Tuesday, 17 December 2024

संभल के बाद काशी के मुस्लिम इलाके में शिव मंदिर होने का दावा

संभल के बाद काशी के मुस्लिम इलाके में शिव मंदिर होने का दावा

ताले में बंद मंदिर के बाहर महिलाओं ने किया शंखनाद, गूंजा हर - हर महादेव

1978 के दंगे के बाद हिंदू परिवार पलायन कर गए थे, तब से बंद है मंदिर

सुरेश गांधी

वाराणसी। एक तरफ संभल सुर्खियों में है तो दूसरी तरफ वाराणसी में भी मुस्लिम इलाके में पुराना बंद पड़ा शिंव मंदिर मिलने से हड़कंप मचा है। सालों से बंद पड़ा यह मंदिर दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के मुस्लिम बाहुल्य इलाका मदनपुरा में है. सनातन का मोर्चा संभाल रहे लोगों का कहना है कि यह मंदिर 250 साल पुराना है और मंदिर में 10 साल से ताला बंद है। मंदिर के अंदर मिट्टी भरी है। मौके पर पहुंची बंगाली समाज की महिलाओं द्वारा शंखनाद करते हुए नमः पार्वती पतये हर- हर महादेव के नारे लगाए गए। महिलाओं ने कहा कि हमारा उद्देश्य विवाद का नहीं है यहां मंदिर है और इसे खुलना चाहिए, जिससे पूजा- पाठ किया जा सके। इस मामले को लेकर एहतियातन मंगलवार की सुबह से मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स लगाई गई है। 

बता दें, संभल में 4 दिन में 2 बंद मंदिर मिले हैं। दोनों मुस्लिम बहुल इलाके में हैं। पहला कार्तिकेश्वर मंदिर 14 दिसंबर को जामा मस्जिद से डेढ़ किमी खग्गूसराय में मिला था। दूसरा आज यानी मंगलवार को हयात नगर के सरायतरीन में मिला। मंदिरों की बीच की दूरी 2 किमी है। इसी तरह वाराणसी में मुस्लिम बहुल इलाके में मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। इसे लेकर मंगलवार को मौके पर काफी संख्या में लोग पहुंचे और मंदिर खोलने की मांग पर अड़े रहे।  जबकि राशिद खान का कहना है कि ये प्रॉपर्टी उनकी है, इसमें किसी और को पूजा करने की अनुमति नहीं मिलेगी। जो जैसा है वैसे रहने दिया जाए। इस मामले को इतना हाईलाइट किया जाए।

उधर मंदिर होने की सूचना मिलते ही सनातन रक्षक दल के सदस्य मौके पर पहुंच गए थे। सदस्यों ने मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप करने और मंदिर का ताला खुलवाने की मांग की है। ताला किसने बंद किया, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल सकी। जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और समझा-बुझाकर सदस्यों को वापस भेजा। सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि सोमवार की दोपहर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की गई। लिखा गया कि ध्यान दीजिए। काशी की गलियों में बंद पड़ा है शिव मंदिर। यह मंदिर मदनपुरा में मकान नंबर डी- 31 के चबूतरे के पास है। इस पोस्ट को पढ़ने के बाद मौके पर पहुंचा तो मंदिर मिला। आसपास रहने वाले लोग मंदिर के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं बता रहे थे। मंदिर के अंदर मिट्टी भरी हुई है।

इस मंदिर का जिक्र काशीखंड में है : अजय

अजय शर्मा ने बताया कि इस मंदिर का जिक्र काशीखंड में है। मंदिर पुष्पदंतेश्वर से दक्षिण परम सिद्धिप्रद सिद्धीश्वर हैं। मंदिर के पास ही सिद्धतीर्थ कूप भी है। यह पूरा इलाका किसी समय में हिंदू आबादी का हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे इस इलाके में मिश्रित आबादी बसती चली गई और वर्ग विशेष के लोगों ने कई मकान खरीद लिए. उनका कहना है कि आसपास बड़ी संख्या में पहले यहां पर बंगाली आबादी ही हुआ करती थी. बंगाली परिवार यहां रहा करते थे, लेकिन समय के साथ यहां से लोग दूर हो गए. फिलहाल इस मामले की जांच अधिकारियों द्वारा की जा रही है. इसके बाद ही कोई कार्रवाई प्रशासन करेगा. हालांकि यहां पूजा पाठ की मांग की गई है.

हमारे लीगल एडवाइजर इस मामले को देखेंगे : अक्षत वर्मा

 नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कहा कि जो भी कार्रवाई करनी है, वह पुलिस को करनी है. मैं इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. संबंधित विभाग कार्रवाई कर रहा है.” हालांकि प्रसासन अभी इस मामले की जांच करवा रहा है. ताला अभी खोला नहीं गया है. हमारे लीगल एडवाइजर इस मामले को देखेंगे. जिनकी मदद से यह जानने की कोशिश होगी कि यह मंदिर कितना पुराना है और कब तैयार हुआ था

इससे जुड़ी समस्त जानकारियां और दस्तावेजों को निकालने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल देखने में मंदिर का स्ट्रक्चर नजर रहा है. बाहर होने की वजह से यह सार्वजनिक भी है. मंदिर किसी वर्ग विशेष या परिवार का नहीं हो सकता है. मंदिर सभी लोगों के लिए पूजा स्थल होता है. इसलिए इसकी जांच पड़ताल के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.

ताले को खुलवाने की प्रक्रिया की जा रही है : डीसीपी

डीसीपी काशी जोन गौरव वंसवाल का कहना है कि मंदिर मिला यह बात गलत है, क्योंकि मंदिर यहां शुरू से ही है और कई सौ साल पुराना है. यह मंदिर और इसके ताले को खुलवाने की प्रक्रिया की जा रही है. ताला किसने बंद किया कब से बंद है, यह बात की भी जांच पड़ताल कराई जा रही है. पीएसी और लोकल पुलिस को यहां तैनात कर दिया गया है. आसपास के लोगों को यहां पूजा पाठ होने या अन्य किसी भी कम से कोई आपत्ति नहीं है. जांच पड़ताल के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. हालांकि जिस मकान में यह मंदिर है उस मकान में रहने वाले वर्ग विशेष के लोग इस बात से खफा हैं. उनका कहना है इतने सालों से यह मंदिर बंद है. हमने कभी से खुला नहीं देखा. अचानक इसको लेकर इस तरह की चीज नहीं होनी चाहिए. यह माहौल बिगाड़ सकती है. कुछ लोगों का कहना था कि मंदिर है तो पूजा पाठ हो, लेकिन माहौल नहीं बिगाड़ना चाहिए.

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