
समूहों को स्थानीय बाजार
से जोड़ने,
ग्रामीण उत्पादों को ब्रांडिंग और
विपणन का अवसर देने
तथा सहकारी संस्थाओं को तकनीक से
जोड़ने की पहल ने
परंपरागत सहकारिता को नई ऊर्जा
दी। महराजगंज जैसे सीमावर्ती और
कृषि प्रधान जिले में सहकारी
समितियों को किसान हितों
के अनुरूप पुनर्जीवित करना,
बीज,
खाद और
ऋण वितरण को पारदर्शी बनाना
तथा महिलाओं की सहभागिता बढ़ाना,
समावेशी विकास की ठोस मिसाल
रहा। वहीं बाराबंकी में
सहकारिता को रोजगार सृजन,
डेयरी,
कृषि-
आधारित उद्योग
और युवा उद्यमिता से
जोड़ने का प्रयोग दूरगामी
परिणामों वाला सिद्ध हुआ।
यह सम्मान इस
बात का संकेत है
कि सहकारिता केवल सरकारी योजनाओं
का क्रियान्वयन भर नहीं,
बल्कि
लोक-
भागीदारी और स्थानीय नेतृत्व
के जरिए सामाजिक-
आर्थिक
परिवर्तन का सशक्त माध्यम
बन सकती है। युवा
सहकार सम्मेलन का मंच इस
संदेश को और मजबूत
करता है कि आने
वाला समय युवाओं,
नवाचार
और सहकारी मॉडल का है।
आज का यह सम्मान
प्रशासनिक सेवा में कार्यरत
अधिकारियों के लिए प्रेरणा
है कि वे नियमों
की परिधि में रहकर भी
नए रास्ते खोल सकते हैं।
सहकारिता की यह सफलता
कथा,
उत्तर प्रदेश के विकास मॉडल
को और अधिक जनोन्मुख,
सहभागी और आत्मनिर्भर बनाने
की दिशा में एक
महत्वपूर्ण कदम है।
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