Tuesday, 16 July 2024

स्कूल के 100 मीटर के दायरे में न हो नशे की दुकान : डॉ देवेन्द्र शर्मा

उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक

स्कूल के 100 मीटर के दायरे में हो नशे की दुकान : डॉ देवेन्द्र शर्मा

नशा, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षाटन, बाल यौन शोषण जैसी कुप्रथाओं को हर हाल में खत्म कराने के लिए प्रशासनिक अफसरों 
का आह्वान

2025 तक हर हाल बाल विवाह खत्म करने का लक्ष्य : अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग

सुरेश गांधी 

वाराणसी। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ देवेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में वाराणसी मंडल की समीक्षा बैठक सर्किट हाउस में आयोजित की गयी। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष ने अफसरो को सख्त निर्देश दिया है कि स्कूल के 100 मीटर के दायरे में नशे की दुकान कदापि नहीं होनी चाहिए। नशा, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षाटन, बाल यौन शोषण जैसी कुप्रथाओं को हर हाल में खत्म कराने के लिए प्रशासनिक अफसरों स्वयंसेवी संगठनों को आगे आना होगा। इसके अलावा 2025 तक हर हाल बाल विवाह खत्म करने के लिए आयोग ने लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को पूरा करने की जिम्मेदारी अफसरों सहित हम सभी की है।

आयोग अध्यक्ष शर्मा ने सभी से बच्चों के मुद्दे पर सम्वेदनशील होने की अपेक्षा करते हुए कहा कि समाज में फैली कुप्रथाओं, नशा, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षाटन, बाल यौन शोषण जैसे मुद्दों पर लगातार कार्य करने की जरूरत है। पूर्व में जारी गाइड लाइन के अनुसार विद्यालय के 100 मीटर के दायरे में पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा आदि की कोई दुकानें नहीं होनी चाहिए। इस दिशा में सख्ती से कार्यवाही की जाय। उन्होंने नशे से मुक्त रखने के लिए तत्काल प्रहरी क्लब की स्थापना कर पूर्व में इसके लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया।

डा. शर्मा ने बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। पूर्व में जारी गाइड लाइन के अनुसार सार्थक प्रयास कर बाल विवाह को हर हालत में समाज से खत्म किया जाय। उन्होंने जिला, ब्लॉक, ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समिति की नियमित बैठकें कराये जाने के निर्देश दिये। इसके अलावा बच्चों को साइबर क्राइम तथा मोबाइल की लत से दूर रखने हेतु कार्यशाला आयोजित करने को निर्देशित दिया। उन्होंने कहा कि इस बार दीपावली पर पोस्टर के माध्यम से हमारा संकल्प होगाएक युद्ध नशे के विरुद्धदेश को नशामुक्त बनाना है। उन्होंने मन्दिर-मठों के पास तिलक लगाने वाले बच्चों को चेक करते हुए उनको शिक्षा की तरफ मोड़ने तथा उनके बारे में भी व्यक्तिगत जानकारियां हासिल की करने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि 21 वर्ष से कम आयुवर्ग वालों को शराब विक्रय करने दिया जाये। बाल तस्करी पर हर हाल में रोक लगाने का लगातार प्रयास किये जाने की जरुरत है। औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों को नशे की लत से दूर रखने के लिए सभी मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को एच-1 मॉडल की दवाइयां किसी भी दशा में नहीं दी जायेगी तथा सभी मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी भी लगवाया जाये। बैठक में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अशोक यादव, मुख्य विकास अधिकारी वाराणसी हिमांशु नागपाल, मुख्य विकास अधिकारी चंदौली, जौनपुर, समाज कल्याण, श्रम, शिक्षा, जिला बाल संरक्षण इकाई, अल्पसंख्यक कल्याण, दिव्यांगजन कल्याण, आबकारी, पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे तथा उनके द्वारा बाल संरक्षण से जुडे कार्यों की समीक्षा की गई। 

छेड़खानी से पीड़ित बच्चियों के अभिभावकों का उत्पीड़न करने वाले अफसर होंगे दंडितडा. देवेंद्र शर्मा 

कहा, लंका एवं चोलापुर की घटना को सरकार एवं आयोग लेगी संज्ञान, जांच में दोषी पाएं गए तो होगी कार्रवाई

निराश्रित बच्चों का संरक्षण हम सभी की नैतिक जिम्मेवारी

सुरेश गांधी

वाराणसी। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा. देवेन्द्र शर्मा ने कहा है कि छेड़खानी से पीड़ित बच्चियों के अभिभावकों का उत्पीड़न करने वाले अफसरों को दंडित किया जायेगा। खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लंका एवं चोलापुर में बच्चियों के साथ हुई छेड़खानी की घटना को सरकार एवं आयोग ने गंभीरता से लिया है। इन दोनों मामलों की विभागीय जांच करायी जायेगी। अगर इसमें चोलापुर एवं लंका पुलिस ने जांच के दौरान पीड़ित बच्चियों के अभिभावकों के साथ दुर्व्यवहार किया होगा और जांच में दोषी पाएं गए तो सख्त कार्रवाई होगी।

श्री शर्मा पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बच्चों एवं महिलाओं के भविष्य के प्रति काफी संवेदनशील हैं। कोरोना संक्रमण काल से प्रभावित बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का संचालन के तहत जनपद में बच्चों के लालन-पालन के लिए 4000 प्रति माह अभिभावकों के खाते में भेजे जा रहे हैं। कन्या सुमंगला योजना में बेटियों को 25000 की धनराशि का लाभ दिया जा रहा है। अप्रिय दुर्घटना से प्रभावित बच्चियों को रानी लक्ष्मीबाई योजना का लाभ दिया गया है।

उन्होंने कहा कि बच्चे देश की आत्मा हैं, इसलिए इन्हें नशे से मुक्त रखने के जिम्मेदारी हम सभी की है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जनपद, ब्लाक, वार्ड, ग्राम स्तर पर बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियां यदि अब तक नहीं बनाई गयी हैं तो तत्काल बना लिया जाये। उन्होंने उप निदेशक, महिला कल्याण को गठित समितियों के सम्बन्ध में 15 दिन के अन्दर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया। उन्होंने औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों को नशे की लत से दूर रखने के लिए सभी मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाय कि बच्चों को एच-1 मॉडल की दवाइयॉं किसी भी दशा में नहीं दी जायेगी तथा सभी मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी भी लगवाया जाय।  उन्होंने कहा कि नशामुक्त स्वस्थ समाज की संरचना के लिए समाज के हर तबके को जागरुक जरूरी है। उन्होंने कहा कि नशा छोटे-छोटे बच्चों के चेहरे की मुस्कान को समाप्त कर रहा है। जाने अनजाने में किया जा रहा नशा बच्चों का भविष्य खराब करने के साथ ही आगे चलकर क्राइम को भी बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है। हम सभी को चाहिए कि टीम भावना के साथ कार्य करते हुए नशे के कारोबार का समूल खात्मा कराएं।


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