Tuesday, 17 August 2021

अब अपनी पार्टी के बैनरतले वैश्य समाज चुनाव मैदान में उतरेगा

अब अपनी पार्टी के बैनरतले वैश्य समाज चुनाव मैदान में उतरेगा

हक के लिए वैश्य समाज, अति पिछड़ा शोषित समाज की राजनीतिक भागीदारी दिलाने के लिए अभियान आंदोलन 2022 की करेगा शुरुवात

यूपी के सौ से अधिक सीटों पर प्रत्याशी उतारेगा वैश्य समाज

हमारे पैसे से चुनाव लड़ते हैं फिर हमारी ही छाती पर मूंग दलते हैं

सुरेश गांधी

वाराणसी। वैश्य समाज अब अपना उत्पीड़न और शोषण सहन नहीं सहेगा। राजनीतिक पार्टियों को सबक सिखाने के लिए वैश्य समाज अब खुद अपनी पार्टी बनायेगी। अपनी ही पार्टी के बैनरतले प्रत्याशियों को मैदान में उतारा जायेगा। उनकी पार्टी देशभर के वैश्य के अलावा समाज के अति पिछड़ा शोषित समाज के लोगों को अपने साथ जोड़ेगी। इसके लिए शीघ्र ही यूपी सहित पूरे देश में वैश्य समाज, अति पिछड़ा शोषित समाज की राजनीतिक भागीदारी दिलाने के लिए अभियान आंदोलन 2022 की शुरुवात की जायेगी।

यह बाते मंगलवार को कैंट स्टेशन के समीप में होटल प्लाजा में महाराष्ट्र, उडीसा, कोलकाता सहित यूपी के कोने-कोने से आएं वैश्य समाज के लोगों की बैठक में समाज के विद्वानों ने कहीं। वक्ताओं ने कहा कि समाज की पीड़ा है कि सभी पार्टियां उनके चंदो एवं सहयोग से ही चुनाव लड़ती है लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनकी छाती पर मूंग दलने का काम करती है। वैश्य समाज के लोगों के मान सम्मान को भी ठेस पहुंचाया जा रहा है। राजनीतिक दलों में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के कारण उनकी उपेक्षा हो रही है। वक्ताओं ने कहा कि अब समाज का सम्मान तभी रहेगा बवह खुद एकजुट होकर अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएं और अपने लोगों को चुनाव मैदान में उतारे। यही नहीं समाज के लोगों को अपनी राजनीतिक भागीदारी भी बढ़ानी होगी। परिवार के कम से कम एक सदस्य को राजनीति में आना पड़ेगा। वैश्य समाज के उत्पीड़न और शोषण का मुख्य कारण हमारी राजनीतिक चेतना की कमी है। अब हमें अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन कर संगठन को ब्लॉक में गांव के स्तर तक ले जाना है। यह तभी संभव हो पायेगा जब समाज के लोगों को अधिक से अधिक संख्या में राजनीति की मुख्यधारा से जोड़ा जायेगा। इसके लिए निशुल्क सदस्यता अभियान चला जाएगा। बैठक में कई राजनीतिक सामाजिक प्रस्ताव पारित किए गए। साथ ही वैश्य बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों में वैश्य प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया गया।

वक्ताओं ने कहा कि समाज उनके लिए सर्वोपरि है। वैश्य समाज के हर सुख-दुख में वे समाज साथ हैं। समाज को ऊंचाइयों तक ले जाना ही मेरा कर्तव्य है। वैश्य समाज सरकार को टैक्स के रुप में पैसा भी देता है, लेकिन उसे राजनीतिक भागीदारी नहीं मिल पाती है। जिसके कारण वैश्य समाज आज अछूता है। वैश्य समाज अब जाग चुका है विधानसभा चुनाव-2022 में वह समाज की भागीदारी जब तक नहीं होगी तब तक वैश्य समाज शांत नहीं बैठेगा। इसके लिए वैश्य समाज, अति पिछड़ा शोषित समाज की राजनीतिक भागीदारी दिलाने के लिए अभियान आंदोलन 2022 के तहत जनजागरण यात्रा निकाली जाएगी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल वैश्य समाज को अकेला समझें। वैश्य समाज अब जाग चुका है। वह राजनीतिक भागीदारी चाहता है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल चुनाव आते ही वैश्य समाज को लुभाने में जुट जाते हैं। चुनाव लड़ने के नाम पर मोटा चंदा लेते हैं, लेकिन जब बात टिकट देने की आती है तो पीछे हट जाते हैं। अब यह सब नहीं चलेगा। वैश्य समाज जाग चुका है। वक्ताओं ने यूपी के पूर्व सीएम स्व. सीबी गुप्ता के कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा कि उस दौर में वैश्य समाज के विधायकों की संख्या सर्वाधिक थी, कई जिला परिषदों के अध्यक्ष भी वैश्य हुआ करते थे। अब ऐसा नहीं है। प्रदेश में तकरीबन 16 फीसदी की आबादी और सर्वाधिक राजस्व देने के बाद भी ये समाज 36 विभागों के इंस्पेक्टरों की तानाशाही झेल रहा है। कहीं सुनवाई नहीं हो रही है क्योंकि इसकी राजनीतिक भागीदारी कम हुई है।

वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश के लगभग 110 विधानसभा क्षेत्रों में वैश्य समुदाय की आबादी एक लाख से अधिक होने के बाद भी राजनीतिक दल उनको तरजीह नहीं दे रहे हैं। ऐसे में वैश्य समाज अपने हक की लड़ाई लड़ेगा और उचित महत्व हासिल करेगा। इस यात्रा के माध्यम से वैश्य समाज को सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप से और अधिक जागरूक और सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का संदेश दिया जायेगा। वक्ताओं ने वैश्य समाज के लोगों का आह्वान किया कि वे राजनीतिक रूप से और अधिक सक्रिय हों, ताकि सत्ता में उनकी भागीदारी को बढ़ाया जा सके और किसी भी स्तर पर उनका कोई शोषण कर पाए। बैठक में रामबिलास साहू, अरविन्द गाँधी, मोहन गुप्ता, होरिल गुप्त, रतिलाल गुप्ता, रमाकांत गुप्ता, अनिल गुप्ता, सतीश गाँधी, विनोद साहू, जितेंद्र गुप्ता, पारस नाथ जायसवाल, संजय सेठ, स्वामी कृपाशंकर, साहू देवकुमार राजू, आशीष साहू, राजेश परदेशी, राजेश गुप्ता, मनीष गुप्ता, संतोष गुप्ता, रामकृष्ण साहू, डॉ संतोष गुप्ता, डॉ नीरज गुप्ता, रोहित गुप्ता, नीरज गुप्ता, अजित गुप्ता आदि ने संबोधित किया। बैठक की अध्यक्षता डॉ शोभनाथ गुप्ता संचालन सतीश गाँधी ने किया।

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