कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा ने किया इंडिया कारपेट एक्सपो का उद्घाटन
55 देशों के चार सौ
से
अधिक
आयातक
ने
की
भागीदारी
कालीन उद्यमी
क्वालिटी
व
गुणवत्ता
पर
दें
विशेष
ध्यान,
उत्पाद बेहतर होंगे,
तभी
खरीदारों
की
रुचि
बढ़ेगी
निर्यातकों को
दी
समस्याओं
की
समाधान
का
भरोसा
सुरेश
गांधी
नई
दिल्ली।
केन्द्रीय कपड़ा राज्य
मंत्री अजय टम्टा
ने एशिया के
सबसे बड़े हस्तनिर्मित
कालीन मेलों में
शुमार ‘इंडिया कारपेट एक्सपो‘ के 34वें संस्करण
का गुरुवार को
एनएसआईसी एग्जिबिशन ग्राऊण्ड ओखला
नई दिल्ली मैदान
में दीप प्रज्जवलन
कर उद्घाटन किया।
इस दौरान उन्होंने
एक डायरेक्टरी का
भी विमोचन किया।
उद्घाटन कार्यक्रम में वस्त्र
सचिव शान्तु मनु,
सीइपीसी चेयरमैन महाबीर प्रताप
शर्मा, प्रथम उपाध्यक्ष सिद्धनाथ
सिंह, सीनियर प्रशासनिक
सदस्य उमेश गुप्ता,
ओमकार मिश्रा, सीइपीसी
सदस्य संजय गुप्ता
समेत व्यापार जगत
के कई वरिष्ठ
अधिकारी उपस्थित थे। यह
मेला 12 मार्च तक चलेगा।
एक्सपो के आयोजन
का उद्देश्य भारतीय
हस्तनिर्मित कालीनों और अन्य
फ्लोर कवरिंग्स की
सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ उनके
निर्माताओं के बुनाई
कौशल को बढ़ावा
देना है। मेले
में 300 प्रदर्शक अपने उत्पादों
को प्रदर्शित कर
रहे हैं। 55 देशों
के लगभग 400 कालीन
आयातकों ने इस
एक्सपो के लिए
पंजीकरण कराया है। ये
कालीन आयातक मुख्यतः
ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन,
चिली, जर्मनी, मेक्सिको,
रूस, सिंगापुर, दक्षिण
अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन एवं
अमेरिका के हैं।
कपड़ा राज्य मंत्री
अजय टम्टा ने
कहा कि उन्हें
खुशी है कि
सीइपीसी भारतीय बुनकरों को
प्रोत्साहित करने के
लिए साल में
साल में दो
बार कारपेट एक्स्पों
का आयोजन करती
है। हर साल
एक्स्पों बड़ी मात्रा
में न सिर्फ
उद्यमियों को कारोबार
मुहैया कराता है, बल्कि
विदेशी ग्राहकों को भी
आकर्षित करता है।
इसकी बड़ी वजह
है कि भारतीय
उद्यमियों को उत्पाद
हाथ से बुनी
हुई हुई होती
है। जबकि कुछ
को छोड़ दे
तो बाकि के
देशों की उत्पाद
मशीनमेड होता है।
हाथ से बुनी
हुई कालीने ही
विदेशी खरीददारों के आकर्षण
का मुख्य केन्द्र
है। उन्हें खुशी
है कि भारत
सरकार के तत्वावधान
में भारतीय हस्त
निर्मित कालीनों की सांस्कृतिक
विरासत तथा बुनाई
कौशल को बढ़ावा
देने के लिए
किया जा रहा
है।
सीईर्पपीसी के चेयरमैन
महावीर प्रताप शर्मा ने
कहा, इण्डिया कारपेट
एक्सपो अन्तरराष्ट्रीय कालीन खरीददारों, क्रेता
सदनों, क्रेता एजेन्ट्स, आर्कीटेक्ट्स
एवं भारतीय कालीन
निर्माताओं और निर्यातकों
के लिए आदर्श
मंच है, जो
उन्हे एक दूसरे
से मिलने तथा
दीर्घकालिक कारोबारी सम्बन्ध बनाने
मंे मदद करता
है। यह प्रदर्शनी
भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों के
निर्यात को बढ़ाने
की दिशा में
महत्वपूर्ण कदम है।
हमने विशेष थीम
पर आधारित मंडप
भी स्थापित किया
है जिसमें उद्योग
जगत के विशेषज्ञ
अर्गोनोमिक एवं फ्लेक्सिबल
टफ्टिंग फ्रेम की अवधारणा
के माध्यम से
कालीन बुनाई की
प्रक्रिया को दर्शा
रहे हैं।
कारपेट
एक्सपो में नए
रंगो एवं डिजाइनों
से तैैयार किए
गए कालीनों की
प्रदर्शनी लगाई गयी
है। सीनियर सदस्य
उमेश गुप्ता ने
कहा, इंडिया कारपेट
एक्सपो एशिया में हस्तनिर्मित
कालीनों के सबसे
बड़े मेलों में
से एक है
जहां एक ही
छत के नीचे
हाथ से बने
कालीनों और गलीचों
की व्यापक रेंज
प्रस्तुत की जाती
है। 300 से ज्यादा
प्रदर्शकों की भागीदारी
के साथ यह
दुनिया भर में
हस्तनिर्मित गलीचों के लिए
लोकप्रिय गंतव्य बन गया
है। एक्सपो कालीनों
के आयातकों, निर्माताओं-निर्यातकों को भी
कारोबार के विशेष
अवसर उपलब्ध करायेगा।
इससे एमएसएमई कुटीर
उद्योगों से जुड़े
तकरीबन 2 मिलियन बुनकर और
कलाकार लाभान्वित होंगे।
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