Saturday, 16 March 2024

आचार संहिता लागू होते ही ’सर्वशक्तिमान’ हुआ प्रशासन!

आचार संहिता लागू होते हीसर्वशक्तिमानहुआ प्रशासन!

प्रचार वाले होर्डिंग्स और पोस्टर गिराए गए, उतरने लगे हूटर

जुलूस धरना-प्रदर्शन पर रोक, लेनी होगी अनुमति 

लाउडस्पीकर का प्रयोग रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक वर्जित रहेगा

अभियान चलाकर 72 घंटों में राजनीतिक पार्टियों के हटा दिए जाएंगे बैनर और पोस्टर

वाराणसी में कुल 19 लाख 62 हजार 6 सौ 99 मतदाता डालेंगे वोट

सुरेश गांधी

वाराणसी। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो गयी है. आचार संहिता लागू होते ही सरकारी तंत्र हरकत में गया है। शहर में पुलिस और प्रशासन की टीम ने शासकीय संपत्ति पर लगे राजनीतिक बैनर-पोस्टर हटाने का काम शुरु हो गया है। इसी प्रकार वाहनों पर लगाए गए हूटर, लाइट, नेम प्लेट को हटाने का अभियान भी तेज कर दिया गया है। देखा जाएं तो आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने कमर कस ली है। वहीं प्रत्याशियों की भागदौड़ और प्रचार भी अब पहरा लगना शुरू हो गया है।

आलाधिकारियों के निर्देश पर नगर पालिका कर्मचारी दल बल और साजोकृसामान के साथ सड़कों पर उतरे। इस दौरान कर्मचारियों ने सार्वजनिक स्थलों, सरकारी संपत्तियों और अन्य स्थानों पर लगी चुनाव प्रचार सामग्री को हटाया। इस दौरान प्रत्याशियों और पार्टियों के प्रचार से जुड़े बड़े बड़े बैनर और होर्डिंग्स पर भी प्रशासनिक पंजा चला। इसके अलावा आदर्श आचार संहिता लागू होने पर अब प्रत्याशियों के प्रचार पर भी पहरा बैठ गया है। चुनाव में धनबल और बाहुबल के इस्तेमाल को रोकने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च से लेकर प्रचार तक पर नजर रखेंगी। कहीं पर भी कोई खामियां मिलने पर फौरन प्रत्याशी पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

जिला निर्वाचन एवं जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने इससे संबंधित एडवाइजरी जारी कर दिया है. साथ ही सभी पार्टियों से अपील की है कि आदर्श आचार संहिता का हर हाल में पालन किया जाए। इसके तहत कोई भी व्यक्ति, राजनैतिक दल, संगठन, उम्मीदवार और अभ्यर्थी राजनीतिक प्रयोजन से संबंधित किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, धरना-प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं. इसके लिए सक्षम पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी. वहीं, लाउडस्पीकर का प्रयोग रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक वर्जित रहेगा. दावा है कि अगले 72 घंटे के अंदर राजनीति पार्टियों के बैनर-पोस्टर सभी चौक चौराहों और अन्य जगहों से हटा दिए जाएंगे.

इसके अलावा सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति पर नारा लिखना, पोस्टर पंपलेट्स चिपकाना, पार्टी विशेष का झंडा लगाना, सड़कों पर बैनर, होर्डिंग और तोरण द्वार लगाना प्रतिबंधित है. वहीं, चुनाव प्रक्रिया खत्म होने या 60 दिनों तक (जो भी पहले हो) धारा 144 लागू रहेगी. हालांकि शादी, बारात पार्टी, शवयात्रा, हाट बाजार, मरीजों को लेकर अस्पताल जा रहे लोगों, विद्यालय या महाविद्यालय जाने वाले विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारी पुलिस बल पर यह लागू नहीं होगी. इस बार वाराणसी में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान का लक्ष्य रखा गया है।

एक नजर संसदीय क्षेत्र पर

वाराणसी में कुल 8 विधानसभा सीट हैं। इनमें से पिंडरा विधानसभा क्षेत्र मछलीशहर तथा अजगरा शिवपुर विधानसभा क्षेत्र चंदौली लोकसभा में है। जबकि पांच विधानसभा क्षेत्र शहर उत्तरी, शहर दक्षिणी, कैंट, रोहनियां सेवापुरी वाराणसी लोकसभा सीट में हैं। यहां 1 जून को वोटिंग होगी। इस बार चुनाव सकुशल संपंन कराने के लिए 322 सेक्टर मजिस्ट्रेट 28 जोनल मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है। इसके अलावा 1224 मतदान केन्द्र 3042 बूथ बनायेंगे। कुल 19 लाख 62 हजार 699 मतदाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाग्य का फैसला करेंगे। जिले में पुरुष मतदाता 10 लाख 53 हजार 293 और महिला मतदाता आठ लाख 85 हजार 827 हैं। इसके अलावा ट्रांसजेंडर वोटर्स 135 हैं।

टीमें गठित

स्टैटिक सर्विलांस टीम और उड़न दस्ता को एक्टिवेट कर दिया गया है। इसके अलावा अन्य टीमों, जिसमें मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनीटरिंग टीमें शामिल हैं, उनका भी गठन कर दिया गया है।

कुछ पर प्रतिबंध कुछ होते रहेंगे

जहां एक तरफ आचार संहिता को लेकर लोगों में जानकारी की कमी का फायदा उठाकर सरकारी अधिकारी काम करने से इनकार कर देते हैं. वहीं, लोगों में भी ये गलत धारणा है कि आचार संहिता सिर्फ राजनीतिक दलों और नेताओं पर लागू होती है. अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो सावधान हो जाएं। राजनीतिक दल या नेता ही नहीं, अगर आम आदमी भी आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो उसे भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है. हालांकि, इस दौरान सभी सरकारी कामकाज बंद नहीं होते हैं. लिहाजा, अगर कोई सरकारी अधिकारी आपके काम को करने से इनकार कर देता है तो आपको पता होना चाहिए कि नियम क्या कहते हैं. बता दें कि आपकी जिंदगी से जुड़े जरूरी काम आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सूरत में बंद नहीं होंगे. पेंशन बनवाने, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र बनाने, बिजली-पानी, साफ-सफाई से जुड़े काम सुचारू तौर पर होते रहेंगे. इलाज के लिए आर्थिक सहयोग लेने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र रहेंगे. प्रशासन को सड़कों की मरम्मत का काम जारी रखना होगा. इसके अलावा किसी भी चालू परियोजना पर रोक नहीं लगेगी. आचार संहिता का बहाना बनाकर कोई अधिकारी आपके ये जरूरी काम नहीं टाल सकता है. अगर आपने मकान के नक्शे के लिए पहले ही आवेदन दे दिया है तो वो पास होगा. हालांकि, इसके लिए नए आवेदन नहीं लिए जाएंगे. कोई भी व्यक्ति या नेता सरकार की उपलब्धियों वाले विज्ञापन प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और दूसरे मीडिया में नहीं दे सकेगा. इस दौरान आम लोग भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने समय सावधानी बरतें. आपकी एक पोस्ट आपको जेल भेजने के लिए काफी है.

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