काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण की तीसरी वर्षगांठ पर विशेष :
काशी में धनाभिषेक, 17 करोड़ श्रद्धालु,
टूरिज्म बमबम, कमाई 4500 करोड़ के पार
श्रीकाशी
विश्वनाथ
धाम
के
लोकार्पण
की
तीसरी
वर्षगांठ
धूमधाम
से
मनाया
जाने
लगा
है।
तो
दुसरी
तरफ
इन
तीन
सालों
में
काशी
में
दुनिया
जहान
से
आएं
भक्त
दर्शन-पूजन
के
बीच
धनाभिषेक
कर
काशीवासियों
को
मालामाल
करते
नजर
आएं।
यह
सब
काशी
विश्वनाथ
धाम
के
लोकार्पण,
काशी
के
मजबूत
हुए
इंफ्रास्ट्रक्चर
और
कनेक्टिविटी
से
संभव
हो
पाया
है।
आंकड़ों
के
मुताबिक
इन
तीन
सालों
में
लगभग
17 करोड़
से
अधिक
श्रद्धालुओं
ने
बाबा
धाम
में
मत्था
टेका।
जबकि
चढ़ावा
लगभग
150 करोड़
से
अधिक
का
है।
मंदिर
के
मुताबिक
पिछले
वर्ष
2023 के
प्रथम
छमाही
(जनवरी-जून)
के
मुकाबले
2024 के
प्रथम
छमाही
में
पर्यटकों
और
बाबा
विश्वनाथ
धाम
की
आमदनी
दोनों
में
रिकॉर्ड
बढ़ोत्तरी
हुई
है.
इस
समयावधि
में
2023 के
सापेक्ष
2024 में
धाम
की
आमदनी
में
24.66 प्रतिशत
बढ़ी
है,
वहीं
श्रद्धालुओं
की
संख्या
में
45.76 प्रतिशत
की
वृद्धि
हुई
है।
यानी
इस
अवधि
में
पिछले
वर्ष
की
अपेक्षा
एक
करोड़
पांच
लाख
अधिक
श्रद्धालु
आए।
श्री
काशी
विश्वनाथ
मंदिर
न्यास
के
मुख्य
कार्यपालक
अधिकारी
विश्व
भूषण
मिश्र
ने
.बताया
कि
वर्ष
2023 (जनवरी
से
जून)
तक
22979137 श्रद्धालुओं ने बाबा
के
दर्शन
किये
थे,
जबकि
2024 में
इस
समयावधि
के
भीतर
33494933 श्रद्धालुओं ने बाबा
के
दर्शन
किये
थे,
जबकि
2024 में
इस
समयावधि
के
भीतर
33494933 श्रद्धालुओं ने बाबा
के
दरबार
मे
हाज़िरी
लगाई।
यह
पिछले
वर्ष
से
1 करोड़,
5 लाख
15 हज़ार
,796 (1,05,15,796 ) अधिक है.
वहीं
धाम
के
पास
2023 के
पहले
छमाही
में
38,29,77,214 था जबकि, 2024 की
प्रथम
छमाही
में
आमदनी
47,74,13890 हो गई है. यह
9 करोड़
44 लाख
36 हज़ार
,676 (9,44,36,676) अधिक है.
इससे
यूपी
के
धार्मिक
राजधानी
काशी
की
अर्थव्यवस्था
में
न
सिर्फ
चार
चांद
लग
गया,
बल्कि
पर्यटन
से
जुड़े
ट्रैवल
टूरिज्म,
होटल,
हॉस्पिटैलिटी,
ट्रांसपोर्ट,
रियल
एस्टेट
से
लगायत
इंडस्ट्री
समेत
अन्य
कारोबार
में
इजाफा
देखने
को
मिला।
एक
अनुमान
के
मुताबिक
उद्घाटन
तिथि
से
अब
तक
विभिन्न
सेक्टरों
में
चढ़ावा
सहित
4500 करोड़
के
कारोबार
हो
चुके
होंगे
सुरेश गांधी
धार्मिक राजधानी काशी अब आर्थिक राजधानी बनने को अग्रसर है। या यूं कहे सबसे अधिक पर्यटकों वाला शहर बन गया है। इसने आगरा व मथुरा को भी पीछे छोड़ दिया है, जहां वर्ष 2022 में 6.5 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे। दिसंबर 2021 में काशी विश्वनाथ धाम उद्घाटन होने के बाद से अब तक लगभग 17.6 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। पांच लाख वर्ग फुट में फैला यह कॉरीडोर वाराणसी पर्यटन को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है। पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि के पीछे अहम कारण काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्विकास है, जिसमें गंगा क्रूज, विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती, गंगा घाटों का सौंदर्य, काशी की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत और बरसों पुरानी बुनाई की कला सम्मिलित है। काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक जब से मंदिर का पुनर्विकास हुआ है, हर रोज लगभग एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते हैं। वहीं, सावन के महीने में यह संख्या बढ़कर 3 से 4 लाख और सोमवार को साढ़े 6 लाख से ज्यादा हो जाती है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने .बताया कि वर्ष 2023 (जनवरी से जून) तक 22979137 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किये थे, जबकि 2024 में इस समयावधि के भीतर 33494933 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किये थे, जबकि 2024 में इस समयावधि के भीतर 33494933 श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार मे हाज़िरी लगाईयह पिछले वर्ष से 1 करोड़, 5 लाख 15 हज़ार ,796 (1,05,15,796 ) अधिक है. वहीं धाम के पास 2023 के पहले छमाही में 38,29,77,214 था जबकि, 2024 की प्रथम छमाही में आमदनी 47,74,13890 हो गई है. यह 9 करोड़ 44 लाख 36 हज़ार ,676 (9,44,36,676 ) अधिक है.
फिरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम
प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण
के बाद से वाराणसी
की आर्थिक तस्वीर बदल कर रख
दी है। ना सिर्फ
में रोजगार के साधनों में
वृद्धि हुई है, बल्कि
यहां के ढांचागत सुविधाओं
में भी व्यापक सुधार
हुआ है। पर्यटकों की
संख्या में अभूतपूर्व इजाफा
हुआ है। 99 फीसदी लोग मानते है
कि इस अवधि में
न सिर्फ शहर के ढांचागत
सुविधाओं में व्यापक सुधार
हुआ है, बल्कि रोजगार
का सृजन भी हुआ
है। अकेले पर्यटन के क्षेत्र में
सबसे ज्यादा 45 फीसदी रोजगार बढ़ा। इसके अलावा
घाटों के प्रबंधन के
कार्य में रोजगार बढ़े
है। होटल मालिकों की
आय में 75 फीसदी, दुकानदारों की आय में
50 फीसदी, ई-रिक्शा चालकों
की आय में 35 फीसदी
की बढ़ोत्तरी हुई है। टैक्सी
ऑपरेटरों की आय में
25 फीसदी की वृद्धि आंकी
गई है। नाविक, साड़ी
व्यवसायी, पूजन समाग्री विक्रेता,
गुलाबी मीनाकारी, शिल्प कारीगर, खाने-पीने के
दुकानदारों के मुताबिक उनकी
आय में पहले की
तुलना में 55 फीसदी की वृद्धि हुई
है। खास बात यह
है कि काशी विश्वनाथ
मंदिर में दर्शन-पूजन
पहुंचे 99 फीसदी फीसदी श्रद्धालु सुगम-दर्शन से
प्रभावित हैं।
सभी के लिए रोजगार के साधन बढ़े
होटल कारोबारियों के
मुताबिक मंदिर के पुनर्निर्माण के
बाद से तो मानो
वाराणसी की किस्मत चमक
गई है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर
में काफी सुधार हुआ
है। पहले दिनभर में
12-13 घंटे भी बिजली की
आपूर्ति मुश्किल से होती थी।
दिनभर होटलों में जेनरेटर की
वजह से शोर रहता
था, लेकिन अब ऐसा नहीं
है। अब यहां बिजली
की आपूर्ति पूरी तरह से
हो रही है। कनेक्टिविटी
में भी काफी सुधार
हुआ है। सड़क के
साथ-साथ हवाई मार्ग
से यात्रा की सुविधा भी
बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप
देश-विदेश से यहां पहुंचने
वालों की संख्या में
काफी बढ़ोतरी दिख रही है।
उनका कहना है कि
पहले यहां खास सीजन
या देव दीपावली या
गंगा दशहरा जैसे पर्वो के
मौके पर ही पर्यटक
पहुंचते थे, लेकिन आज
हर रोज एक से
डेढ़ लाख पर्यटकों के
आने से रोजगार के
अवसर बढ़े हैं। इससे
वाराणसी में 75 से 80 प्रतिशत तक व्यवसाय बढ़ा
है। होटल इंडस्ट्री में
बूम आया है। होटल
ऑनलाइन बुक किए जाते
हैं। एसी कमरों की
कीमत यहां 1000 से लेकर 3000 रुपये
तक है। वहीं, नन-एसी कमरों की
कीमत 1000 रुपये के नीचे है।
लगभग हर रोज यहां
होटल के कमरे बुक
हो जाते हैं। सिर्फ
होटल इंडस्ट्री को ही इसका
फायदा नहीं हो रहा,
बल्कि अन्य क्षेत्रों में
भी इसका असर दिख
रहा है। जिस तरह
से यहां पर्यटकों की
संख्या में लगातार बढ़ोतरी
हो रही है, उसे
देखते हुए यह कहना
गलत न होगा कि
पर्यटक स्थलों और धार्मिक स्थलों
के साथ-साथ लोग
यहां की पारंपरिक कला-संस्कृति, खान-पान, परिधान
आदि की ओर भी
आकर्षित हो रहे हैं।
बनारसी साड़ी हो या
फिर वाराणसी के स्ट्रीट फूड्स,
आज भी इनका क्रेज
पर्यटकों के सिर चढ़कर
बोलता है। यहां से
जाने से पहले वे
बनारसी साड़ी के अलावा
सिल्क के कपड़े साथ
ले जाना नहीं भूलते।
खाने-पीने की चीजों
का स्वाद चखना और फिर
उन्हें संग ले जाना,
पर्यटकों के इस कदम
से वाराणसी के लोगों के
व्यवसाय में काफी बढ़ोतरी
हुई है। रिक्शा चलाने
वाले से नाव चलाने
वाले नाविक तक, सभी के
लिए रोजगार के साधन बढ़े
हैं। वाराणसी में समृद्धि हर
ओर देखने को मिल रही
है। परिवहन सुविधाएं बढ़ने और अन्य
कई सुविधाएं देखने के बाद देश-विदेश से आने वाले
लोग भी यहां निवेश
करने को लेकर कदम
बढ़ा रहे हैं।
बेहतर कनेक्टिविटी भी है वजह
सीईओं विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण, काशी के मजबूत हुए इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी ने यहां आने वाले धार्मिक पर्यटकों की राह आसान कर दी है. निःसंदेह योगी सरकार के प्रयासों ने मंदिर के पुनरुद्धार के बाद यहां पहुंचने, ठहरने समेत दर्शन-पूजन आदि को भी बेहद आसान बना दिया है। देश को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने के अपने मिशन के साथ मौजूदा सरकार लगातार शहर में पर्यटन की आर्थिक क्षमता को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटी है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर और घाटों के लिए हमेशा से प्रसिद्ध यह नगर, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की सरकार की परंपरा और आधुनिकता को साथ लेकर आगे बढ़ रही है। परिणामस्वरूप काशी-विश्वनाथधाम मंदिर समेत समूचे वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। मुम्बई और गोवा की तरह अब वाराणसी में भी लोग पानी पर लग्जरी यात्रा का आनंद उठा रहे हैं। वाराणसी यूपी का पहला ऐसा शहर है, जहां नदी में चलने वाले क्रूज की संख्या 10 से ज्यादा हो चुकी है। पर्यटकों की संख्या में हुई वृद्धि से वाराणसी में रिवर टूरिज्म की डिमांड भी बढ़ी है, जिसमें क्रूज की मांग भी शामिल है। गंगा की लहरों पर क्रूज का संचालन बढ़ने से वाराणसी में न सिर्फ पर्यटन क्षेत्र का विकास हो रहा है, बल्कि यहां के कारोबारियों को भी लाभ मिल रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी के कारण पर्यटक वाराणसी के साथ-साथ अयोध्या, विन्ध्याचल और प्रयागराज भी जा रहे हैं।
छुट्टियों और पर्व-त्योहारों में काशी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। टेंट सिटी, रिवर फ्रंट, नमो घाट जैसी पर्यटन परिवहन तथा मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करने वाली परियोजनाओं के पूरा होने के बाद काशी सहित वाराणसी और मिर्जापुर मंडल में पर्यटन उद्योग को और ऊंचाई मिलेगी।
खुला समृद्धि का द्वार
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
के निर्माण ने समृद्धि के
द्वार खोल दिए हैं।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकापर्ण के
बाद पहले ही साल
भक्तों ने 100 करोड़ रुपये से
अधिक का दान दिया।
महज एक साल के
भीतर ही 7.35 करोड़ से अधिक
श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
यह तादाद पहले के मुकाबले
12 गुने से भी ज्यादा
है। मंदिर में बीते एक
साल में नकदी के
अलावा 60 किलो सोना, 10 किलो
चांदी, 1500 किलो तांबा भी
भक्तों ने चढ़ाया है।
श्रद्धालुओं ने 50 करोड़ रुपये से
ज्यादा की नकदी दान
में दी है। कुल
मिले दान का 40 फीसदी
ऑनलाइन आया है। खुद
मंदिर प्रशासन की ओर से
जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते
साल के मुकाबले इस
साल आय में 500 फीसदी
की बढ़ोत्तरी हुई है।
दस गुना पर्यटक
पर्यटन विभाग के मुताबिक वर्ष
2022 में महज जुलाई महीने
में वाराणसी पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों
की संख्या 40.03 लाख थी, जो
जुलाई 2017 के 4.61 लाख के मुकाबले
करीब दस गुना ज्यादा
है। इस साल सावन
और देव दीपावली में
वाराणसी पहुंचने वाले पर्यटकों की
संख्या ने रिकार्ड बनाया
है। काशी विश्वनाथ मंदिर
के चारों प्रवेश द्वारों पर लगे हेट
स्कैनिंग मशीन से आने
वालों की गिनती की
जाती है। काशी विश्वनाथ
धाम ने जबसे दिव्य
रूप लिया वाराणसी के
फूल माला से जुड़े
लोग हों या बनारसी
साड़ी व्यवसाय करने वाले सभी
उत्साहित हैं. व्यापार में
40 प्रतिशत बूम से सबके
चेहरे खिले हुए हैं.
गोदौलिया, मैदागिन, अस्सी आदि चौराहे के
नजदीक दुकान चलाने वाले तमाम दुकानदार
विश्वनाथ धाम के निर्माण
के बाद से अपने
कारोबार में हुए इजाफे
से खुश हैं. वह
कहते हैं कि काशी
विश्वनाथ धाम के जीर्णोद्धार
का असर शहर के
हर क्षेत्र में दिख रहा
है. यहां के लोगों
की आय में इजाफा
हो रहा है और
संसार भर से करोड़ों
श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के
दर्शन करने आ रहे
है. इनकी संख्या अब
हर साल बढ़ती जाएगी
क्योंकि शहर के ढांचागत
विकास पर अब विशेष
ध्यान दिया जा रहा
है.
40 फीसदी दान ऑनलाइन
बाबा के भक्त
यहां की व्यवस्था की
तरह हाईटेक हो रहे हैं।
साल भर में विभिन्न
मदों में आए लगभग
50 करोड़ दान में 40 फीसदी
ऑनलाइन था। मंदिर गर्भगृह
को स्वर्णमंडित करने के लिए
मुंबई के श्रद्धालु ने
60 किलो सोना दान किया।
अन्य मदों में लोग
तैयार खड़े दिखे। श्रद्धालु
व दान विस्तार को
देखते हुए माना जा
रहा है कि पांच
साल में मंदिर विस्तार
व सुंदरीकरण में खर्च 850 करोड़
से अधिक धनराशि चढ़ावे
में आ जाएगी।
महका फूलों का बाजार
सावन में श्रद्धालुओं
ने बाबा विश्वनाथ का
जलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया।
वहीं गौरीकेदारेश्वर, जागेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, कर्दमेश्वर महादेव, सारंगनाथ, शूलटंकेश्वर सहित द्वादश ज्योर्तिलिंग,
मणिमंदिर सहित सभी मंदिर
भक्तों से गुलजार रहे।
कहीं भगवान शिव का हरियाली
शृंगार हुआ तो कहीं
फूल बंगला की झांकी सजाई
गई। हिम शृंगार के
दर्शन कर श्रद्धालुओं ने
भोग अर्पित किया। शूलटंकेश्वर से लेकर कैथी
मार्कंडेय महादेव धाम तक आस्थावान
भक्ति में डूबे नजर
आए। त्रिदेव मंदिर में जलविहार की
झांकी सजाई गई। वृंदावन
के मोहक फूल बंगले
के बीच विशाल झील
में फुहारों के बीच राधा
कृष्ण के जलविहार की
झांकी भक्तों में मन में
समा गई। हिम शिवलिंग
के साथ राम लक्ष्मण
सीता हनुमान के साथ ही
फूलों से बने झूले
पर राधाकृष्ण की झांकी लोग
अपलक निहारते रहे। राणी सती
के अलावा सालासर हनुमान और खाटू वाले
श्याम प्रभु के शृंगार के
दर्शन के साथ त्रिदेवों
को छप्पन भोग अर्पित किया
गया। सावन के महीने
में जहां बाबा के
धाम में भक्तों की
कतार उमड़ी वहीं फूलों
का बाजार भी महक उठा।
सावन के महीने में
सवा पांच करोड़ से
अधिक फूलों का खरीद और
बिक्री हुई। मलदहिया फूल
मंडी की ओर से
जारी आंकड़ों के अनुसार सोमवार
को 50 लाख से अधिक
फूल और मालाएं बिक
गईं। वहीं रविवार को
30 लाख रुपये से अधिक के
फूल-माला की बिक्री
हुई थी।
वर्ष 2023 के पहले छह महीने की कुल
आमदनी और
दर्शनार्थियों
की
संख्या
माह
---- कुल
आमदनी --- दर्शनार्थियों
की संख्या
जनवरी--4,71,90846.00---42,29,590.
फ़रवरी--
5,13,06121.00-- 40,04807
मार्च--
-9,78,25698.00-- 37,11,060
अप्रैल---- 6,96,24352.00-- 4231858
मई
- 04,84125.00---31,55,476
जून
--- 5,65,46072,00----36,46,346
जनवरी
से जून 2024 तक की कुल
आमदनी और दर्शनार्थियों की संख्या
जनवरी
---5,29,13036.00----46,50,272
फ़रवरी----6,90,54449.00--32,.,67,772
मार्च---11,15,12236.00-----95,63,432
अप्रैल----6,96,74352.00-49,88,040
मई---8,02,76968.00----61,87,954
जून---9,39,82849.00---48,37,463
अब तक 17.36 करोड़ भक्तों ने किए बाबा के दर्शन
वर्ष आय
2017-18 20.14 करोड़
2018-19 26.65 करोड़
2019-20 26.43 करोड़
2020-21 11.10 करोड़
2021-22 20.08 करोड़
2022-23 20.08 करोड़
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