कॉरिडोर के नाम पर काशी के मंदिरों को तोड़ा गया : सतीश चंद्र मिश्रा
सपा और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू : सतीश चंद्र मिश्रावोट लेने
के
बाद
कर
देते
हैं
ब्राह्मणों
को
दरकिनार
भाजपा चुन-चुन
कर
करा
रही
तेज-तर्रार
ब्राह्मण
युवाओं
की
हत्या
सुरेश गांधी
वाराणसी। राज्यसभा सांसद व बसपा के
राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने मंगलवार को
बाबा विश्वनाथ के दरबार में
हाजिरी लगाने के बाद परिवार
संग दर्शन-पूजन किया। इसके बाद पार्टी की ओर से
आयोजित प्रबुद्ध वर्ग के सम्मान सुरक्षा
और उनके विकास को लेकर कचहरी
के समीप स्थित रामाश्रय वाटिका में सभा को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने भाजपा व बसपा पर
जमकर राजनीतिक तीर चलाएं। कहा यूपी में ब्राह्मणों पर अत्याचार हो
रहा है। सैकड़ों की संख्या में
ब्राह्मण पीड़ित हैं। भाजपा सरकार तेज तर्रार ब्राह्मण युवाओं की चुन-चुन
कर हत्या करा रही है। जबकि सपा के कार्यकाल में
मुख्यमंत्री के इसारे ब्राह्मण
युवक की न सिर्फ
सिर कलम कर दिया गया,
बल्कि खुलेआम उत्पीड़न किया गया। उन्होंने कहा राजनीति के क्षेत्र में
सपा व भाजपा दोनों
एक ही सिक्के के
दो पहलू है। सत्ता मिलने के बाद दोनों
ब्राह्मणों को दरकिनार कर
देते हैं।
इसके पूर्व ब्राह्मण समाज की ओर से
उन्हें परशुराम का फावड़ा, एक
दिव्यांग युवक द्वारा चांदी की हाथी और
कार्यक्रम के संयोजक तथा
कपसेठी से विधानसभा चुनाव
लड़ चुके बसपा नेता महेन्द्र कुमार पांडेय काशी की स्मृति चिन्ह
सौंपकर 51 किलों के माला से
श्री मिश्र का स्वागत किया।
इस दौरान श्री मिश्रा ने कहा कि
कानपुर में एक कांड हो
गया तो सभी ब्राह्मण
इस सरकार के निशाने पर
आ गए। रायबरेली की घटना हो
या मिर्जापुर में तीन ब्राह्मण बच्चों की हत्या ने
समाज को झकझोर दिया
है। सरकार आज तक उस
आरोपी आईपीएस को गिरफ्तार नहीं
कर सकी। कानपुर विकास दुबे कांड को लेकर ही
देख लीजिए, एक दिन पहले
ससुराल आई खुशी दुबे
को जेल में डाल दिया गया। उसकी जमानत तक नहीं होने
दी जा रही है।
कानपुर के आसपास इलाकों
के 50 से अधिक ब्राह्मणों
पर जुल्म ढाया गया। महिलाएं मासूम बच्चों के साथ जेल
में बंद है, जो गुंडाराज और
माफिया राज समाजवादी पार्टी की सरकार में
दिखी थी, उसी नक्शेकदम पर भाजपा चल
रही है।
भाजपा पर धर्म के
नाम पर खिलवाड़ करने
का आरोप लगाते हुए कहा कि काशी के
धरोहरों व संस्कृति पर
हमला किया जा रहा है।
कॉरीडोर के नाम पर
काशी की ऐतिहासिक मंदिरों
को तोड़ा जा रहा है।
बाबा विश्वनाथ के नाम पर
बनी कमेटी व ट्रस्ट को
खत्म कर 90 करोड़ रुपये किस मद में खर्च
किया गया इसका कोई हिसाब नहीं है। विकास के नाम पर
चंद्रकार मां गंगा को घाटों से
दूर किया जा रहा है।
श्री मिश्रा ने ब्राह्मणों से
भाजपा सरकार को उखाड़ फेकने
का आह्वान करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश
में जब सिर्फ 5 ब्राम्हण
विधायक भी नहीं रह
गए थे, तब मैंने काशी
से ही भाईचारा कमेटी
बनाकर ब्राह्मणों को बसपा से
जोड़ने का प्रयास किया।
परिणाम सभी के सामने आया।
प्रदेश में बसपा की सरकार बनी,
ब्राह्मणों को सम्मान मिला।
15 विधायक मंत्री बने। विधान परिषद अध्यक्ष भी ब्राह्मण ही
बने। अब फिर से
आ गया वह वक्त, जब
दलित, अल्पसंख्यक व ब्राम्हण बनाएंगे
बहनजी की सरकार। वह
बसपा ही थी जिसमें
85 ब्राम्हण उम्मीदवारों को टिकट मिला
था। 45 ने जीत दर्ज
की थी। 15 एमएलसी, पांच सांसद सहित डीजीपी, मुख्य सचिव आदि पदों पर आसीन था
यह समाज। लेकिन अफसोस है आज ब्राह्मणों
का सम्मान तो दूर उनकी
हत्याएं की जा रही
है।
उन्होंने काशी के सोए ब्राह्मणों
में जोश भरते हुए कहा उन्हें अफसोस है कि कॉरिडोर
के नाम पर मंदिर तोड़े
जा रहे और समाज चुप
है। उनके आंखों के सामने सालों
पुराना आस्था का केंद्र वट
वृक्ष काट दिया गया। सरस्वती व गणेश मंदिर
तोड़ दिए गए। जिस शिव शंकर से मिलने के
लिए मां गंगा ने अपना मार्ग
बदला और काशी की
ओर रुख कर चंद्राकार आकार
लिया, उसे भी नष्ट किया
जा रहा है। वीआईपी कल्चर के लिए गंगा
के किनारों को पाटा जा
रहा है। मणिकर्णिका घाट के धार्मिक मान्यताओं
को खत्म किया जा रहा है।
यहां के लंका थाने
में प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग रखा गया है। उन्होंने कहा कि माना कि
पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात
नहीं हो सकती है
लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ व उनके साथ
आये जिम्मेदारों से सवाल क्यों
नहीं करते कि उनके मंदरों
को क्यों तोउ़ा जा रहा है।
काशी के हजारों साल
पुरानी सभ्यता क्यों बर्बाद की जा रही
है। यहां
के जनप्रतिनिधियों को क्यों नहीं
घेरते।
श्रीराम मंदिर के मुद्दे पर
भी श्री मिश्रा ने भाजपा को
घेरते हुए कहा कि भाजपा सरकार
ने पहले कानून नहीं लाया। जब कोर्ट ने
फैसला दिया तो श्रेय लेते
हुए भूमि पूजन करने चल दिये। पांच
ईंटें भी रख दी
लेकिन डेढ़ साल का दिन बीतने
को है और मंदिर
के नाम पर एक ईंट
भी नहीं रखी गई। भूमि पूजन के पांच ईंट
भी अब नहीं रखे।
किसी बक्से में बंद कर दिया या
फिर सरयू नदी में फेंक दिया। कहा, मंदिर निर्माण के नाम पर
वर्ष 1993 से धन संग्रह
कर रहे हैं। यह धन कहा
गया, पूछने पर भी नहीं
बताते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में
ब्राह्मणों की संख्या 16 प्रतिशत
और दलितों की 23 फीसदी है। दलित और ब्राह्मण संग
आ जाए तो लगभग 40 फीसदी
संख्या के साथ हम
प्रदेश में अपनी सरकार बनाने में सफल हो जाएंगे। सभा
में पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे, महेन्द्र कुमार पांडेय, सलीम खांन, अरुण कुमार द्विवेदी, पूर्व विधायक रामशिरोमणि शुक्ला, डा विजय प्रताप,
रामचंद्र गौतम, अजीत मिश्रा, प्रदीप मिश्रा, पप्पू पांडेय, विमल तिवारी, सुरेष मिश्रा, पवन चौबे, मंजूल पांडेय, विनोद दुबे आदि मौजूद थे।
पत्नी संग किया दर्शन-पूजन
सतीश
मिश्रा ने मंगलवार को
सुबह बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन
के बाद अन्नपूर्णा मंदिर सपरिवार पहुंचे। मंदिर पहुंच कर सतीश मिश्रा
ने माता अन्नपूर्णा का कुमकुम पूजन
किया तो साथ ही
विधिवत आराधना की। इस दौरान सतीश
चंद्र मिश्रा ने अन्नपूर्णा मठ
मन्दिर के नए महन्त
शंकर पुरी महाराज से मुलाकात करते
हुए महन्त बनाये जाने पर उन्हें बधाई
दी। इसके बाद बाबा कालभैरव वसंकट मोचन मंदिर में भी मत्था टेका।
काशी में दिव्यांगजनों की उपेक्षा
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव
व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि
प्रधानमंत्री सिर्फ संसद में बातें बड़ी-बड़ी करते हैं, जहां वास्तविक समस्या है उसे देखने
का काम नहीं हो पा रहा।
यह बहुत ही अफसोस और
निंदनीय हैं। उन्होंने हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय खुलवाने की मांग को
लेकर पिछले 12 दिनों से धरने पर
बैठे छात्रों से मुलाकात करने
के बाद कहा कि इस गंभीर
समस्या को लेकर प्रशासन
से बातें की जाएंगी। दृष्टिबाधित
छात्रों से हम लोगों
का 35 साल पुराना संबध हैं। छात्रों से मिलने के
पहले सतीश चंद्र मिश्रा ने दुर्गाकुंड स्थित
कुष्मांडा देवी मंदिर में दर्शन-पूजन किया।
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