370 हटना देशहित में है: महेन्द्रनाथ पांडेय
सुरेश गांधी
लखनऊ। बसपा नेता
महेन्द्रनाथ पांडेय ने दलगत
भावना से ऊपर
उठकर जम्मू-कश्मीर
से धारा 370 को
हटाए जाने का
समर्थन किया है।
उनका कहना है
कि केन्द्र सरकार
का यह निर्णय
देश के एकीकरण
के लिए है।
यह ऐतिहासिक कदम
देशहित तो है
ही इससे आतंक
जैसी विकराल समस्या
का स्थाई समाधान
भी होगा। वैसे
भी बाबा साहेब
अंबेडकर जम्मू-कश्मीर में
से धारा
370 के पक्ष में
नहीं थे। वे
हमेशा ही देश
की समानता, एकता
व अखण्डता के
पक्षधर रहे हैं।
सोमवार को श्री
पांडेय ने सीनियर
जनर्लिस्ट सुरेश गांधी से
बातचीत करते हुए
कहा कि इस
फैसले पर आज
पूरा देश गौरवान्वित
है। अब जम्मू-कश्मीर देश की
मुख्यधारा से जुड़
गया है। 70 साल
से देश जम्मू
कश्मीर में इस
पल का इंतजार
कर रहा था।
इस साहसिक फैसले
से दुनिया में
भारत की जनता
का मान सम्मान
बढ़ा है। इससे
जम्मू कश्मीर व
लद्दाख के लोगों
का विकास होगा।
व्यापार के नए
द्वार भी खुलेंगे।
जम्मू कश्मीर भारत
का अभिन्न अंग
है और रहेगा।
आने वाले दिनों
में वहां आतंकी
गतिविधियों पर काबू
पाने में मदद
मिलेगी।
श्री पांडेय
ने कहा कि
देश वर्षों से
आतंक का दंश
झेल रहा था।
एक राजनैतिक परिवार
की मनमर्जी से
कश्मीर का विवाद
बढ़ा। कांग्रेस चाहती
तो इस विवाद
को खत्म कर
सकती थी लेकिन
अपने बेजा इस्तेमाल
के लिए इसे
बढ़ावा देती रही
और आज भी
वहां माहौल खराब
करने का प्रयास
कर रही है।
उन्होंने कहा कि
देश में संविधान
लागू होने के
लगभग 69 वर्षों के उपरान्त
इस धारा 370 की
समाप्ति के बाद
अब वहां पर
हालात सामान्य होने
में थोड़ा समय
अवश्य ही लगेगा।
लेकिन जल्द ही
सबकुछ सामान्य होगा।
इसका थोड़ा इंतजार
करने में ही
भलाई है। सुप्रीम
कोर्ट ने भी
माना है कि
370 का हटना देशहित
में हैं। इसके
लिए पूरा देश
नतमस्तक है। अब
देश में एक
ही झंडा लहराएगा।
एक समान विचारधारा
के साथ आपसी
भाईचारा को बढ़ावा
मिलेगा। इससे पूरे
देश को समृद्धि
मिलेगी।
श्री पांडेय
ने कहा कि
इस फैसले से
कल तक देश
का हिस्सा रहते
हुए भी बेगाना
लगने वाला जम्मू-कश्मीर अब बिल्कुल
अपना लगेगा। अनुच्छेद
370 में जोड़े गए
35ए का पार्ट
हमारे नागरिक अधिकारों
पर बंदिश लगाता
था। वहां के
स्थानीय निकाय चुनावों में
वोट नहीं दे
सकते थे। अब
नई व्यवस्था लागू
होते ही 35ए
के तहत लगाई
गई तमाम बंदिशें
खत्म हो जाएगी।
अब हमारे देश
में तिरंगा का
अपमान नहीं होगा।
अब ना ही
हमारे देश में
दो विधान, दो,
निशान और दो
संविधान चलेगी। अब कश्मीर
का अपना झंडा
भी नहीं रहा
है। देश के
अंदर नासूर की
तरह जो एक
देश, दो निशान
और दो प्रधान
जो चुभता था,
समाप्त हो गया।
श्री पांडेय
ने कहा कि
वोट बैंक की
राजनीति एवं अब्दुल्ला
परिवार को संतुष्ट
करने के लिए
जवाहरलाल नेहरू ने जानबूझकर
धारा 370 जम्मू कश्मीर पर
थोप दिया था।
यह एक अस्थायी
व्यवस्था था, परन्तु
साजिश के तहत
कश्मीर को आतंकवादियों
के हवाले कर
दिया गया था।
देश के आम
नागरिक होने के
नाते मैं इस
फैसले का स्वागत
करता हूं। अब
देश के हर
हिस्से के लोग
कश्मीर में जाकर
बराबरी का दर्जा
पा सकेंगे। घाटी
के लोगों को
उनकी खोई आजादी
लौट गई है।
आम कश्मीरी के
पास ज्यादा सुविधाएं
पहुंचेगी। सूचना का और
शिक्षा का जो
अधिकार जम्मू कश्मीर में
लागू नहीं होता
था अब यह
सभी तरह से
लोगों को फायदा
मिलेगा। अब जम्मू
और कश्मीर भी
भारत का पूर्ण
रूप से हिस्सा
हो गया है।
इससे जम्मू-कश्मीर
और लद्दाख में
विकास को गति
मिलेगी। इस फैसले
से अलगाववादी शक्तियों
को मजबूत एवं
तगड़ी चोट है।
उन्होंने कहा कहा
धारा 370 हटाने के बाद
कश्मीर में पर्यटन
की असीम संभावनाओं
को एक नया
द्वार खुलेगा। जम्मू
कश्मीर में गरीबी
की मुख्य वजह
धारा 370 थी जिससे
अब पूरी तरीके
से निजात मिल
गया। अन्य राज्य
के लोग भी
अब वह जमीन
खरीद सकेंगे। देश
के अन्य राज्य
के तरह वहां
पर कानून होगा।
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