प्रकृति एवं संस्कृति के साथ जीते हैं, सिक्किम के लोग : लक्ष्मण आचार्य
सिक्किम - काशी सांस्कृतिक एकता का प्रतीकत्रिदिवसीय शिवमंदिर
पुनर्नवीकरण
एवं
सुंदरीकरण
का
हुआ
अनुष्ठान
’संस्कृत भाषा का
विकास’
पर
एक
दिवसीय
व्याख्यान
का
आयोजन
काशी के
विद्वानों
ने
दिया
व्याख्यान,
राज्यपाल
ने
विद्वतजनों
को
किया
सम्मानित
सुरेश गांधी
वाराणसी। सिक्किम के लोग प्रकृति एवं संस्कृति के साथ जीते हैं। जब भारत पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित होगा, सिक्किम इसका नेतृत्व करेगा। सिक्किम में नारियों का सम्मान है, अपराध न के बराबर है और पर्यावरण के प्रति राज्य की सक्रियता देखी व सुनी जा सकती है। यह बाते सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने कही। वे राजभवन सिक्किम में आयोजित तीन दिवसीय शिवमंदिर पुनर्नवीकरण एवं सुंदरीकरण अनुष्ठान तथा ’संस्कृत भाषा का विकास’ पर एक दिवसीय व्याख्यान के समापन मौके पर अतिथियों को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने अपने प्रेरणादायक शब्दों से सभी को मार्गदर्शन दिया और संस्कृत भाषा की समृद्धि और उसके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने संस्कृत भाषा को हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए संस्कृत भाषा के विकास एवं संवर्धन के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।पर भी प्रकाश डालते हुए प्रसन्नता व्यक्त की।
इस अवसर
पर काशी विश्वनाथ न्यास के
अध्यक्ष, नागेंद्र पाण्डेय, ने संस्कृत भाषा
के विकास पर ज्ञानवर्धक और
प्रेरणादायक व्याख्यान दिया, जिसने उपस्थित सभी को लाभान्वित
किया। साथ ही सिक्किम
को देव भूमि बताया
है। इसी कड़ी में
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, धर्म शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो.
माधव जनार्दन राटाटे, वेद विभाग के
विभागाध्यक्ष प्रो. पतंजलि मिश्र, व्याकरण विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष
भगवती सरण शुक्ल ने
संस्कृत भाषा की महत्ता,
उसकी ऐतिहासिकता और आधुनिक संदर्भ
में प्रसंगगिकता पर प्रकाश डाला।
आज के समापन कार्यक्रम में बनारस एवं सिक्किम चार धाम मंदिर से पधारे सभी सम्मानित अतिथियों को राज्यपाल महोदय द्वारा शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया जिनमें काशी विश्वनाथ न्यास के अध्यक्ष नागेंद्र पाण्डेय,काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, धर्म शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. माधव जनार्दन राटाटे, वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पतंजलि मिश्र, व्याकरण विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष श्री भगवती सरण शुक्ल,वेद विभाग के आचार्य प्रो. नारायण भट्टराई, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के डॉ मणि कुमार झा ,पंडित अनुपम दीक्षित, दिव्यांग बंधु डॉ उत्तम ओझा, प्रमुख आर्किटेक्ट आर सी जैन एवं सिक्किम के चार धाम के पंडित छबिलाल अधिकारी, प. निर्मल गौतम, प. पदम् प्रसाद पोखरेल, प. गंगाराम सापकोटा रहे।
इस मौके
पर सिक्किम विधानसभा अध्यक्ष एम्एन शेर्पा, शिक्षा मंत्री राजू बस्नेत, धर्म
एवं सिंचाई विभाग के मंत्री सोनम
लामा, गंगटोक क्षेत्र विधायक डिले नामग्याल बर्फूंगपा,
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय न्यास के अध्यक्ष नागेंद्र
पाण्डेय, बनारस से पधारे अन्य
गणमान्य विद्वानों, सामदोंग संस्कृत महाविद्यालय, कंचनजंगा राज्य विश्वविद्यालय चिनारी संस्था, नाम्ची चार धाम समिति,
शिक्षा विभाग के अधिकारी विभिन्न
विद्यालयों के संस्कृत शिक्षकगण
एवं अतिथितियों ने भारी संख्या
में भाग लिया।
No comments:
Post a Comment