Monday, 27 May 2019

सियासी पंडितों को अब मानना होगा, अंकगणित के आगे एक केमेस्ट्री भी होती है : नरेंद्र मोदी


सियासी पंडितों को अब मानना होगा, अंकगणित के आगे एक केमेस्ट्री भी होती है : नरेंद्र मोदी
देश के लिए पीएम लेकिन काशी के लिए कार्यकर्ता : मोदी
हमने वोटबैंक की राजनीति से उठकर काम किए, देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे
विचारधारा के कारण कई राज्यों में हुईं भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या
देश में बढ़ रही राजनीतिक छुआछूत, हमारे सैकड़ों कार्यकर्ता मारे गए
सुरेश गांधी
वाराणसी। लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार वाराणसी पहुंचे। उनके साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं। करीब 11 बजे बाबा विश्वनाथ मंदिर में पीएम मोदी के लिए पद्मभूषण आचार्य पंडित देवी प्रसाद द्विवेदी ने पूजा कराई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माथे पर चंदन भी लगाया और रुद्राक्ष की माला पहनाई। पीएम मोदी ने बाबा विश्वनाथ के शिवलिंग पर द्रव्य दक्षिणा भी अर्पित की। तीनों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत पूजा की। इसके बाद काशी के दीनदयाल हस्तकला संकुल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं से खुलकर अपने दिल की बात कही। श्री मोदी नेहर हर महादेवके जयघोष के बीच कहा कि यह जीत पार्टी कार्यकर्ताओं अथक परिश्रम का नतीजा है।
श्री मोदी ने कहा कि मैं सिर्फ यहां नामांकन भरने आया था, लेकिन काशी की जनता ने खुद ही मेरे लिए चुनाव लड़ा और हर कोई नरेंद्र मोदी बन गया था। योगी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में दिवाली मनाने से किसने रोका था, हमारी सरकार ने दिवाली को भी भव्य बनाया। इस बार कुंभ की पहचान ही बदल गई। उन्होंने कहा कि पार्टी की जीत के इस सिलसिले को देखते हुए अब सियासी पंडितों को मानना पड़ेगा कि अंकगणित के आगे भी आदर्शों और संकल्पों की एककेमेस्ट्रीहोती है। मोदी ने भाजपा को देश में राजनीतिक हिंसा की सबसे बड़ी शिकार पार्टी करार देते हुए कहा कि इस हिंसा को एक प्रकार से मान्यता दी गयी है। यह हमारे सामने बहुत बड़ा संकट है। वाराणसी से दोबारा सांसद बनने के बाद पहली बार काशी आये मोदी ने कार्यकर्ताओं से
सपा-बसपा का नाम लिएं बगैर मोदी ने कहा कि महागठबंधन को आड़े हाथो लेते हुए कहा, ये चुनाव लोगों को बताएगा कि अर्थमैटिक से आगे भी एक केमिस्ट्री होती है जो लोकतंत्र को जिताती है। इस बार अंक गणित को केमिस्ट्री ने हराया है। उन्होंने कहा कि आज यूपी पूरे देश में लोकतंत्र की नींव को और मजबूत कर रहा है। लेकिन वर्ष 2014, 2017 और 2019 की चुनावी विजय की हैट्रिक कोई मामूली चीज नहीं है। तीन चुनाव के बाद भी अगर राजनीतिक पंडितों के दिमाग नहीं खुलते तो समझना चाहिये कि उनके विचार, उनके तर्क 21वीं सदी के लिये नहीं रह गये हैं। मोदी ने कहा ‘‘इस हैट्रिक के बाद राजनीतिक पंडितों को मानना होगा कि अंकगणित के आगे भी एककेमेस्ट्रीहोती है। देश में आदर्शों और संकल्पों की जो केमेस्ट्री है, वह पूरे अंकगणित को पराजित कर देती है। इस बार यही हुआ है।’’
प्रधानमंत्री ने भाजपा को राजनीतिक हिंसा की सबसे बड़ी शिकार पार्टी बताते हुए कहा ‘‘चाहे केरल हो, कश्मीर हो, बंगाल या फिर त्रिपुरा हो, वहां हमारे कई कार्यकर्ताओं ने शहादत मोल ली है। उन्हें सिर्फ राजनीतिक विचारधारा के कारण मौत के घाट उतार दिया गया। बंगाल में आज भी हत्याओं का दौर नहीं रुक रहा। केरल में भी हमें मौत के घाट उतार दिया जाता है। शायद ही कोई दल इतनी व्यापक हिंसा का शिकार हुआ है। हिंसा को एक प्रकार से मान्यता दी गयी है। यह हमारे सामने बहुत बड़ा संकट है।’’ पीएम मोदी ने कहा कि हम विभाजनकारी नहीं हैं, जो लोग खुद को एकता का ठेकेदार कहते हैं। उन्होंने सिर्फ आंध्र का विभाजन किया और आज भी वहां पर शांति नहीं है। हम लोग वो हैं जिन्होंने यूपी में से उत्तराखंड, एमपी में से छत्तीसगढ़ और बिहार में से झारखंड बनाया लेकिन एक चिंगारी तक नहीं आई। उन्होंने कहा दुर्भाग्य से हमारे देश में राजनीतिक छुआछूत दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।
भाजपा का नाम लेते ही यह कहा जाता है कि इन्हें छुओ नहीं, ये खतरनाक हैं। दरअसल, हम विभाजन के पैरोकार नहीं है। हम एकता के मार्ग पर चलते हैं। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मैंने उसके प्रचार-प्रसार के लिये फिल्म जगत की मदद ली, तो शोर मच गया कि अरे आप और गुजरात! दरअसल कमियां हममे में भी होंगी, लेकिन इरादे हमारे नेक हैं। पीएम बोले कि बीजेपी को छुआछूत का शिकार होना पड़ा है, मैं हर किसी से कहता हूं कि नए सिरे से शुरुआत की जरूरत है। कमी हममें भी होंगी, लेकिन हमारे इरादे नेक हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम वोटबैंक की राजनीति करते तो कुछ ना करते लेकिन हमने फैसला किया और सामान्य वर्ग को भी आरक्षण दिया, हमने घर दिया तो किसी की जाति नहीं पूछी।
काशी के चुनाव ने पूरे देश को प्रभावित किया है : मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 अप्रैल को मैं यहां था, तब काशी ने विश्वरूप दिखाया था जिसने पूरे हिंदुस्तान को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि 19 मई को जब यहां पर मतदान होना था, तब मेरा काशी आने का मन था। लेकिन लोगों का आदेश था मैं ना आऊं, सिर्फ जीत के बाद ही यहां पर आऊं। पीएम मोदी ने कहा, ‘’मैं भी भाजनपा कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी और कार्यकर्ता जो आदेश करते हैं, उसका पालन करने का मैं भरसक प्रयास करता हूं। एक महीने पहले जब मैं यहां था, जिस आन-बान-शान के साथ काशी ने एक विश्व रूप दिखाया था, वो सिर्फ यूपी को प्रभावित करने वाला नहीं था, उसने पूरे देश को प्रभावित किया था।’’ मोदी ने कहा, ‘’शायद ही कोई उम्मीदवार चुनाव के समय इतना निश्चिंत होता होगा, जितना मैं था। इस निश्चिंतता का कारण आपका परिश्रम और काशीवासियों का विश्वास था। नतीजे और मतदान दोनों समय मैं निश्चिंत था और बड़े मौज के साथ केदारनाथ में बाबा के चरणों में बैठ गया था।
काशी के सभी उम्मीदवारों का मन से अभिनंदन करता हूं- मोदी
मोदी ने कहा, ‘’इस चुनाव में अलग-अलग दलों के साथी और निर्दलीय साथी जो मैदान में थे, उनका भी मैं आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने पूरी गरिमा के साथ काशी के चुनाव अभियान को आगे बढ़ाया। मैं सभी अन्य उम्मीदवारों का मन से अभिनंदन करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘’इस चुनाव में जब कार्यकर्ताओं के साथ मेरा मिलना हुआ था तो उस दिन मैंने कहा था कि यहां पर शायद नामांकन तो एक नरेन्द्र मोदी का हुआ होगा, लेकिन ये चुनाव हर घर का नरेन्द्र मोदी लड़ेगा, हर गली का नरेन्द्र मोदी लड़ेगा।’’ पीएम बोले कि वाराणसी में नामांकन तो एक मोदी ने किया, लेकिन चुनाव हर घर के मोदी ने लड़ा। काशी में सब नरेंद्र मोदी बन गए और नतीजे आज दुनिया के सामने हैं। उन्होंने कहा कि काशी के कार्यकर्ता आराम से नहीं बैठे, कि मोदी जी हैं जीत ही जाएंगे।
2014 हो, 2017 हो या 2019 हो, ये हैट्रिक छोटी नहीं है- मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘’यहां की बेटियों ने जो स्कूटी यात्रा निकाली उसकी पूरे देश में और सोशल मीडिया में बड़ी चर्चा है, स्कूटी पर बैठकर हमारी बेटियों ने पूरी काशी को अपने सिर पर बैठा लिया था।’’ उन्होंने कहा, ‘’आज उत्तर प्रदेश देश की राजनीति को नई दिशा दे रहा है। 2014 हो, 2017 हो या 2019 हो, ये हैट्रिक छोटी नहीं है। उत्तर प्रदेश के गांव का गरीब व्यक्ति भी देश की सही दिशा के बारे में सोचता भी है और उस दिशा में चलता भी है।’’ यूपी में बड़ी सफलता पर उन्होंने कहा कि आज भले ही मैं काशी से बोल रहा हूं लेकिन पूरा यूपी अभिनंदन का प्रार्थी है। यूपी स्वस्थ लोकतंत्र की नींव को मजबूत कर रहा है। इन तीन चुनावों को इतिहास में याद रखा जाएगा, अगर अब भी राजनीतिक पंडित की सोच नहीं बदलती है तो वह उनकी भूल है। आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी ने लगातार दूसरी बार वाराणसी से लोकसभा का चुनाव जीता है। पिछली बार उनकी जीत का मार्जिन साढ़े 3 लाख 72 हजार रहा तो वहीं इस बार उन्हें 4.79 लाख वोटों से जीत मिली है।
हम लोकतंत्र में यकीन रखने वाले लोग
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लोकत्रंत में विश्वास रखने वाले लोग हैं। जहां-जहां हमें सरकारें बनाने का मौका मिला है, हमने वहां विपक्ष की आवाज को महत्व दिया है, भले ही जनता के अविश्वास के कारण उनकी संख्या कम ही क्यों हो। हम लोकत्रंत में विश्वास रखने वाले लोग हैं। जहां-जहां हमें मौका मिला है, वहां विपक्ष की आवाज को महत्व दिया है, जनता के अविश्वास के कारण उनकी संख्या चाहे कम ही क्यों हो। त्रिपुरा में 30 साल तक कम्युनिस्ट सरकार थी क्या वहां कोई विपक्ष था... हमें जब सत्ता मिलती है तो विपक्ष का शुरुआत होती है।
अयोध्या में दिवाली मनाने से किसने रोका था...?
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के राजनीतिक कैनवास पर ईमानदारी से रग-रग में लोकतंत्र को जीने वाला कोई दल है, तो वह भाजपा है। योग हो, रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट हो यह सब देश की महान विरासते हैं। उत्तर प्रदेश में पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या में दिवाली मनाने से किसने रोका था...? प्रदेश में जब हमारी सरकार आई तो उसने दिवाली को भी भव्य बनाया। इस बार कुंभ की पहचान ही बदल गई। उत्तर प्रदेश की सरकार ने इस साल कुंभ का सफल आयोजन करके नागा साधुओं के झुंड वाले परसेप्शन को बदल दिया है।
स्वच्छता काशीवासियों की ली चुटकी
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपना स्कूटर तो दिन में चार बार साफ करते है। 20 साल पुराना हो, कलर उखड़ गया हो फिर भी घिसकर चमकाते हैं। लेकिन, सरकारी बस में बैठे हों और बगल में सीट खाली हो। बात करने वाला कोई नहीं है और नींद भी नहीं रही हो तो हम सीट में छेद करने लगते हैं। दो तीन इंच का जब तक गड्ढा नहीं होता हमें चैन नहीं आता है। भारत माता की जय बोले और फिर बनारसी पान खाकर धरती को गंदा करने... यह कौन से भारत माता की जय है...? हम जिस मां का जयकारा करने के लिए संकट झेलते हैं। उसे गंदा क्यों करें... हम सबके भीतर यह भावना होनी चाहिए कि देश मेरा है।

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