Thursday, 8 March 2018

कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा ने किया इंडिया कारपेट एक्सपो का उद्घाटन


कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा ने किया इंडिया कारपेट एक्सपो का उद्घाटन
  कालीन मेले का होगा विस्तारीकरण
    55 देशों के चार सौ से अधिक आयातक ने की भागीदारी 
  कालीन उद्यमी क्वालिटी गुणवत्ता पर दें विशेष ध्यान
   उत्पाद  बेहतर  होंगे, तभी खरीदारों की रुचि बढ़ेगी 
  निर्यातकों को दी समस्याओं की समाधान का भरोसा
सुरेश गांधी
एक्सपो के आयोजन का उद्देश्य भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों और अन्य फ्लोर कवरिंग्स की सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ उनके निर्माताओं के बुनाई कौशल को बढ़ावा देना है। मेले में 300 प्रदर्शक अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं। 55 देशों के लगभग 400 कालीन आयातकों ने इस एक्सपो के लिए पंजीकरण कराया है। ये कालीन आयातक मुख्यतः ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, चिली, जर्मनी, मेक्सिको, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन एवं अमेरिका के हैं। कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सीइपीसी भारतीय बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए साल में साल में दो बार कारपेट एक्स्पों का आयोजन करती है। हर साल एक्स्पों बड़ी मात्रा में सिर्फ उद्यमियों को कारोबार मुहैया कराता है, बल्कि विदेशी ग्राहकों को भी आकर्षित करता है। इसकी बड़ी वजह है कि भारतीय उद्यमियों को उत्पाद हाथ से बुनी हुई हुई होती है। जबकि कुछ को छोड़ दे तो बाकि के देशों की उत्पाद मशीनमेड होता है। हाथ से बुनी हुई कालीने ही विदेशी खरीददारों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। उन्हें खुशी है कि भारत सरकार के तत्वावधान में भारतीय हस्त निर्मित कालीनों की सांस्कृतिक विरासत तथा बुनाई कौशल को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।
सीईर्पपीसी के चेयरमैन महावीर प्रताप शर्मा ने कहा, इण्डिया कारपेट एक्सपो अन्तरराष्ट्रीय कालीन खरीददारों, क्रेता सदनों, क्रेता एजेन्ट्स, आर्कीटेक्ट्स एवं भारतीय कालीन निर्माताओं और निर्यातकों के लिए आदर्श मंच है, जो उन्हे एक दूसरे से मिलने तथा दीर्घकालिक कारोबारी सम्बन्ध बनाने मंे मदद करता है। यह प्रदर्शनी भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों के निर्यात को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। हमने विशेष थीम पर आधारित मंडप भी स्थापित किया है जिसमें उद्योग जगत के विशेषज्ञ अर्गोनोमिक एवं फ्लेक्सिबल टफ्टिंग फ्रेम की अवधारणा के माध्यम से कालीन बुनाई की प्रक्रिया को दर्शा रहे हैं। 

कारपेट एक्सपो में नए रंगो एवं डिजाइनों से तैैयार किए गए कालीनों की प्रदर्शनी लगाई गयी है। सीनियर सदस्य उमेश गुप्ता ने कहा, इंडिया कारपेट एक्सपो एशिया में हस्तनिर्मित कालीनों के सबसे बड़े मेलों में से एक है जहां एक ही छत के नीचे हाथ से बने कालीनों और गलीचों की व्यापक रेंज प्रस्तुत की जाती है। 300 से ज्यादा प्रदर्शकों की भागीदारी के साथ यह दुनिया भर में हस्तनिर्मित गलीचों के लिए लोकप्रिय गंतव्य बन गया है। एक्सपो कालीनों के आयातकों, निर्माताओं-निर्यातकों को भी कारोबार के विशेष अवसर उपलब्ध करायेगा। इससे एमएसएमई कुटीर उद्योगों से जुड़े तकरीबन 2 मिलियन बुनकर और कलाकार लाभान्वित होंगे।

No comments:

Post a Comment