संविधान... निट...मोदी पर हमले के विपक्षी तीर?
एक
तरफ
एनडीए
के
पूर्ण
बहुमत
के
बाद
विपक्ष
अल्पमत
की
सरकार
बताने
में
अपनी
एनर्जी
खपा
रही
है,
तो
दुसरी
तरफ
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
- 3.0 की
शपथ
लेने
के
बाद
पहले
के
मुकाबले
तीन
गुनी
मेहनत
का
दावा
कर
रहे
है।
ऐसे
में
बड़ा
सवाल
तो
यही
है
संसद
में
अबकी
बार
नखरा
और
नारा
गूंजेगा
या
कामकाज
होगा?
दुसरा
बड़ा
सवाल
क्या
राहुल-अखिलेश
का
मोर्चा
संसद
में
होने
देगा
चर्चा?
फिरहाल,
18वीं
लोकसभा
का
पहला
संसदीय
सत्र
सोमवार
से
शुरू
चुका
है।
राष्ट्रपति
द्रौपदी
मुर्मू
ने
भाजपा
सांसद
भर्तृहरि
महताब
को
लोकसभा
के
प्रोटेम
स्पीकर
के
रूप
में
शपथ
दिलाई।
इसके
बाद
प्रोटेम
स्पीकर
भर्तहरि
महताब
ने
लोकसभा
के
नेता
और
सांसद
के
रूप
में
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
सहित
राजनाथ
सिंह,
अमित
शाह
व
जेपी
नड्डा
सहित
सभी
मंत्रियों
को
सदन
के
सदस्य
के
रूप
में
शपथ
दिलाई।
साथ
ही
बाकी
के
सांसदों
का
शपथ
दिलायी
जा
रही
है।
खास
यह
है
कि
जब
ये
संसद
सत्र
शुरू
हो
चुका
है
तो
इस
सत्र
में
कुछ
खास
शब्द
जो
बार-बार
सुनाई
देते
रहेंगे
और
पक्ष-विपक्ष
को
प्रभावित
करेंगे,
उनकी
भी
एक
खासलिस्ट
है.
इस
लिस्ट
में
पांच
प्रमुख
शब्द
हैं.
पहला
तो
संविधान,
दूसरा
निट,
तीसरा
आम
आदमी,
चौथा
भ्रष्टाचार
और
पांचवां
आपातकाल.
संसद
सत्र
इन
शब्दों
से
भरा-पूरा
रहेगा.
धर्मेंद्र
प्रधान
के
शपथ
के
समय
तो
विपक्ष
निट-निट
का
जाप
करता
दिख
ही
गया.
यह
मुद्दा
इस
बार
संसद
में
गूंजता
नजर
आएगा.
सुरेश गांधी
फिरहाल, 18वीं लोकसभा का
पहला संसदीय सत्र सोमवार से
शुरू चुका है। राष्ट्रपति
द्रौपदी मुर्मू ने भाजपा सांसद
भर्तृहरि महताब को लोकसभा के
प्रोटेम स्पीकर के रूप में
शपथ दिलाई। इसके बाद प्रोटेम
स्पीकर भर्तहरि महताब ने लोकसभा के
नेता और सांसद के
रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी सहित राजनाथ सिंह,
अमित शाह व जेपी
नड्डा सहित सभी मंत्रियों
को सदन के सदस्य
के रूप में शपथ
दिलाई। साथ ही बाकी
के सांसदों का शपथ दिलायी
जा रही है। लेकिन
जब धर्मेंद्र प्रधान शपथ लेने के
लिए पोर्डियम पर पहुंचे तो
विपक्ष ने नीट-नीट,
शेम-शेम का शोर
मचाया. इस दौरान अधिक
हो-हल्ला करने पर विपक्ष
को डांटना पड़ा. वहीं, जब
प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और
शिक्षा मंत्री शपथ ले रहे
थे तो संसद सत्र
के दौरान विपक्ष ने संविधान की
प्रतियां दिखाईं और एक बार
फिर संसद में चुनावी
माहौल जैसा आलम हो
गया. लोकसभा के बाहर कांग्रेस
सांसद राहुल गांधी ने कहा, ’प्रधानमंत्री
मोदी और अमित शाह
द्वारा संविधान पर हमला हमें
स्वीकार्य नहीं है और
हम ऐसा नहीं होने
देंगे, इसीलिए हमने शपथ लेते
समय संविधान को हाथ में
लिया. उन्होंने कहा, भारत के
संविधान को कोई ताकत
छू नही सकती।’
सपा के लिए आज भी सबकुछ संविधान ही था. सपा के भी सभी 37 सांसद संविधान की प्रति लेकर संसद पहुंचे थे और हर मौके पर यह प्रतियां उनके हाथ में दिखाई दे रही थीं. अखिलेश यादव ने कहा कि हम संविधान लेकर चल रहे हैं ताकि यह संदेश दिया जा सके कि संविधान को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता, जो सत्ताधारी दल करना चाह रहा है.मतलब साफ है संविधान, नीट और भ्रष्टाचार... वे शब्द जो संसद में बार-बार गूंजने वाले हैं। दरअसल, राहुल गांधी ने एक वीडियो संदेश में छात्रों से वादा किया है कि वह व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे और सरकार से जवाबदेही मांगेंगे. निट को स्थगित करने और निट को रद्द करने के खिलाफ सभी राज्यों में छात्र विरोध प्रदर्शनकर रहे हैं. डार्क वेब पर पेपर लीक की खबर ने छात्रों के गुस्से को और बढ़ा दिया है. उधर, विपक्ष के लिए यह अपने मतदाताओं को दिखाने का समय है कि वे भाजपा से पूरी ताकत से लड़ने वाले हैं।
इस बीच लोकसभा स्पीकर
का 26 जून को चुनाव
होना है. स्पीकर चुनाव
को लेकर सत्ताधारी भारतीय
जनता पार्टी (बीजेपी) की अपनी रणनीति
है तो वहीं विपक्ष
की अपनी शर्तें. विपक्ष
डिप्टी स्पीकर का पद चाह
रहा है और इस
स्थिति में ही सत्ताधारी
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नामित सदस्य
के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने की
बात कह रहा है.
विपक्ष का मानना है
कि पिछले एक दशक से
बीजेपी के बहुमत के
कारण ही संसद का
कामकाज ठप पड़ा है.
विपक्ष ने अपनी बड़ी
संख्या के साथ जोर-शोर के साथ
संसद में अपना प्रदर्शन
शुरू कर दिया है.
प्रधानमंत्री ने भी 50 साल
पहले इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल
के बारे में बो.कर विपक्ष खासकर
कांग्रेस पर हमला बोलना
शुरू किया. पीएम के संदेश
ने बीजेपी के लिए माहौल
तैयार कर दिया है
कि वह विपक्ष खासकर
कांग्रेस पर निशाना साधती
रहेगी. हालांकि कौन बनेगा नेता
प्रतिपक्ष? अभी जवाब का
इंतजार है।
खास यह है
कि संसद में राहुल,
अखिलेश जैसे सांसद अग्रिम
पंक्ति में बैठे दिख
रहे हैं और यही
लोग विपक्ष की ओर से
मोर्चा संभालेंगे। यह अलग बात
है कि विपक्ष के
नेता का पद अभी
भी खाली है. शीर्ष
दावेदार राहुल गांधी और गौरव गोगोई
हैं, यह देखना बाकी
है कि विपक्ष का
आधिकारिक चेहरा कौन होगा, लेकिनएक
बात बिल्कुल स्पष्ट है, विपक्ष पूरी
तरह से मैदान में
उतरेगा. विपक्ष के लिए उसके
सांसदों की संख्या ही
उसकी ऊर्जा है. यह भी
देखना बाकी है कि
अपनी बड़ी संख्या के
साथ विपक्ष संसद में क्या
रुख पलटता है. जहां एनडीए-
293 सीट के साथ मौजूद
है तो इंडिया अलायंस
के नंबर भी 233 हैं. राजनीति
में जो कहा जाता
है वह तो महत्वपूर्ण
है ही, लेकिन जो
नहीं कहा जाता कई
बार वह अधिक जरूरी
होता है. अवधेश प्रसाद
(फैजाबाद सांसद) को अग्रिम पंक्तिमें
रखकर अखिलेश ने भाजपा को
ऐसा ही संदेश दिया
है. दरअसल, अवधेश बीजेपी की वह ’अयोध्या’
हैं, जिसकी हार की फांस
भगवा पार्टी के लिए सबसे
बड़ी है और अखिलेश
यादव ऐसी तस्वीरों बनाकर
यही संदेश दे रहे थे.
किसके
कितने
नंबर
बीजेपी- 240
कांग्रेस- 98
एसपी-37
टीएमसी - 29
एलजेपी - 5
राहुल ने मोदी पर लगाया संविधान
पर हमला करने का आरोप
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष
राहुल गांधी ने सोमवार को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संविधान
पर हमला करने का
आरोप लगाया और दावा किया
कि वह मनोवैज्ञानिक रूप
से बैकफुट पर हैं तथा
अपनी सरकार बचाने में व्यस्त हैं.
राहुल गांधी ने अपने सोशल
मीडिया अकाउंट एक्स पर एक
पोस्ट डाला और केंद्र
सरकार के पहले 15 दिनों
के कार्यकाल का रिपोर्ट जारी
किया. राहुल ने केंद्र सरकार
पर जमकर निशाना साधा.
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट
में 15 दिनों में जो मुद्दे
सबसे अधिक छाये रहे
उसकी सूची जारी की.
जिसमें ट्रेन दुर्घटना, नीट, कश्मीर में
आतंकवादी हमले, दूध, दाल, गैस,
टोल और महंगे आग
से धधकते जंगल, जल संकट, हीट
वेव में इंतजाम न
होने से मौतें सहित
10 मुद्दों को गिनाया. उन्होंने
अपने पोस्ट में लिखा, नरेंद्र
मोदी जी और उनकी
सरकार का संविधान पर
आक्रमण हमारे लिए स्वीकार्य नहीं
है और ये हम
किसी हाल में होने
नहीं देंगे. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार
को चेताते हुए कहा, मजबूत
विपक्ष अपना दबाव जारी
रखेगा, लोगों की आवाज उठाएगा
और प्रधानमंत्री को बिना जवाबदेही
बच कर निकलने नहीं
देगा.
हाथों में संविधान की प्रतियां के साथ
विपक्ष का लोकसभा कक्ष तक मार्च
नई लोकसभा के
पहले सत्र के पहले
दिन ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं ने
हाथों में संविधान की
प्रतियां लेकर लोकसभा कक्ष
तक मार्च किया. यह पूछे जाने
पर कि क्या विपक्ष
का संदेश जनता तक पहुंच
रहा है, तो राहुल
गांधी ने कहा, हमारा
संदेश जनता तक पहुंच
रहा है और कोई
भी ताकत भारत के
संविधान का बाल भी
बांका नहीं कर सकती
और हम इसकी रक्षा
करेंगे.
आपातकाल पर जमकर बरसे पीएम मोदी
सत्र का पहला
दिन ही हंगामेदार रहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल
की बात छेड़ दी.
जिससे विपक्ष, खासकर कांग्रेस नाराज हो गई. पीएम
मोदी ने आपातकाल को
लोकतंत्र पर लगा ‘काला
धब्बा’ करार देते हुए
कहा कि इसकी 50वीं
बरसी के मौके पर
देशवासी यह संकल्प लें
कि भारत में फिर
कभी कोई ऐसा कदम
उठाने की हिम्मत नहीं
करेगा. पीएम के इसी
बयान पर भारी हंगामा
हुआ और कांग्रेस अध्यक्ष
मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार
किया. कहा पिछले 10 वर्षों
के उस अघोषित आपातकाल
को भूल गए जिसका
जनता ने इस लोकसभा
चुनाव में अंत कर
दिया है.
राहुल गांधी की वीडियो वायरल
दरअसल, पीएम मोदी आज
जब सदन में सांसद
के तौर पर शपथ
ग्रहण कर रहे थे।
उसी दौरान राहुल गांधी के साथ विपक्ष
के कई सांसदों ने
संविधान की प्रति दिखाई।
सदन में कांग्रेस सांसद
के पास समाजवादी पार्टी
प्रमुख और कन्नौज सांसद
अखिलेश यादव और उत्तर
प्रदेश की फैजाबाद सीट
से विजयी हुए अवधेश पासी
भी बैठे थे।
जेपी नड्डा राज्यसभा में बनाए गए सदन के नेता
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा को
बीजेपी ने बड़ी जिम्मेदारी
दी है. मोदी 3.0 में
उन्हें राज्यसभा में सदन का
नेता नियुक्त किया गया है.
वह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की जगह
लेंगे, जो मोदी 2.0 में
सदन के नेता थे.
जेपी नड्डा गुजरातसे राज्यसभा सांसद हैं. इस महीने
की शुरुआत में, नड्डा ने
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का पदभार संभाला
था. उन्हें रसायन और उर्वरक मंत्रालय
भी सौंपा गया था. मंत्रियों
के शपथग्रहण के बाद से
ही ऐसी अटकलें थीं
कि जेपी नड्डा बीजेपी
का राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़
देंगे, जब उन्होंने 2020 में
मौजूदा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की
जगह ली थी. हालांकि,
इसपर पार्टी की तरफ से
कोई बयान सामने नहीं
आया है और ऐसा
लगता है कि वह
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
पद पर भी बने
रहेंगे. पार्टी कानूनों के मुताबिक, सभी
राज्यों के 50 फीसदी में संगठन चुनाव
पूरा होने के बाद
ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया
जाता है, जो लगभग
छह मह.हीने तक
चलने की संभावना है.
सदन में दिखी विविधता में एकता
पहले सत्र की
शुरुआत होते ही सदन
में भाषाई विविधिता देखने को मिली। दरअसल
नवनिर्वाचित सांसदों ने संस्कृत, हिंदी,
डोगरी, बंगाली, असमिया और उड़िया और
अंग्रेजी भाषाओं में शपथ ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जय
श्री राम’ के नारों
के बीच हिंदी में
शपथ ली। इसके अलावा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित
शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन एवं
राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, महिला एवं बाल विकास
मंत्री अन्नपूर्णा देवी, दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शहरी विकास
मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने
हिंदी भाषा में शपथ
ली। ओडिशा के संभलपुर से
सांसद और केंद्रीय शिक्षा
मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उड़िया भाषा
में शपथ ली। जबकि
केरल के भाजपा सांसद
सुरेश गोपी ने मलयालम
में शपथ लेने से
पहले उन्होंने भगवान को याद करते
हुए ‘कृष्णा गुरुवायुरप्पा’ कहा।
विपक्ष को मोदी का संदेश
पीएम मोदी ने
विपक्ष पर निशाना साधते
हुए कहा कि लोगों
को विपक्ष से अच्छे कदमों
की उम्मीद है, लेकिन अब
तक यह निराशाजनक रहा
है। उम्मीद है कि वह
अपनी भूमिका निभाएगा और लोकतंत्र की
मर्यादा बनाए रखेगा। उन्होंने
कहा कि भारत को
एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है
और लोग नारे नहीं,
बल्कि सार्थकता चाहते हैं। विपक्ष पर
कटाक्ष करते हुए उन्होंने
कहा कि वे संसद
में चर्चा और परिश्रम चाहते
हैं, व्यवधान नहीं।
सत्र तीन जुलाई तक प्रस्तावित
18वीं लोकसभा का
पहला सत्र सोमवार से
शुरू हो गया। बुधवार
को नए लोकसभा अध्यक्ष
का चुनाव होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को संसद के
दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
को संबोधित करेंगी। राज्यसभा का सत्र गुरुवार
से शुरू होगा। संसद
का यह सत्र तीन
जुलाई तक प्रस्तावित है।
सरकार चलाने के लिए बहुमत, जबकि देश चलाने
के लिए सहमति की जरूरत : पीएम मोदी
अपने लगातार तीसरे
कार्यकाल में संसद में
शपथ लेने से पहले
पीएम मोदी ने मीडिया
को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने
बताया कि आने वाले
समय में उनकी सरकार
की प्राथमिकताएं क्या होंगी। उन्होंने
कहा कि इस संसद
में युवा सांसदों की
संख्या अच्छी है। इसके साथ
ही उन्होंने कहा कि सरकार
चलाने के लिए बहुमत
की जरूरत होती है, जबकि
देश चलाने के लिए सहमति
की जरूरत होती है। उन्होंने
कहा कि उनकी सरकार
कोशिश करेगी कि सभी की
सहमति से फैसले लिए
जाएं और देश हित
में काम हो। उन्होंने
देश की जनता से
वादा किया कि तीसरे
कार्यकाल में उनकी सरकार
तीन गुना ज्यादा मेहनत
करेगी और तीन गुना
नतीजे लाकर रहेगी।
मोदी की प्रमुख बातें
दुनिया का सबसे बड़ा
चुनाव बहुत ही भव्य
और गौरवशाली तरीके से संपन्न हुआ।
ये चुनाव इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण
हो गया, क्योंकि आजादी
के बाद दूसरी बार
देश की जनता ने
किसी सरकार को लगातार तीसरी
बार सेवा करने का
मौका दिया।
बीते 10 वर्षों में हमने हमेशा
एक परंपरा को निभाने का
प्रयास किया है, क्योंकि
हमारा मानना है कि सरकार
चलाने के लिए बहुमत
की जरूरत होती है, लेकिन
देश चलाने के लिए सर्वसम्मति
सबसे जरूरी होती है। इसलिए
हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि मां भारती
की सेवा की जाए
और 140 करोड़ लोगों की
आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को
सबकी सहमति से, सबको साथ
लेकर पूरा किया जाए।
हम संविधान की मर्यादा को
बनाए रखते हुए, सबको
साथ लेकर आगे बढ़ना
चाहते हैं और फैसले
लेने की गति बढ़ाना
चाहते हैं।
कल 25 जून है। 25 जून
को भारत के लोकतंत्र
पर लगे उस कलंक
को 50 साल हो रहे
हैं। भारत की नई
पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी
कि भारत के संविधान
को पूरी तरह से
नकार दिया गया था।
संविधान के हर हिस्से
की धज्जियां उड़ा दी गई
थीं, देश को जेलखाना
बना दिया गया था।
लोकतंत्र को पूरी तरह
से दबा दिया गया
था।
अपने संविधान की
रक्षा करते हुए, भारत
के लोकतंत्र की, लोकतांत्रिक परंपराओं
की रक्षा करते हुए, देशवासी
संकल्प लेंगे कि भारत में
दोबारा कोई ऐसा करने
की हिम्मत न कर सके
जो 50 साल पहले किया
गया था। हम एक
जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे।
हम भारत के संविधान
के निर्देशों के अनुसार सामान्य
मानवी के सपनों को
पूरा करने का संकल्प
लेंगे।
देश की जनता
विपक्ष से अच्छे कदमों
की अपेक्षा रखती है। मुझे
उम्मीद है कि विपक्ष
लोकतंत्र की गरिमा को
बनाए रखने के लिए
देश के आम नागरिकों
की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा।
जनता को ड्रामा, उपद्रव
नहीं चाहिए। जनता को नारे
नहीं, सार्थकता चाहिए। देश को एक
अच्छा विपक्ष चाहिए, एक जिम्मेदार विपक्ष
चाहिए और मुझे पूरा
विश्वास है कि इस
18वीं लोकसभा में जीतकर आए
सांसद आम आदमी की
इन अपेक्षाओं को पूरा करने
का प्रयास करेंगे।
देश की जनता
ने हमें तीसरी बार
अवसर दिया है। ये
बहुत बड़ी जीत है,
भव्य जीत है। हमारी
जिम्मेदारी तीन गुना बढ़
गई है। इसलिए मैं
देशवासियों को भरोसा देता
हूं कि अपने तीसरे
कार्यकाल में हम तीन
गुना मेहनत करेंगे और तीन गुना
परिणाम प्राप्त करेंगे।
अगर हमारे देश
के नागरिकों ने लगातार तीसरी
बार किसी सरकार पर
भरोसा किया है, तो
इसका मतलब है कि
उन्होंने सरकार की नीतियों और
नीयत पर मुहर लगाई
है। मैं आप सभी
के समर्थन और भरोसे के
लिए आभारी हूं। सरकार चलाने
के लिए बहुमत जरूरी
है, लेकिन देश चलाने के
लिए आम सहमति जरूरी
है।
संसद का ये
गठन भारत के सामान्य
मानवी के संकल्पों की
पूर्ति का है। नए
उमंग नए उत्साह के
साथ नई गति प्राप्त
करने के लिए ये
अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। श्रेष्ठ
भारत के निर्माण और
विकसित भारत का लक्ष्य
ये सारे सपने लेकर
आज 18वीं लोकसभा का
प्रारंभ हो रहा है।
विश्व का सबसे बड़ा
चुनाव बहुत ही शानदार
तरीके से, बहुत ही
गौरवमय तरीके से संपन्न होना,
ये हर भारतीय के
लिए गर्व की बात
है। करीब 65 करोड़ से अधिक
मतदाताओं ने मतदान में
हिस्सा लिया।
संसदीय लोकतंत्र में आज का
दिन गौरव मय है,
यह वैभव का दिन
है। आजादी के बाद पहली
बार हमारे अपने नए संसद
में यह शपथ हो
रहा है, अब तक
ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती
थी। आज के इस
महत्वपूर्ण दिन पर मैं
सभी नव निर्वाचित सांसदों
का स्वागत करता हूं सबका
अभिनंदन करता हूं और
सबको शुभकामनाएं देता हूं।
देश की 18वीं
लोकसभा कई मायनों में
खास है। देश में
18 वर्ष की उम्र में
ही लोगों को मतदान करने
का अधिकार मिलता है। देश में
वेदों और उपनिषद की
संख्या भी 18 ही है। इसका
भारतीय संस्कृति में बेहद अहम
योगदान है।
No comments:
Post a Comment