सामूहिक विवाह में 401 जोड़ों ने एक
साथ सात फेरे ले एक दूजे के हो गए...
यूपी सरकार
अब
तक
मुख्यमंत्री
सामूहिक
योजना
अंतर्गत
4 लाख
जोड़ों
की
शादियां
करा
चुकी
है
: सीएम
योगी
आदित्यनाथ
दहेज प्रथा
पर
प्रहार
व
सामाजिक
समता
का
प्रतीक
है
सामूहिक
विवाह
कार्यक्रम
: मुख्यमंत्री
सामूहिक विवाह
है
यज्ञ
के
समान
: सीएम
योगी
मोदी-योगी
सरकार
महिलाओं
एवं
बेटियों
के
सम्मान
व
उनके
गौरव
की
सुरक्षा
के
लिये
कर
रही
कार्य
सुरेश गांधी
वाराणसी। नेशनल इंटर कॉलेज, पिंडरा के मैदान में शनिवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना कार्यक्रम के अंतर्गत 401 जोड़ो ने हिंदू रीति रिवाज के तहत वैदिक मंत्रोच्चार के वर-वधुओं ने सात फेरे लिये और एक दूजे के हो गये. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाल विवाह एवं दहेज मुक्त व्यवस्था के साक्षी बने और वर-बधु शादी के जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए शुभकामनाएं भी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सामूहिक विवाह कार्यक्रम सामाजिक कुरीति
पर जोरदार प्रहार है।उन्होंने कहा कि आज
जब दहेज रूपी दानव
के कारण अनेकों परिवारों
के सामने संकट पैदा करता
है, कितनी बेटियां अविवाहित रह जाती है।
ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री सामूहिक
विवाह योजना को महान आयोजन
बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की देश
में सरकार बनने के बाद
उन्होंने महिलाओं को व्यापक स्तर
पर सम्मान दिया। बेटी बचाओ बेटी
पढ़ाओ से उन्होंने जो
कार्यक्रम शुरू किया, वह
आज देश के अंदर
प्रत्येक क्षेत्र में बेटियों द्वारा
अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया
जा रहा, उसका सर्वत्र
स्वागत किया जा रहा
है। इज्जत घर के रूप
में शौचालय, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण
आवास योजना आदि नारी के
सम्मान एवं उनके गौरव
का प्रतीक बना। देश में
10 करोड़ लोगों को इस योजना
से लाभांवित कराया गया। जिसमें उत्तर
प्रदेश के लगभग 2 करोड़
लोगों को लाभ पहुंचाया
गया। महिला एवं सहायता समूह
के माध्यम से 3 करोड़ दीदियों
को लखपति बनाने की योजना भी
उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में
किया गया। आयुष्मान भारत
योजनांतर्गत 70 वर्ष से अधिक
उम्र की वह महिला
या पुरुष हो, किसी जाति,
धर्म, मजहब की हो,
उसे प्रत्येक वर्ष 05 रूपये का निःशुल्क मेडिकल
सुविधा मिले, प्रारम्भ हो गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री
की प्रेरणा से वर्ष 2017 में
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना कार्यक्रम शुरू किया गया।
जिसके अंतर्गत अब तक प्रदेश
में 4 लाख से अधिक
बेटियों की शादियां करायी
जा चुकी हैं। यह
सामूहिक शादी कार्यक्रम को
यज्ञ बताते हुए मुख्यमंत्री ने
कहा कि इसमें हमलोग
भी सम्मिलित होकर गौरांवित महसूस
कर रहे है। उन्होंने
वर बधुओं एवं उनके परिजनों
को संबोधित करते हुए कहा
कि यह सौभाग्य की
बात है कि इस
सामूहिक शादी का कार्ड
जिले के डीएम ने
बाटे और शादी कार्यक्रम
में हम सब शामिल
हो रहे है। हर
हालत में बेटियों की
सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने प्रतीकात्मक रूप
से साधना-अभिषेक, पूनम-अजय, प्रियाकुमारी,
ज्योति-कृष्ण दत्त, अनिशा- राहुल, सविता पटेल-कुलदीप व
वंदना धर्मराज जोड़ो को उपहार
दिए। उन्होंने ग्रामीण मॉल सेफ योजनांतर्गत
बिंदु, बाबी सिंह, प्रमिला,
पूजा सोनकर, माधुरी को चाभी भी
दी। तत्पश्चात नव विवाहित जोड़ों
के बीच जाकर उन
पर पुष्प वर्षा कर आशीर्वाद दिये।
बता दें, योगी सरकार
राज्य के आर्थिक रूप
से कमजोर परिवार की बेटियों के
विवाह तथा विधवा, तलाकशुदा
महिला के पुनर्विवाह में
सहायता करने के लिए
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की
है। इस योजना के
तहत प्रत्येक लाभार्थी युगल के विवाह
पर प्रदेश सरकार कुल 51,000 रुपये की धनराशि व्यय
की जाती है। अनुसूचित
जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग,
अल्पसंख्यक वर्ग एवं सामान्य
वर्ग के गरीब व्यक्तियों
के पुत्रियों के विवाह
के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक
विवाह योजना के तहत ऑनलाइन
पोर्टल पर जरूरी अभिलेखों
के साथ लाभार्थी ऑनलाइन
आवेदन करते है। सामूहिक
विवाह कार्यक्रम में स्टांप एवं
न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष
पूनम मौर्या, एमएलसी धर्मेंद्र राय, एमएलसी हंसराज
विश्वकर्मा, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक
डॉ अवधेश सिंह, विधायक सुनील पटेल, विधायक टी राम, विधायक
सुशील सिंह, पूर्व सांसद डॉ बी.पी.
सरोज के अलावा कमिश्नर
कौशल राज शर्मा, पुलिस
कमिश्नर मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, मुख्य
विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल आदि लोग प्रमुख
रूप से उपस्थित रहे।
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