मानवता के सच्चे मसीहा थे संत कंवरराम : चंद कांछला
संत कंवर
राम
सिंधी
युवा
समिति
का
19वां
दायित्व
ग्रहण
समारोह
संस्थापक अध्यक्ष
चंदन
रुपानी
ने
2025 के
लिए
अध्यक्ष
जय
लालवानी,
सचिव
सुनीत
रामनानी,
कोषाध्यक्ष
रतन
राजवानी
सहित
संस्था
के
सदस्यों
के
संचालक
मंडल
को
पद
एवं
गोपनीयता
की
शपथ
दिलाई
सुरेश गांधी
वाराणसी। संत कंवर राम सिंधी युवा समिति ने अपनी संस्था के 18 साल पूरा होने पर 19वां दायित्व ग्रहण समारोह रविवार को होटल एलिगेंस में मनाया। इस मौके पर संस्था के संस्थापक चंदन रुपानी ने साल 2025 के लिए अध्यक्ष के रूप में जय लालवानी, सचिव सुनीत रामनानी, कोषाध्यक्ष रतन राजवानी सहित संस्था के 45 सदस्यों के संचालक मंडल को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। जबकि इस बार संस्था में बने 12 नए सदस्यों को संस्था के संरक्षक जगदीश पेशवानी ने शपथ दिलायी।
समारोह का शुभारंभ मुख्य
अतिथि एवं शिव शांति
आश्रम लखनऊ साई हरीश
लाल साहब व विशिष्ट
अतिथि एवं मुख्य वक्ता
रायपुर छत्तीसगढ़ के चंद कांछला
ने इष्टदेव साईं झूलेलाल व
संत कंवर राम साहब
जी के चित्र पर
माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित
कर गया। इसके बाद
वर्तमान अध्यक्ष पवन साजिदा ने
मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि
को अंग वस्त्रम् पहनाकर
सम्मान किया। कार्यक्रम में सन 2024 के
साल भर में हुए
कार्य की जानकारी वर्तमान
सचिव संजय टहलानी व
वर्षभर का लेखा-जोखा
वर्तमान कोषध्यक्ष विक्की रूपरेला ने दी। मुख्य
वक्ता चंद कांछला ने
समाज के लोगों को
संबोधित करते हुए कहा
कि ईश्वर भक्ति में रहकर सच्ची
सेवा के कार्य कैसे
करने चाहिए। वही मुख्य अतिथि
साई हरीस लाल साहिब
ने सभी को आशीर्वाद
दिया।
कार्यक्रम का संचालन नरेश
बदानी व दीपक वासवानी
ने किया। संस्था का परिचय संस्था
के संरक्षक मनोज लखमानी ने
कराया। कार्यक्रम को मुख्य रूप
देने में विजय राजवानी,
कमल हरचानी, दिलीप आहुजा, धर्मेंद्र संहता, सुनील वाध्या व कार्यक्रम संयोजक
राकेश वलेचा, धर्मेंद्र शीतलानी, दिनेश दौलानी, नवीन सचदेवा की
अहम भूमिका रही। इस अवसर
पर सिंधी समाज की सक्रिय
संस्था संत कंवर राम
सिंधी युवा समिति के
कार्यो की जमकर सराहना
की गयी और समारोह
में उपस्थित सभी लोगों ने
भक्त कवर राम को
याद किया। चंद कांछला ने
संत कंवर के जीवन
के बारे में प्रकाश
डाला।
उन्होंने बताया कि भक्त कवर
राम का जन्म सन
1885 में ग्राम जरवार जिला सखर सिंध
में हुआ था। वह
बहुत गरीब थे। बचपन
से ही मां उन्हें
कोहर बनाकर देती थी और
वह बाजार में जाकर गली
गली में बेचते थे।
एक दिन ऐसे ही
गली में जा रहे
थे। एक घर में
साईं सतराम दास सत्संग कर
रहे थे। उनके कानों
में भक्त कंवर राम
की मीठी आवाज पहुंची।
उन्होंने अपने भक्तों को
कहा जाकर बाहर देखो
कौन कोहर बेच रहा
है। उसको मेरे पास
लेकर आओ। भक्त बाहर
गया और कवर को
लेकर आया।
उन्होंने कहा कि बेटा कंवर थोड़े से कोहर हमको भी दे दो पर हमारे पास पैसे नहीं हैं। कंवर ने बड़े ही प्यार से कहा कि साईं पैसे की क्या बात है आपका आशीर्वाद है करोड़ों से कम नहीं है। आशीर्वाद मुझे दीजिए उनके मीठे बोल सुनकर संत सतराम दास साहेब जी प्रसन्न हुए और उन्हें अपना शिष्य बना लिया। साथ ही कहा कि एक दिन कंवर बड़ा होकर अपने माता-पिता का, अपने गांव का, अपने प्रदेश का और
अपने गुरु का नाम गर्व से ऊंचा करेगा। संतों की वाणी सत्य होती है।उन्होंने कहा कि संत
कंवरराम मानवता के लिए सच्चे
मसीहा थे। उन्होंने कहा
कि जिन दो आतंकियों
ने संत कंवरराम की
हत्या की योजना बनाई,
उन्होंने हत्या के पूर्व संत
कंवरराम से आशीर्वाद लिया।
संत कंवरराम ने उन्हें आशीर्वाद
दिया और बोले कि
उनका कार्य अवश्य पूरा होगा। दोनों
आतंकियों ने सिंध प्रदेश
के स्टेशन पर ट्रेन में
बैठे संत कंवरराम की
निर्मम हत्या कर दी। उन्होंने
कहा कि सभ्यता, संस्कृति
व सदाचार के लिए विख्यात
सिंध प्रदेश में जन्मे संत
कंवरराम ऊंच-नीच व
अमीर गरीब के भेद
को मिटाकर समता का भाव
जन-जन के हृदय
में स्थापित करके लोगों के
नैतिक आचरण को बल
व समाज को नई
दिशा प्रदान की। उन्होंने कहा
कि संत कंवरराम का
इतिहास प्रदेश सरकार सरकारी पाठ्य पुस्तकों में शामिल करे,
ताकि युवा पीढ़ी उनके
इतिहास को पढ़कर आत्मसात
कर सकें। उन्होंने कहा हमें अपने
जीवन में जो भी
प्राप्त करना हो उस
लक्ष्य को केंद्रित कर
बचपन से ही उसमें
जुट जाना चाहिए। सारी
अव्यवस्थाओं को दरकिनार कर
लक्ष्य के प्रति अग्रसर
रहना चाहिए और हमेशा कोशिश
करना चाहिए क्योंकि कोशिश करने वालों की
कभी हार नहीं होती।
इस अवसर पर
राकेश, विशन रूपरेजा विवेक
बदलनी, संजय मृगवानी, जय
लालवानी, मनोज मूर्जानी, राकेश
बलेचा, पुनिल खिलवानी, सतीश भाटिया, प्रमोद
शर्मा, विजय होतवानी, भरत
चांगरानी, र्प्रकाश भागचंदानी, धर्मेंद्र शितलानी, देवानंद कुकरेजा, गौतम बिजलानी, रतन
राजवानी, दीपक लखमानी, जय
निहलानी, जितेंद्र तुलस्यानी, रितेश माखीजा, निशांत लखमानी, पप्पू माखीजा, हितेश लालवानी, विशाल गब्बानी, अमित बजाज, मनीष
बालानी, भानू बांधवानी, धर्मेंद्र
टहलानी, संजय रूपचांदानी, जितेंद्र
नैनानी, दीपक राजदेव, सुनिलरमनानी
आदि मौजूद रहे।
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