काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के 104वें दीक्षांत
में मिलेगी 14072 मेधावियों को उपाधि
इसमें 8110 स्नातक,
5074 स्नातकोत्तर,
867 पीएचडी
व
21 एमफिल
के
छात्र
शामिल
है
मुख्य अतिथि
होंगे
प्रख्यात
वैश्विक
उद्यमी
और
सुरक्षा
प्रौद्योगिकी
क्षेत्र
के
विशेषज्ञ
जय
चौधरी
इस बार
मिलेगी
क्यूआर
कोड
वाली
मिलेगी
डिग्री
14 दिसंबर को स्वतंत्रता भवन
में
होगा
समारोह
का
आयोजन
सुरेश गांधी
वाराणसी।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के 104वें दीक्षांत समारोह
की तैयारियां पूरी हो चुकी
है। समारोह में 14072 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान
की जाएंगी। मुख्य कार्यक्रम स्वतंत्रता भवन में प्रातः
9.30 बजे से आरंभ होगा।
यह जानकारी विश्व विद्यालय के कुलपति सुधीर
कमार जैन ने दी।
गुरुवार को केन्द्रीय कार्यालय
में पत्रकारों से बातचीत के
दौरान उन्होंने कहा कि संस्थानों
व संकायों में आयोजित होने
वाले उपाधि वितरण समारोहों में कुल 544 पदक
व पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। मुख्य
कार्यक्रम में मंच से
30 विद्यार्थी पदक प्राप्त करेंगे।
समारोह के मुख्य अतिथि
प्रख्यात वैश्विक उद्यमी तथा सुरक्षा प्रौद्योगिकी
के क्षेत्र के जय चौधरी
होंगे।
प्रो. जैन ने कहा
कि दीक्षांत विद्यार्थी जीवन से पुराछात्र
बनने का एक महत्वपूर्ण
व स्मरणीय अवसर होता है।
उन्होंने कहा, “दीक्षांत में उपाधि प्राप्त
करने वाले विद्यार्थी जीवन
भर इस क्षण को
याद करते हैं। काशी
हिन्दू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व
पुराछात्रों का संस्थान के
साथ एक विशिष्ट संबंध
है। ऐसा इसलिए है
क्योंकि इस विश्वविद्यालय में
मूल्यों व सिद्धांतों की
शिक्षा देने के साथ
साथ हम एक परिवार
के रूप में उनका
अनुसरण भी करते हैं।”
कुलपति जी ने काशी
हिन्दू विश्वविद्यालय के पुराछात्रों का
आह्वान किया कि वे
विश्वविद्यालय के साथ निरंतर
जुड़े रह कर संस्थान
की विकास गाथा में भागी
बनें। उन्होंने उपाधि प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों
तथा पुराछात्रों का आह्वान किया
कि वे विश्वविद्यालय के
पोर्टल से जुड़ें।
कुलपति ने बताया कि
इस वर्ष का दीक्षांत
प्रदान की जा रही
उपाधियों के लिहाज़ से
अत्यंत विशेष हैं। उन्होंने बताया
कि डिग्रियों में सुरक्षा फीचर
आरंभ किये जा रहे
हैं और इनके लिए
एक क्य़ू आर कोड
उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस कोड के माध्यम
से शिक्षण संस्थान अथवा हमारे विद्यार्थियों
को नियुक्तियां दे रहे संस्थान
जानकारियों की तुरंत जांच
कर सकेंगे।” यह क्यू आर
कोड विद्यार्थियों के बारे में
आवश्यक जानकारी जैसे पंजीकरण संख्या,
कोर्स आदि की सूचना
उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा फोटोकॉपी
करने पर डिग्री की
प्रति पर ‘कॉपी’ अंकित
होगा, जिससे उसकी अवैध नकल
पर रोक लग सकेगी।
डिग्रियों में सुरक्षा फीचर
उपलब्ध कराना विश्वविद्यालय के कामकाज में
डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को
बढ़ाने की दिशा में
महत्वपूर्ण क़दम है।
प्रख्यात वैश्विक उद्यमी तथा सुरक्षा प्रौद्योगिकी
क्षेत्र में एक प्रमुख
हस्ती जय चौधरी दीक्षांत
समारोह के मुख्य अतिथि
हैं। क्लाउड सुरक्षा की एक अग्रणी
अंतरराष्ट्रीय कंपनी ज़िस्केलर के सीईओ, अध्यक्ष
तथा संस्थापक जय चौधरी ने
वर्ष 1980 में विश्वविद्यालय के
इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (अब
आईआईटी-बीएचयू) से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की
डिग्री प्राप्त की थी। सुरक्षा
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में
उन्होंने अनेक ऐसे समाधान
खोजे हैं, जो उभरती
तकनीकों को सुरक्षित रूप
से स्थापित करने में उपयोगी
साबित हो रहे हैं।
उन्होंने सिक्योर आईटी, कोरहार्बर, साइफर ट्रस्ट तथा एयरडिफेंस जैसी
कई सफल कंपनियों की
स्थापना की है।
दीक्षांत समारोह के लिए छात्र- छात्राओं में
पीला उत्तरीय और गुलाबी साफा का वितरण
बीएचयू के 104वें दीक्षांत समारोह
से पहले साफा और
उत्तरीय का वितरण किया
गया। सभी मेधावियों के
चेहरे की रौनक बता
रही है कि दीक्षांत
समारोह का उन्हें कितनी
बेसब्री से इंतजार है।
मेडल और उपाधि से
पहले ही पीला उत्तरीय
और गुलाबी साफा पाकर छात्र-छात्राओं के चेहरे खुशी
से खिल उठे है।
इस बार स्टॉक की
कमी की गुंजाइश कम
है। साफा और उत्तरीय
के स्टॉक को जरूरत से
10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया
गया है। सबसे ज्यादा
2500 साफा और उत्तरीय कला
संकाय में बांटे गए
है। बाकी संस्थाओं और
संकायों में इसे दिया
गया। 13 दिसंबर तक सभी संकायों,
महिला महाविद्यालय और अलग-अलग
कॉलेजों के छात्र और
छात्राओं को उनके कैंपस
में वितरण होगा। राजीव गांधी साउथ कैंपस में
बीवोक के 300 छात्र-छात्राओं को कला संकाय
में साफा और उत्तरीय
मिलेंगे। वेटनरी के स्टूडेंट्स को
मेन कैंपस के कृषि विज्ञान
संस्थान में दिया जाएगा।
साफा गुलाबी रंग का है।
उत्तरीय पीले रंग का
है। बीएचयू सिंह द्वार और
माता सरस्वती की पेंटिंग बनी
हुई है। अंग्रेजी और
हिंदी में काशी हिंदू
विश्वविद्यालय व दीक्षांत समारोह
लिखा हुआ है। यूजी,
पीजी और पीएचडी के
सभी उत्तीर्ण छात्रों ने 200-200 रुपये ऑनलाइन जमा किए हैं।
अकादमिक परिधान की व्यवस्था पूर्व
छात्र और छात्राओं को
खुद करनी होगी।
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