सम्मानित किए गए आर्थोपेडिक डॉ केपी जायसवाल सहित कई चिकित्सक
14वें अंतरराष्ट्रीय ऑर्थोपेडिक
कॉन्फ्रेंस आईकोर अयोराकॉ. 2024 का सफल आयोजन
जोड़ों के
विभिन्न
प्रकार
के
समस्याओं,
गठिया
रोग
के
इलाज
एवं
ऑपरेशन
तथा
आधुनिक
तरीकों
से
इलाज
के
बारे
में
देश
एवं
विदेश
से
आएं
विशेषज्ञ
चिकित्सकों
ने
विस्तार
से
जानकारी
दी
सुरेश गांधी
वाराणसी। वाराणसी ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के तत्वावधान में
सोमवार को कचहरी स्थित
एक होटल में दो
दिवसीय 14वें अंतरराष्ट्रीय ऑर्थोपेडिक
कॉन्फ्रेंस आईकोर अयोराकॉ- 2024 का सफल आयोजन
किया। समापन सत्र में जोड़ों
के विभिन्न प्रकार के समस्याओं, गठिया
रोग के इलाज एवं
ऑपरेशन तथा आधुनिक तरीकों
से इलाज के बारे
में देश एवं विदेश
से आएं विशेषज्ञ चिकित्सकों
ने विस्तार से अपनी बातें
रखी। इस दौरान डाक्टर
केपी जायसवाल सहित बीएचयू व
अन्य क्षेत्रों के कई आर्थोपेडिक्स
विशेषज्ञों को सम्मानित भी
किया गया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर
गौतम चक्रवर्ती, डॉक्टर अजीत सहगल एवं
संगठन अध्यक्ष डॉक्टर केपी जायसवाल ने
बताया कि इस सम्मेलन
में मुख्य जोडो के विविध
प्रकार के मामले एवं
गठिया रोग के इलाज
में नए-नए अंतरराष्ट्रीय
शोध और विविध प्रकार
के ऑपरेशन के बारे में
व्याख्यान दिया गया। समेनिर
में देश विदेश के
30 से अधिक चिकित्सकों ने
अपनी बाते रखी। यूएसए
से आएं डॉक्टर साईराम
अलतुरी, बांग्लादेश से आएं डॉक्टर
दिवाकर सरकार, दुबई से आएं
डॉक्टर ईशम मर्दानी हड्डी
रोग के बारे में
विस्तार से अपना अनुभव
साझा किया। यूके के डॉ.
जितेंद्र मंगवानी व स्कॉटलैंड से
डॉ. आशीष ने वीडियो
कांफ्रेसिंग के जरिए लोगों
को हड्डी रोग व अंतरराष्ट्रीय
पद्धतियों के बारे में
जानकारी दी।
समारोह के मुख्य अतिथि एवं इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर राम चड्ढा ने ऑस्टियोपोरोसिस और कैल्शियम की कमी से होने वाले बीमारियों एवं उसके इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इंडियन रुमेटोलॉजी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर एस चन्द्रशेखर ने गठिया के बारे में विभिन्न दवाईयों एवं उनके सुप्रैनन और दुष्परिणाम के बारे में जानकारी दी।
कांफ्रेंस में इंडियन ऑर्थोपेडिक रुमेटोलॉजी एसोसिएशन के संस्थापक डॉ. एस.एस. झा, संस्थापक सलाहकार डॉक्टर मनीष खन्ना, पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर शांतनु लाहौर, डॉ. राजेश गुप्ता, डॉ. चिन्मय दास डॉक्टर और इंडियन ऑर्थोपेडिक रुमेटोलॉजी एसोसिएशन के भविष्य के योजना के बारे में और अस्थि रोग विषेशज्ञ को विभिन्न प्रकार के जोड़ों के निदान के बारे में अपने विचार रखें। पुणे से आए डॉक्टर पंकज जिंदल ने घठिया से होने वाले विकृतियां विशेष कर हाथ के ऑपरेशन के बारे में अपने में अपने विचार रखे। वाराणसी से डॉक्टर एससी गोयल ने बढ़ती उम्र के दौरान होने वाले गठिया के इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ अजीत सहगल ने घुटने के प्रत्यारोपण से बचाव के बारे में जानकारी दी।
कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉक्टर केपी जायसवाल ने सभी लोगों को धन्यवाद दिया और आज के बदलते परिवेश एवं भागदौड़ की जिंदगी में होने वाले तनाव से बचने की सलाह दी। साथ ही भविष्य में इस तरह के सम्मेलन वाराणसी में होते रहे की कामना की। एक अन्य खबरों के अनुसार बीएचयू चिकित्सा संस्थान के डॉक्टरों को पुरस्कार और मान्यता प्राप्त की। बीएचयू के ऑर्थोपेडिक्स विभाग के जेआर 3 डॉ. पुनीत मोहंती को ऑर्थोपेडिक्स में एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के स्पेक्ट्रम पर सर्वश्रेष्ठ पेपर व पोस्टर प्रस्तुति के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. अमृत अग्रवाल को आईएमएस, बीएचयू के ऑर्थोपेडिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजय यादव के कुशल मार्गदर्शन में रुमेटॉइड आर्थराइटिस में द्विपक्षीय हिप रिप्लेसमेंट पर उनकी प्रस्तुति के लिए दूसरा पुरस्कार मिला।
विभाग ने ऑर्थोरुमेटोलॉजी के
क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट
योगदान के लिए संस्थान
को गौरवान्वित किया है। डॉ.
संजय ने कहा, “हम
मरीजों की देखभाल में
सुधार लाने और ऑर्थोर्यूमेटिक
स्थितियों की समझ को
आगे बढ़ाने के लिए अपने
प्रयासों को जारी रखने
के लिए प्रतिबद्ध हैं।“
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बीएचयू के
डॉक्टरों को मान्यता मिलने
से चिकित्सा शिक्षा में उत्कृष्टता के
केंद्र के रूप में
विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और
मजबूत हुई है, जो
देश भर और दुनिया
भर से प्रतिभाशाली छात्रों
और शिक्षकों को आकर्षित करता
है।
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