Monday, 12 August 2024

सावन के चौथे सोमवार पर बाबा विश्वनाथ धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब 3,29,107 श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक

सावन के चौथे सोमवार पर बाबा विश्वनाथ धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब 3,29,107 श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक  

जगह-जगह हुआ भंडारे का आयोजन, हर तरफ बोल बम की गूंज

श्री काशी विश्वनाथ का रुद्राक्ष शृंगार किया गया

शृंगार के बाद बाबा के रुद्राक्ष को शिवभक्तों में वितरित किया जा रहा

किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चप्पे चप्पे पर तैनात रहे जवान

सुरेश गांधी

वाराणसी। धर्म एवं आस्था की नगरी काशी में सावन के चौथे सोमवार को भगवान शिव के प्रति आस्था और भक्ति का अपूर्व दृश्य देखने को मिला। शहर से लेकर देहात तक के विभिन्न शिव मंदिरों में भक्तों का रेला उमड़ पड़ा और जलाभिषेक के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। मंदिरों के चारों ओरबोल बमहर हर महादेव के जयकारें लगते रहे। 

बाबा विश्वनाथ धाम में दोपहर 3 बजे तक 2 लाख 143 व सायंकाल 6 बजे तक 2 लाख 48 हजार 167 और रात 10 बजे 3 लाख 7 हजार 823 से अधिक भक्त बाबा का जलाभिषेक कर चुके थे। जबकि कपाट बंद होने तक रात 11 बजे यह संख्या 3,29,107 पहुंच गयी।  जबकि कपाट बंद होने तक रात 11 बजे यह संख्या 3,29,107 पहुंच गयी। मंदिर के बाहर भक्तों कांवड़ियों की लंबी लाइन लगी हुई है। 
आज
श्री काशी विश्वनाथ का रुद्राक्ष शृंगार किया गया। शृंगार के बाद बाबा के रुद्राक्ष को शिवभक्तों में वितरित किया जा रहा है। मंदिर प्रशासन की ओर से शिवभक्तों का रेड कार्पेट पर फूल बरसाकर स्वागत किया गया।

सुबह मंगला आरती से बाबा का कपाट आम भक्तों के लिए खोल दिया गया। इस बीच भक्त लाइन में लगकर बाबा का दर्शन करते रहे। बोल बम हर हर महादेव के नारों से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा। जलाभिषेक करने के लिए भक्त रविवार रात से ही भक्त पहुंचने लगे थे। पूर्वांचल समेत अन्य स्थानों से पहुंचे शिव भक्त और कांवड़ियों ने रात से ही लाइन लगानी शुरू कर दी। भोर तक हजारों की तादाद में भक्त कतारबद्ध हो गए। भोर में मंदिर के कपाट खुलते ही हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ दर्शन का क्रम शुरू हो गया। 
भीड़
को देखते हुए झांकी दर्शन की व्यवस्था की गई है। स्पर्श दर्शन और वीआईपी प्रोटोकाल, पास आदि को निरस्त कर दिया गया है। पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा स्वरूप, दूसरे सोमवार को गौरी शंकर (शंकर-पार्वती) स्वरूप, तीसरे सोमवार को अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में शृंगार किया गया था। श्रावण के पांचवें अंतिम सोमवार 19 अगस्त को बाबा विश्वनाथ का झूला शृंगार किया जाएगा। 

ग्रामीण अंचलों में भी शिवालियों में भक्तों की भारी भीड़ पूजन- दर्शन और जलाभिषेक करने उमड़ी। देर रात से ही मंदिरों के बाहर कावड़ियों की लंबी कतार लगी रही। ब्रह्म मुहूर्त में मंदिरों के कपाट खुले और दर्शन पूजन आरंभ हुआ। बाबा विश्वनाथ के मंदिर के अलावा अन्य शिवालयों में भी कांवड़ियों का जत्था और भक्तों का हुजूम नजर आया। गुप्तकाशी शिवद्वार धाम में श्रावण मास के चौथे सोमवार पर पांच हजार कांवड़ियों समेत 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने उमामहेश्वर का दर्शन-पूजन और जलाभिषेक किया। करीब 100 डाक बम कांवड़िया भी इसमें शामिल रहे। देर रात तक दर्शन- पूजन करने का क्रम जारी रहा।
जिले
के अन्य शिवालयों में भी श्रद्धालुओं ने पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। चौथे सोमवार को जलाभिषेक करने के लिए विजयगढ़ के श्रीराम सरोवर मिर्जापुर के गंगा नदी से कांवड़ में जल भरकर बड़ी संख्या में कांवड़िए रविवार दोपहर से ही तीर्थक्षेत्र में पहुंचने लगे। घोरावल के दशमिहवा तालाब स्थित शिव मंदिर, थनहवा तालाब स्थित शिव मंदिर, दुर्गा मंदिर और ग्रामीण इलाकों के शिव मंदिरों में भी दर्शन पूजन के लिए भक्तों की भीड़ रही। 

उधर, रॉबर्ट्सगंज नगर से सटे रौंप पहाड़ी पर स्थित पंचमुखी महादेव मंदिर, कंडाकोट स्थित गिरिशंकर मंदिर, बरैला स्थित अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तगण दर्शन पूजन करने पहुंचे।भक्तों की भीड़ से यहां मेला जैसा माहौल रहा। नगर के सिविल लाइंस रोड स्थित वीरेश्वर मंदिर, सोभनाथ, बाबा बैजू शिव मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों ने दर्शन पूजन किया। जल एवं दूध से शिव का भक्तों ने अभिषेक किया।

 

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