30 को सीईपीसी के हवाले होगा भदोही मेगा मार्ट
सीईपीसी चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह ने 67 बुनकरों में बाटा कालीन लूम
सुरेश गांधी
भदोही। तमाम प्रयासों
के बाद भी
चार दिवसीय इंडिया
कारपेट एक्स्पों इस बार
भी बनारस में
ही लगेगा। मेला
11 से 14 अक्टूबर तक संपूर्णानंद
संस्कृत विश्व विद्यालय में
होगा। हालांकि दो
सौ करोड़ की
लागत से निर्मित
एक्सपो मार्ट 30 सितम्बर तक
सीईपीसी को हैंडओवर
कर दिया जायेगा।
बता दें,
एक्सपो मार्ट में इस
बार कालीन मेला
के आयोजन को
एकमा लगातार प्रयासरत
था। इसके लिए
वह मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ से मिल
चुका है। यही
वजह है कि
शासन भदोही में
कालीन मेले के
आयोजन को लेकर
गंभीर है। लेकिन
मेला आयोजक सीईपीसी
की मानें तो
इस बार भदोही
में कालीन मेला
असंभव है। इसकी
बडी वजह यह
है कि मेले
का शेड्यूल पहले
से ही निर्धारित
हो जाता है।
जगह के चयन
के साथ विदेशी
खरीदारों को आमत्रंण
भेजा चुका है।
फिरहाल मेले के
आयोजन हर हाल
में कराने के
लिए शुक्रवार को
भदोही आए प्रमुख
सचिव सूक्ष्म लघु
एवं मध्यम उद्यम
एवं निर्यात प्रोत्साहन
डा.नवनीत सहगल
ने पूरी कोशिश
की। उन्होंने मेगा
मार्ट के निरीक्षण
के बाद कालीन
भवन में पत्रकारों
से भी बातचीत
की।
श्री सहगल
ने कहा कि
नवनिर्मित मार्ट में कालीन
मेले का आयोजन
हर हाल में
कराने के लिए
शासन कृत संकल्पित
है। 30 सितंबर को कार्यदाई
संस्था सीईपीसी को मार्ट
सौंप देगी। इसके
साथ ही दिसंबर
या जनवरी में
मेले का आयोजन
किया जाएगा। इसके
लिए वह अपने
विभाग से 50 लाख
रुपये बतौर प्रोत्साहन
उपलब्ध कराएंगे। मार्ट में
फीनिशिग का कार्य
चल रहा है।
हैंडओवर करने के
बाद भी कार्यदाई
संस्था बनी रहेगी
ताकि कमियों को
ठीक किया जा
सके। इसके पहले
प्रमुख सचिव ने
कालीन भवन में
निर्यातकों के साथ
बैठक की। पूर्व
एकमाध्यक्ष रवि पाटोदिया
ने गजिया में
ठप पड़े ओवरब्रिज
निर्माण, धौरहरा पुल का
निर्माण, जर्जर सड़कों के
निर्माण सहित विभिन्न
मांगे रखी। जिस
पर प्रमुख सचिव
ने भरोसा दिलाया
कि वे औद्योगिक
क्षेत्र की समस्याओं
का समाधान कराया
जाएगा। इस मौके
पर जिलाधिकारी राजेंद्र
प्रसाद, बीडा सीईओ
कृतिका ज्योत्सना, चेयरमैन सिद्धनाथ
सिंह, हाजी शाहिद
हुसैन, अब्दुल हादी, संजय
गुप्ता, गुलामन अंसारी, उमेश
कुमार गुप्ता मुन्ना,
पीयूष बरनवाल, असलम
महबूब, इम्तियाज अंसारी, ओएन
मिश्र आदि मौजूद
थे।
इसके अलावा
सीईपीसी व आईआईसीटी
के तत्वावधान में
आयोजित सेमिनार में 67 बुनकरों
को लूम एवं
टेफिट्ंग मशीन का
वितरण किया। सीईपीसी
के निदेशक संजय
कुमार ने बताया
कि सीईपीसी अभी
तक सवा सौ
लूम बांट चुकी
है। कुल 20,000 लूम
बांटा जाना है।
इसमें केन्द्र सरकार
80 फीसदी राशि सब्सिडी
के रुप में
देगी जबकि 20 फीसदी
राशि जरिए निर्यातक
बुनकर देगा। इस
मौके पर सीईपीसी
चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह, ईडी
संजय कुमार व
आईआईसीटी निदेशक आलोक कुमार
मौजूद थे।
एमडीए ग्रांट से संबंधित फाइल होगी आनलाइन
प्रमुख सचिव ने
कालीन उद्यमियों को
भारी राहत प्रदान
करते हुए मार्केट
डेवलपमेंट असिस्टेंट (एमडीए) को
जल्द ही आनलाइन
करने का भरोसा
दिलाया। निर्यातकों ने इस
संबंध में शिकायत
करते हुए बताया
कि प्रदेश सरकार
से मिलने वाले
उक्त ग्रांट के
लिए काफी कागजात
मांगे जाते हैं।
इस दौरान निर्यातकों
को भारी समस्या
का सामना करना
पड़ता है। इसे
गंभीरता से लेते
हुए प्रमुख सचिव
ने कहा कि
जल्द ही फाइल
आनलाइन की जाएगी
और भुगतान भी
आनलाइन किया जाएगा।
इसके अलावा हैंडमेड
व मशीन मेड
को अलग अलग
एसेसन कोर्ट करने
की मांग रखी
गई जिस पर
उन्होंने विचार करने को
कहा। जाब वर्क
पर लगे ई-वे बिल
की समस्या व
जीआई टैग के
प्रचार प्रसार पर भी
विचार किया गया।
मास्टर प्लान के तहत होगा भदोही का विकास
सूक्ष्म लघु एवं
मध्यम उद्यम एवं
निर्यात प्रोत्साहन विभाग के
प्रमुख सचिव डा.
नवनीत सहगल ने
रजपुरा स्थित बीडा सभागार
में विभागीय अधिकारियों
के साथ बैठक
कर भदोही औद्योगिक
विकास प्राधिकरण के
जरिए संचालित योजनाओं
के प्रगति की
समीक्षा की। कालीन
नगरी के विकास
के लिए मास्टर
प्लान बनाकर भेजने
का निर्देश दिया।
कहा कि औद्योगिक
नगरी का अपेक्षा
के अनुरूप विकास
होना चाहिए। इसके
लिए विभागीय स्तर
से किसी प्रकार
की समस्या नहीं
है। बीडा निर्मित
आवासीय कालोनियों व व्यवसायिक
काम्प्लेक्स में व्याप्त
समस्याओं के बारे
में चर्चा की।
कहा कि समस्याओं
का संज्ञान लेकर
इसका निराकरण सुनिश्चित
कराया जाए। इसके
अलावा जिन योजनाओं
पर कार्य चल
रहा है उसे
जल्द से जल्द
सम्पन्न कराया जाए। कहा
कि जिस हिसाब
से कालीन नगरी
का विकास होना
चाहिए था वह
नहीं हुआ। इसके
लिए मास्टर प्लान
तैयार करने की
जरूरत है। इस
मौके पर बीडा
अधिकारी कृतिका ज्योत्सना सहित
समस्त अधिकारी व
कर्मचारी उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment